थारु राष्ट्रिय दैनिक
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दाहाल–नेपाल समूहके शक्ति प्रदर्शन

पहुरा | २८ माघ २०७७, बुधबार
दाहाल–नेपाल समूहके शक्ति प्रदर्शन

कौन नेता का कहल ?

काठमाडौँ, २८ माघ । प्रतिनिधिसभा विघटनविरुद्ध आन्दोलनरत दाहाल–नेपाल नेतृत्वके नेकपासे बुधके काठमाडौंमे विरोध प्रदर्शन करले बा । आन्दोलनके दुसरा चरणके कार्यक्रम घोषणा करल नेकपासे विरोध जुलुससहित सभा आयोजना करल हो ।

उपत्यकाके टमान पाँच ठाउँसे पुलचोक, त्रिपुरेश्वर, माइतीघर, केशरमहल, त्रिचन्द्र कलेजसे निकारल जुलुस भृकुटीपण्डप पुगके कोणसभामे परिणत हुइल रहे । प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीके सिफारिसमे राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी गैल पुस ५ गते प्रतिनिधिसभा विघटनके घोषणा करल उ कदमपाछे नेकपा स्पष्ट रूपमे दुई चिरा हुइल बा ।

प्रचण्ड कहलै, ‘लोकतन्त्रके हत्या कैना आपराधिक चरित्रहे जनता बुझसेक्लै’

prachanda को छविको परिणाम

नेकपाके अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ आबफे केपी ओलीके प्रतिगामी कदम नइसच्चिलेसे कुछ दिनपाछे सिंहदरबार ओ बालुवाटार घेर्ना दुसर आमसभा कैना बटैले बटै । काठमाडौंमे हुइल विरोध सभामे अध्यक्ष प्रचण्डसे ओलीके आमसभामे ढेर मनै भेला हुइलप्रति इंगित करटी कहलै, ‘केपीजी डेख्ली, विरोध कैसिन रहठ ? प्रदर्शन कैसिन रहठ ?’

उहाँ लाखौँ जनताके उपस्थितिसे ओलीहे आवेग ओ पीडा हुइल बटैलै । ‘कुछ दिन अशरा लागके हेरबी । सिंहदरबार घेर्न ओ बालुवाटार घेर्न लाखौँलाख जनता आपुग्ही, अपनेक लोकतन्त्रके हत्या कैना आपराधिक चरित्रहे जनता बुझसेकल बटै, उहाँ कहलै । प्रचण्डसे सर्वोच्च अदालतसे जनभावनाहे बुझके आब हाली संविधान ओ लोकतन्त्रके पक्षमे फैसला डेना बटैलै ।

लोकतन्त्रके हत्या करुइयाहे पशुपतिनाथफे माफी नइकरहीः माधव नेपाल

madhab nepal को छविको परिणाम

नेकपाके प्रचण्ड–माधव समूहके अध्यक्ष माधवकुमार नेपाल संविधान ओ लोकतन्त्रके हत्या कैना प्रधानमन्त्री केपी ओलीहे पशुपतिनाथसेफे माफी नइडेना बटैले बटै । ‘ओलीजी, अपने मदन भण्डारीके नाउँ जप्न करी, अब उ नाउँफे बिस्रैले बटी, आब पशुपतिनाथके मन्त्र जप्न सुरु करे बटी, मने पशुपतिनाथसेफे कुहीहे माया करही पत्ता बा ?’ काठमाडौंमे हुइल विरोध सभाहे सम्बोधन कैना क्रममे प्रश्न करटी नेपाल कहलै, ‘जे मनै असल बा, मजा प्रवृत्तिके बा, जे धर्म करठै, उहीहे केल माया करठै । पाप करुइयाहे पशुपतिनाथसेफे माफी नइकरही ।’

आवाज नइसुन्लेसे भारी जनआन्दोलन हुईः खनाल

झलनाथ खनाल को छविको परिणाम

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा) के वरिष्ठ नेता तथा पूर्वप्रधानमन्त्री झलनाथ खनाल अब्बेक आन्दोलनके आवाज नइसुन्लेसे ०६२/६२ से भारी जनआन्दोलन हुइना चेतावनी डेले बटै । खनालसे प्रधानमन्त्री केपी ओली ओ उहाँक मनै अस्तिके कार्यक्रमहे डेखाके कास्टिङ हो कहुइयाहे वास्तविक पार्टी कहाँ बा कहिके हेरेक लाग प्रदर्शनीमार्गमे अइना चुनौती डेलै ।

उहाँ निर्वाचन आयोगहे कानुन, नियम, ऐन का मिलाई पर्ना हो मिलैना, मने निर्णय सुनैना ढिला नइकैना आग्रह करलै । उहाँ ओलीसे चुनाव कराके छोरना ओ दुईतिहाइ नानेके छोरना कहिके डेहल अभिव्यक्तिउप्पर ज्ञेवरीयक कथा सुनाके व्यंग्य करलै । ‘मिस्टर केपी ओली अपनेक खुट्टी हेरटी पत्यइली । आबके दुई वर्षपाछे हुइना चुनावमे अपनेक जमानत जफत हुई,’उहाँ कहलै ।

उहाँ प्रचण्ड ओ माधवकुमार नेपालहे फेर प्रधानमन्त्री बनैना नइहुके गणतन्त्रके रक्षा ओ देशके स्थायित्वके लाग लरटी रहल बटैलै । उहाँ ५८ वर्ष लगाके जनवादी क्रान्ति करल ओ आब समाजवादके डगरमे नेंगल बटैलै ।

केपी ओलीहे सरकारमे बैठना अधिकार नइहोः नारायणकाजी

नारायणकाजी श्रेष्ठ को छविको परिणाम

नेकपाके प्रवक्ता तथा केन्द्रीय संघर्ष समितिके संयोजक नारायणकाजी श्रेष्ठ प्रधानमन्त्री केपी ओलीहे सरकारमे बैठल रना आधार ओरासेकल बटैले बटै । ‘उहाँ अपनही असंवैधानिक ढंगसे प्रतिनिधिसभाके विघटन करलै, टबमारे केपी ओली अब्बे संसद्के सदस्य नइहुइट, आब राष्ट्रपतिसे कामचलाउ सरकारके घोषणाफे नइकरल अवस्थामे यी अवैधानिक सरकार हो, असंवैधानिक काम कैना सरकार अवैधानिक हो,’ उहाँ कहलै, ‘अब केपी ओलीहे एक मिनेटफे सरकारमे बैठना अधिकार नइहो ।’

उहाँ प्रधानमन्त्री केपी ओलीके प्रतिगामी कदमहे असफल बनाके संसदहे सुचारु बनैना यी संघर्षके पहिल उद्देश्य रहल बटैलै । उहाँ अवैधानिक ओ असंवैधानिक ढंगसे संवैधानिक परिषद्के पदाधिकारीहुकनके नियुक्ति हुइल कहटी ओकर खारेजीके लाग संघर्षमे उत्रन आग्रह करलै ।

सडकमे आइल जनताके आवाज नइसुन्लेसे विद्रोहः जनार्दन शर्मा

जनार्दन शर्मा को छविको परिणाम

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा) के स्थायी कमिटी सदस्य तथा कर्णाली प्रदेशके इन्चार्ज जनार्दन शर्मा प्रधानमन्त्री केपी ओलीसे संघीयता ओ संविधानहे पद ओ कुर्सीसंग साटल बटैले बटै । उहाँ ओकर विरुद्ध शान्तिपूर्ण आवाज नानके सडकमे आइल जनताके आवाज नइसुन्लेसे विद्रोहमे उत्रना बटैले बटै ।

उहाँ ओकर संघीयताविरोधीहे समाप्त पर्ना दाबी करलै । संविधानमे लिखल अधिकार कानुन बनैना क्रममे भाँचभुँच पारल उहाँक कहाई रहे ।

ओलीके तानाशाहीतन्त्र पतन नइहुइटसम आन्दोलन जारीः गुरुङ

पुष्पकमल दाहाल–माधवकुमार नेपाल नेतृत्वके नेकपाके स्थायी कमिटी सदस्य देव गुरुङ केपी शर्मा ओलीके ‘तानाशाहीतन्त्र’ पतन नइहुइटसम आन्दोलन जारी रहना बटैले बटै ।

ओलीके तानाशाहीतन्त्र विरुद्ध, गणतन्त्र, लोकतन्त्रके रक्षाके निम्ति नेपाली जनता फेर एकजुट हुई पर्ना आवश्यकता बा । जबसम केपी ओलीके ‘तानाशाहीतन्त्र’के पतन नइहुई, उहीहे पराजित करे नइसेक्टसम आन्दोलन जारी रही, गुरुङ कहलै ।

नेपालके संविधानसे पाँच वर्षमे हुइना आवधिक निर्वाचनहे केल मन्ना गुरुङके दाबी बा । ‘ताजा जनादेशके नाउँमे वैशाखमे चुनाव कैना कहल बा । नेपालके संविधानसे पाँच वर्षके आवधिक निर्वाचन मानठ । ओली वैशाखमे चुनाव कैना कहल तानाशाही तन्त्र, फाँसिवादी तन्त्र कायम रख्न हो । उ प्रधानमन्त्रीके रबर स्टाम्पमे बनैना संसद् हो,’ गुरुङ कहलै ।

ओली कागजके बादशाह हुइटः नेतृ झाँक्री

नेकपाके दाहाल–नेपाल समूहके केन्द्रीय सदस्य रामकुमारी झाँक्रीसे नम्मा संघर्षसे प्राप्त उपलब्धिहे च्युत कैना प्रधानमन्त्री ओ राष्ट्रपतिविरुद्ध बोले पाई पर्ना बटैले बटी ।

हजारौं शहिद, घाहिलहुकनके योगदानसे प्राप्त हुइल उपलब्धिके एक्के रातमे एक ठो जंगी बादशाहसे च्यातचुत कैना बादशाहके विरुद्ध बोल्बी’, उहाँ कहली, ‘मन्त्रिपरिषद्के निर्णयहे खुसुक्क सहीछाप कैना राष्ट्रपति, सम्माननीय संस्था हमार बलिदानीसे प्राप्त संस्था हो । हमार शिर्ष उप्परके संस्था हो । उ संस्थामे निर्वाचनके प्रक्रियासे गैल ओरसे निरंकुशताके साक्षी बैठी कलेसे ओसिन पात्रके विरुद्ध बोले परल । के कहड बाले नइमिली कहिके ?’

नेतृ झाँक्री प्रधानमन्त्री ओली कागजके बादशाह रहल ओ उहाँ ढलसेकल अन्तिम घोषणा कैना केल बाँकी रहल दाबी करली । ‘आजके मानवसागरसे कहठ खड्गप्रसाद ओली कागजके बादशाह हुइट । उ ढलसेक्लै । आब अन्तिम घोषणा कैना बाँकी बा ।

एक ठो खलपात्रके विरुद्ध बोल्टी करेबेर उहाँ महिलाके अस्मिता नइमिच्ना नेतृ झाँक्रीके कहाई बा । ‘के कहठ यहाँ महिला अस्मिता मिचल कहिके ? महिला अस्मिता उहाँ बलात्कृत हुइल बा जहाँ भागरथी भट्ट, निर्मला पन्त जस्टे कलिला किशोरी बलात्कृत हुइल बटै उहाँ महिला अस्मिता मिचल बा,’ उहाँ कहली, ‘कौनो पदमे लिंग नइरहठ । उहाँ बोल्न मिलठ । उ सार्वजनिक पद हो ।’

जनाअवजको टिप्पणीहरू