केरा खेतीमे मजा आम्दानी
नरेन्द्र चौधरी
हसुलिया, ४ अगहन । कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिकाके किसानहुक्रे व्यावसायिक कृषि केरा खेती ओर आकर्षित हुईल बटै ।
कैलारी गाउँपालिका–६, के सोभापति चौधरी जानकी माध्यमिक विद्यालय बनकट्टा स्कुलके मेहनती, ईमान्दर ओ अनुसशित शिक्षक हुईट, शिक्षण पेशा संगे बचल समय व्यावसायिक केरामे सदुपयोग करठै ।
‘पुर्खैसे करटी आईल खेतीसे भात खैना, लगैना ठिक हुइठ’, सोभापति कहलै, ‘ठप आयस्रोत बह्राइक लाग आधुनिक तरिकासे व्यावसायिक रुपमे खेती कैना जरुर सोचके व्यवसायिक कृषि खेती ओर लागल हो ।’
उहाँ कहलै, सुरुवाती चरणमे परिक्षणके लग एक काठ्ठ खेटुवामे केरा खेती करले रहु, ओम्मे हुइल उत्पादन डेखके विद्यालयके तीन विघा खेटवाहे दश वर्षके लग ठेक्का लेके केरा खेती कैनु पहिल वर्ष एक विघा केरा खेतीमे खर्च कटाके चार लाख आम्दानी ओ दुसर वर्षमे दुई विघामे केरा खेतीमे सात लाख वार्षिक आम्दानी हुइल रहे ।’
प्रत्येक वर्षमे केरा खेती क्रमश बह्रैटी रहल यी वरस तीन विघामे १५ लाखसे १६ लाख रुप्यासम अम्दानी हुईना अनुमान करल कृषक सोभापति कहलै । केरा खेती करेक लाग कौनोफे ठाउ“मे तालिम नैलेके रेडियो, पत्रपत्रिकाके मध्यामसे सुनके ओ पढलके आधारमे किल केरा खेतीके काम सुरुवाट करल उहाँ कहलै । बजारीकरणमे कौनो समस्या नइरहल बल्की ग्राहके माग अन्सार केरा पुगाई नइसेकल उहाँ कहलै । टमान जैसिन ग्राहकहुकन बारीसे केरा विक्री करल करटी रहल कृषक बटैठै । उहाँक कच्चे केराके प्रतिदर्जन ३० से ३५ रुप्यामे विक्री हुइटी रहल बाटिन ।
व्यावसायिक केरा खेतीके आम्दानीसे दश कटठा खेटुवा ओ एक ठो मोटरसाइकल किन्ना सफल हुइल उहाँ बटैलै । यी वरष सविता कृषि फर्मके दर्ता करसेकल ओरसे अइना बरससे व्यावसायिक केरा खेतीसंगे लोकल मुर्गीके फर्म खोल्न लक्ष्य रहल चौधरी बटैलै ।
कैलारी गाउँपालिका–३, निमुवाबोझीमे बैर्ठुया ओजेश थारुफे केरा खेती ओर आकर्षित हुईल बटै । गैल वरषमे एक बिघा पाँच कठ्ठामे १ लाख ३० हजार लगानीमे सुरु करल केरा डस्यासे विक्री सुरु हइल उहाँ बटैठै । ‘अब्बेसम १ महिनाके अन्तरमे ६० हजार रुप्यासमके केरा विक्री हुइल बा’, ओजेश कहलै, ‘पहिल वरष ३ लाख ५० हजार रुप्यासमके कच्चे केरा विक्री हुइना अनुमान कैगिल बा, फसल मजा हुइल ओरसे ठप दश कठ्ठामे केरा खेती विस्तार कैगिल बा ।’
उहाँ कहलै, ‘यिहिसे पहिले कैलारी गाउँपालिका–२, उजेलीसेमरमे संचालन करल मेडिकलसे मजा चलल रहे, मेडिकल लाइनसेफे कृषि क्षेत्र ढेर रुची रहल ओरसे यहोर लागल हो ।’ राप्ती गाउँपालिका–८, पिपरी गाउँ देउखरमे जन्मभुमि रहल ओजेशके पढाई डिग्रीसम हुइन, उहाँ कैलाली जिल्लामे सेम्पलके लाग दुई काठ्ठ बादम ओ दुई कठ्ठा ड्राईगन फ्रुट लगैना सोच रहलफे बटैठै । व्यावसायिक केरा खेती तालिम विना किताब पढ्के ओ युटुवमे हेरलके आधारमे किल सुरु करल ओजेश थारु बटैठै ।
कैलारी गाउँपालिका–५, छोटीपलियाके मिना चौधरी दश काठ्ठमे केरा खेती करके अपन घरके स्थिति चलैटी रहल बाटी । ‘पहिले ठोरचे पैसा चाहल बेला जेहोर टेहोर हात फैलाई परे’, उहाँ कहली, ‘व्यावसायिक केरा सुरुवाट करलपाछे लर्कनके पढाई खर्च, घर खर्च मजासे चलटा ।’ केरा विक्रीसे स्प्रेरेत्यङकी, पानीनाल, पानी इन्जिन, बोरिङ्ग लगायत टमान सम्पत्ति जोरल मिना बटैली । केरा प्रतिदर्जन ४० से ८० रुप्यासमके विक्री हुइना ओ वरषके खर्च करकेफे ६०/७० हजारफे बचत करल उहाँ बटैली ।
ओस्टेक धनगढी–१५, उर्माके रामसमझ राना कैलारी गाउँपालिका–६, बनकाट्टमे जानकी मावि बनकाट्टके स्कुलके तीन विघा खेटुवा ठेक्का लेके व्यावसायिक केरा खेती सुरुवाट करले बाटै ।
सोना कृषि फोमके दर्ता करके २०७६/०७७ सालके आर्थिक बर्षके बजेटमे ब्यावसायिक केरा खेती कार्यक्रममे प्रदेश सरकार, सुदुरपश्चिम प्रदेश, भूमि व्यवस्था कृषि तथा सहकारी मन्त्रालय कृषि विकास निर्देशनालय, कृषि ज्ञान केन्द्र, कञ्चनपुरके तीन लाख २२ हजारके आर्थिक सहयोगसे अनुदानफे पाईल बटैले बटै ।