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जलीय जैविक विविधता संरक्षण नीति पारित

पहुरा समाचारदाता | २९ फाल्गुन २०७६, बिहीबार

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २९ फागुन । कैलालीके चुरे गाउँपालिकासे जलचर एवं जलीय जैविक विविधता संरक्षण नीति पारित करले बा ।
गाउँपालिकाके तिसरा हिउँदे गाउँसभासे उ नीति पारित करल हो । कैलाली ओ डोटीके सीमा होके बहना ठूलीगाड क्षेत्रमे पर्ना गाउँपालिका भिट्टरके समुदाय तथा जनप्रतिनिधिहुक्रनके रायसुझावहे समेटके मस्यौदा तयार कैके जलचर एवं जलीय जैविक विविधता संरक्षण नीति पारित करल जनाइल बा ।
गाउँपालिकाके अध्यक्ष धनबहादुर रोकामगरके अनुसार जलचर एंव जलीय जैविक विविधता संरक्षणके परिभाषा, दण्ड जरिवाना, उत्खनन करे पैना लगायत विषय समेटल बावै ।
ठूलीगाड लडियामे विषादी तथा विद्युतीय उपकरणके प्रयोग कैके मच्छी मरना अथवा आधुनिक प्रविधिके प्रयोग कैके मच्छी मर्ना लगायत बन्देज लगाइल बा ।विशेषतः मच्छीनके अण्डा पर्ना मौसम जेठ, असार ओ साउनमे मच्छी मर्ना पूर्ण बन्देज लगाजैना जनाइल बा ।
मच्छी अण्डा पर्र्ना मौसममे बन्सी प्रयोग कैके मच्छी मारेबर मच्छीनके जनसंख्या घट्नाके साथे जथाभावीरूपमे विष प्रयोगसे जलचर प्राणीमे प्रत्यक्ष असर पर्ना हुइल ओरसे उ नीति लागू कैके संरक्षणके अभियान थालनी हुइल गाउँपालिकाके प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत वसन्त बोहरा जानकारी डेलै ।
नीतिमे उत्खननके विषयमे गाउँपालिकासे वातावरणीय प्रभाव मूल्यांकन करलपाछे किल पैना उल्लेख करलेसे फेन अव्यवस्थित बसोबास तथा जथाभावी भौतिक संरचना निर्माणहे समेत समेटल उहाँ बटैलै ।
ठुलीगाडलगायत कर्णाली लडियामे मच्छी मर्ना विषादी, विद्युतीय उपकरणलगायत प्रयोग करटी आइलमे आब उहीहे व्यवस्थित कैना नीति बनाइल बा । अव्यवस्थित मानव बस्ती विस्तार, जथाभावी भौतिक संरचना निर्माण कैनाु, उत्खननलगायत कारणसे लडियाके स्वरूप बिग्रटी गैल प्रति सरोकारवाला चिन्ता व्यक्त करटी आइल बाटै ।
एक अध्ययनअनुसार महाकालीमे सात तथा कर्णालीमे ६२ जलाधार क्षेत्र रहल बावै । कर्णाली लडियामे विश्वमे पाँचौँ सुन्दर स्थानमे पर्ना अध्ययन डेखैले बा । डोटी ओ कैलाली सीमा होके बहना ठूलीगाड कर्णालीमे मिलठ् ।

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