२० बरसपाछे रानाथारू समुदाय आदिवासी जनजातिमे सूचीकृत
काठमाडौं, ७ जेठ । रानाथारू सूचीकरणके सक्कु कानूनी प्रक्रिया पूरा हुइल बा । रानाथारू सूचीकरणके सक्कु कानूनी प्रक्रिया पूरा हुइलसंगे राजपत्रमे प्रकाशित हुइल बा ।
संघीय मामिला तथा सामान्य प्रशासन मन्त्रालयके समावेशी शाखा अधिकृत बन्दना कर्ण रानाथारू जाति आदिवासी जनजातिमे सूचीकृत हुइल बटैली । उहाँ कहली, ‘रानाथारू जाति आदिवासी जनजातिके सूचीमे सूचीकृत हुइल बा । सोम्मारके राजपत्रमे सूचना समेत प्रकाशन हुइल बा । अब यकर सक्कु कानूनी प्रक्रिया पूरा हुइल ।’
कैलाली क्षेत्र नं ५ के नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा)से प्रतिनिधिसभाके सदस्य नारदमुनी राना आदीवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रय प्रतिष्ठान ऐन २०५८ के परिच्छेद ५ के दफा २५ बमोजिम नेपाल सरकारके सिफारिसमार्फत राजपत्रमे सूचीकरणके सूचना प्रकाशित कैके आदीवासी जनजातिके अनुसूचीमे थपघट करे सेक्ना व्यवस्था अनुरुप सूचीकरण कैके राजपत्रमे प्रकाशन हुइल बटैलै ।
राथानारू जाति सूचीकरण होके राजपत्रमे प्रकाशित हुइलपो राना खुसी हुइटी कहलै, ‘रानाथारू जातिहे आदिवासी जनजातिमे सूचीमा सूचीकृत करैना पूरा हुइल बा ।’
यिहीसे आघेसम ५९ ठो आदिवासी जनजाति सूचीकृत हुइलमे आब रानाथारू थपलपाछे नेपालमे ६० आदिवासी जनजाति सूचीकृत हुइल बाटै ।
लगातारके दौडधुप
गत प्रतिनिधिसभा निर्वाचनमे सांसद रानाके मुख्य एजेण्डा रानाथारू समुदायहे आदिवासी जनजातिमे सूचीकृत कैना रहे ।
विजय हाँसिल करलठनसे नै राना चुनावमे करल बाँचा पुरा करक लाग दौरधुप करल रहिट । रानाथारू समुदायहे आदिवासीके सूचीमा सूचीकृत करैना बाँचा पुरा करक लाग उहाँ राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, मन्त्रीलगायतहे ज्ञापनपत्र बुझैटी ध्यानाकर्षण कराइल रहिट ।
संघीय संसदमे रानाथारूसे राना एकठो किल सदस्य बाटै । मने, राना सूचीकृतके लाग सडकसे सदनसम आवाज उठाइ नाइ छोरलै ।
दुई बरसके प्रयास ओ मेहनतपाछे अन्ततः सांसद नारदमुनी रानाके प्रमुख चुनावी एजेण्डा ‘रानाथारू जातिहे आदिवासी जनजातिमे सूचीमे सूचीकृत करैना’ पुरा हुइल बा ।
‘हमार समुदायके माग फेन यिहे नै रहे, चुनावमे फेन जनता रानाथारुके पहिचान स्थापित कराइक लाग भोट डेहल रहिट । जे होस् कुछ ढिला हुइलेसे फेन सरकार हमार माग सुन्ले बा । हमार अलग्गै पहिचान स्थापित हुइल बा’, रानाथारू समुदायहे आदिवासी जनजातिमे सूचीकृत करैना चुनावी बाँचा सम्झटी सांसद राना कहलै ।
सूचीकरणके प्रक्रिया आघे बह्रैना मन्त्रालय होे, संघीय मामिला तथा सामान्य प्रशासन मन्त्रालय । उक्त मन्त्रालयके फेन समावेशी शाखा ।
सूचीकरणके क्रममे सांसद रानाके मन्त्रालयके फेन समावेशी शाखाके अधिकृत बन्दना कर्णसे प्रायः दैनिक भेट होए ।‘नेपाल सरकारके निर्णय पश्चात सांसद राना राजपत्रमे प्रकाशनके लाग ढिउर मेहनत करले बाटै । ओकर लाग मन्त्री, सचिव, कानूनशाखालगायतमे निरन्तर खबरदारी करलके परिणाम अब्बे डेखल हो’, सूचीकरणके क्रममा सांसद रानाके करल लगातारके दौडधुपबारे उहाँ अनुभव सुनैलै ।
जनगणनामे समावेश हुइटी
रानाथारू जाति जनजातिमे सूचीकरण हुइलसंगे आब हुइना जनगणनामे समावेश हुइना बा ।
नेपाल रानाथारू समाजके उपाध्यक्ष कमल राना राष्ट्रिय जनगणना २०७८ मे रानाथारू भाषी ओ जातिलगायत विविध सूचकके जनगणनाके लाग सांसद राना पहल करसेकल बटैलै ।
कैलाली–५ के सांसद रानाके स्वकिय सचिवसमेत रहल राना कहलै, ‘आबके जनगणनामे रानाथारू जाति समावेश हुइ । ओकर लाग करे पर्र्ना प्रक्रिया फेन पूरा होसेकल बा ।’
इथोनोलगके सन् २००६ के तथ्याङकअनुसार कैलाली ओ कञ्चनपुरमा रानाथारूके जनसंख्या ३ लाख ३६ हजार रहल बा । एनईजीआरपीके प्रतिवेदन सन् २०१४ के अनुसार रानाथारूके जनसंख्या ३ लाख ६० हजार रहल बा ।
आब हुइना जनगणनामे रानाथारू समुदायके जनसंख्या साढे ३ लाखके हाराहारीमे हुइना अनुमान करल राना बटैलै ।
सूचीकरणपाछके खुसीयालीसंगे शंका
२०७६ माघ २० गते मन्त्रिपरिषद्के निर्णयसे रानाथारूहे छुट्टे आदीवासी जनजातिमे सूचीकरण कैना निर्णयसंगे उक्त जातिके बसोबार रहल कैलाली ओ कञ्चनपुरके १३४ गाउँमे नेपाल रानाथारू समाजके अगुवाईमे खुसीयाली स्वरुप दीपावली मनाइल रहे ।
माघ २३ गते धनगढीके पार्क मोडमे दीपावली मनाइल नेपाल रानाथारू समाजसे धनगढीके खुलामञ्चमे फागुन ३ गते मन्त्रिपरिषद्के निर्णयहे सम्मान करटी धन्यवाद डेहल रहे ।
उक्त कार्यक्रममे रानाथारू समुदायके अगुवालगायतके सहभागिता रहल रहे । सक्कु पहुना तथा सहभागि यकर लाग विशेष योगदान करुइया राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी, प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली, संघीय मामिला तथा सामान्य प्रशासन मन्त्री हृदेश त्रिपाठी, कैलाली–५ से निर्वाचित प्रतिनिधिसभा सदस्य नारनमुनी रानालगायत पहलकर्ता सक्कु जनहनप्रति कृतज्ञता ज्ञापन करल रहिट ।
उहे कार्यक्रममे बधाईसंगे कोइ शंकासमेत करलै, मन्त्रिपरिषद्से निर्णय टे हुइल, कार्यान्वयन नाइ हुइ कि कहिके ।
नेपाल रानाथारू समाजके पूर्व अध्यक्ष जीवन राना, पूर्व सांसद प्यारेलाल रानालगायत सहभागी अगुवाहुक्रे सांसद रानाहे सूचीकरण करैना भूमिका खेलल् कहटी विशेष धन्यवाद डेलै ओ साथे उहाँहुक्रे निर्णयहे कानून÷ऐन संशोधन कैके सूचीकरणके बाँकी काम फेन हाली आघे बह्रैना सांसद आग्रह करल रहिट ।
सांसद राना फेन उ काम हाली पहलकदमी लेके सम्पन्न कैना प्रतिवद्धता जनाइल रहिट ।‘निर्णय हुइल, कार्यान्वयन हुइ कि नाइ हुइ कना ढिउर जनहनके आशंका रहे । कतिपय टे संविधान नै संशोनधन करे परी कना समेत कहल रहिट’ उ बात सम्झटी राना आघे थप्लै, ‘आदीवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रय प्रतिष्ठान ऐनअनुसार सूचीकरणके काम पूरा हुइल बा ।’
सार्वजनिक बिदा डेना शुरू
रानाथारू सूचीकरणके आधारमे सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे रानाथारूके विशेष पर्व होरीके अन्तिम दिन खखडेहरा पर्वके उपलक्ष्यमे कैलाली ओ कञ्चनपुरमे सार्वजनिक बिदा डेना शुरू करसेकल बा ।
गत बरस खखडेहरा पर्वके अवसरमे चैत्र ४ गते सार्वजनिक बिदा डेहल रहे । यिहीहे फेन रानाथारू समुदाय ढिउर उपलब्धि मन्ले बा ।
आबके मुद्दा
विसं २०५६ मे तत्कालीन सरकार आदिवासी जनजाति सूचीकृत करेबर ओकर रानाथारू समुदाय नाइ अटाइल । सरकारके उ निर्णयप्रति रानाथारू समुदाय असन्तुष्ट रहे ओ उही समयसे उक्त समुदायसे सूचीकृतके लाग निरन्तर दवावमुलक आन्दोलन करटी आइल रहे ।
अन्ततः करिब २० बरसपाछे उक्त समुदाय आदिवासी जनजातिमे सूचीकृत हुइल बा ओ सोम्मारसे ओकर सक्कु कानूनी प्रक्रिया फेन पूरा हुइल बा । प्रतिनिधिसभाके सदस्य राना रानाथारू जाति जनजातिमे सूचीकरणसे आपनहुक्रनके पहिचानसंगे थप अधिकार प्राप्तिके आधार खुलल् बटैलै ।
सांसद्राना कहलै, ‘हम्रहीनहे लम्मा समयसम राज्यसे नाइ चिन्हले रहे । अब्बेसम सरकारसे चिन्हले नाइ रहे । नेकपा नेतृत्वके सरकार चिन्हले बा । आब हमार भाषा, संस्कृति ओ अधिकारके लाग आवाज उठैना सहज हुइल बा ।’
अबके मुद्दाबारे राना कहलै, ‘रानाथारुके आयोग वा प्रतिष्ठान गठनके माग करब ।’