घोरीघोरा टलुवा फुटे सेक्ना खतरा
सिमसारके अस्तित्व ओ मानववस्ती उच्च जोखिममेः संरक्षणकर्मी
लखन चौधरी
धनगढी, ४ भदौ । विश्व रामसार सूचीमे सूचीकृत कैलालीके घोरीघोरा टलुवा ओ ओकर टरे रहल मानव वस्ती उच्च जोखिममे परल बा ।
लग्टारे परटी रहल पानीसे टलुवा मनिक पानीक् सतह बह्रटी गैल बा । मने उ टलुवाक् पानी निकासद्वार ‘आउट लेट’ कमजोर हुइनाके साथे आउटलेट आँजरपाँजरके जमिन आजकाल ढस्टी गैलपाछे टलुवा फुट्न उच्च बह्रल हो ।
टलुवा घुमे गैल गोरखापत्र दैनिकमे कार्यरत पत्रकार चाँदनी आचार्य माटी ढसल फोटु आपन फेसबुकमे पोष्ट करटी सचेत कराइल रह्–ि ‘टलुवाक् मुुख्य आउटलेट धरासयी बन्टी गैल बा । बर्खाक् कारण टलुवाक् पानी बह्रनाके साथे टलुवा संरक्षणके लाग बनल कमजोर संरचनासे कौनो फेन बेला क्षति वा विपति नाईआई कहे नैसेकजाई । समयमे सम्वन्धित निकायके ध्यान जाए ।’
करिब २५ बरस पहिले साविक जिल्ला विकास समिति कैलालीसे निर्माण करण आउट लेटसहितके बाँधुवा चिरिकके टलुवाक् पानी निरन्तर बहटी गैल बा । निरन्तर बहना पानीसे बाँधुवाक् टरे रहल माटी पुहटी गैलओरसे बाँधुवा फुट्ना जोखिम बह्रल बा ।
पंक्षी संरक्षण नेपालके हिरुलाल डंगौरा बाँधुवासहित आउटलेट फुट्न खतरासे सिमसारके अस्तित्व ओ मानववस्ती जोखिममे परल कहटी चिन्ता व्यक्त कर्लै ।
उहाँ कहलै– ‘टलुवाक् पानीक् निकासद्वार ओस्टही फेन कमजोर होगिल बा । यि बर्खामे ठाउँ–ठाउँमे माटी ढसगिल बा । समयमे रोकथामके कदम नैचल्लेसे जौनबेलामे फेन टलुवा फुटे सेक्ना बिल्गाइठ ।’ उहाँके अनुसार टलुवा फुट्लेसे जैविक विधिधतामे असर पर्नके साथे टलुवाक् दक्षिण क्षेत्रमे रहल वस्ती डुबानमे परके भयवाह अवस्था सिर्जना हुई सेकी ।
टलुवामे गोह, रैथाने मच्छी, चिरैलगायत टमान प्रजातिके जलीय जीवके बासस्थान तथा प्रजनन केन्द्र हो । संरक्षणकर्मी डंगौरा उ सिमसार क्षेत्रमे २९९ प्रजातिके चिरै, ६४ ठो मगर गोह, ११ मेरके शंखेकिरा, घस्रन जीवलगायतके प्रमुख आश्रय स्थल तथा प्रजनन केन्द्र रहल बटैलै । सिमसार क्षेत्रमे ४५० प्रजातिके वनस्पति समेत पैना बटागिल बा ।
समयमे लौव संरचना निर्माणमे ध्यान नैडेलेसे उहाँके जैविक विविधता किल नाई, मानव वस्ती समेत जोखिममे परे सेक्ना कहटी सचेत करैटी आघे कहलै– ‘यदि बाँधुवा फुटजाई कलेसे टलुवासे टरे रहल नारायणपुर, डोरा, भालुफाँटा, घोडाघोडी, कौंहुवालगायत आधा दर्जन मानव वस्ती डुबानमे परके हजारौं घर प्रभावित हुइ सेकी ।’
टलुवाक् उ बाँधुवा ओ पूर्व पश्चिम महेन्द्र राजमार्गके दुरी करिब ५ मिटर बा । बर्खामे टलुवामे जम्मा हुइना पानीक् चापसे बाँधुवा फुट्ले राजमार्ग समेत पुहे सेक्ना उच्च जोखिम बह्रल बा ।
मने घोडाघोडी नगरपालिका पुरान आउटलेटके ठाउँमे लौव व्यवस्थित संरचना योजना रहलेसे फेन वातावरणीय प्रभाव परिक्षण (इआइए) हुई नैसेकलओरसे काम करे नैसेकल बटैले बा ।
घोरीघोरा टलुवा तथा सिमसार क्षेत्र हेरटी आइल घोडाघोडी नगरपालिकामार्फतके बृहत घोडाघोडी ताल तथा पर्यटन विकास बोर्डके उपाध्यक्ष दयाराम चौधरी अप्नेहुक्रे उ बाँधुवा निर्माणप्रति बहुट संवेदनशिल रहल मने इआइए हुई नैसेकलओरसे काम करे नैसेकल बटैलै । हाले आउटलेट आँजरपाँजर ढसल जमिन पुरसेकल बटैटी उहाँ हालसम पुराने संरचनाहे मर्मत सम्भारके काम किल करटी आइल जानकारी डेलै ।
औषत ४ मिटरसे ढिउर गहिर ओ २ हजार ७ सय २६ हेक्टर क्षेत्रफलमे फैलल घोरीघोरी सिमसार क्षेत्र तराईके सबसे बरवार सिमसार क्षेत्र हो । जौन सन २००३ अगस्त १३ मे विश्व रामसार सूचीमे सूचीकृत हुइल रहे । ऐतिहासिक, जैविक, धार्मिक महत्वसे भरल घोरीघोरा सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रमुख पर्यटन गन्तव्यके रुपमे चिन्जाइठ ।