सुरुवाट कैलाली और कंचनपुर जिल्लामे किल्लो बसोबास भव एक मात्र जाती हए रानाथारु । जिनके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन, परम्परा, गीतबाँस, और टरटिहुवार हए । यहाँ जा अभिलेखमे कैलाली और कंचनपुरसे प्रकाशित रानाथारु
गैलक बरसके सुर्खेतम हुइलक पँचवा थारु साहित्य सम्मेलनम वरिष्ठ साहित्यकार महेश बिक्रम शाह कल रलह कि “साहित्य लिख्नौटीम न ओ¥वा रहठ न त अन्त । ओहमार आपन विचारह प्रस्तुत करक लाग शब्द खेलाइ परठ । भाषक माध्यमसे हम्र सरल लिरौसी भाषाम रसरस
परिचय कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ मे पर्ना गाउँ हो डख्खिन टेंर्ही गाउँ । इ गाउँ पहिलेक् बसौटी गाउँ विकास समिति वडा नम्बर ७ मे परे । उत्तरओर लोहरपुर गाउँ, कटैनी लडिया, डख्खिनओर लक्कर गाउँ, पुरुबओर प्रतापुर गाउँ,
कोभिड–१९ पहिले चीनके वुहान प्रान्त १९ डिसेम्बरमे आइल रहे । कोभिड–१९ के नामाकरण २०२० जनवरी ३० मे घोषणा करल रहे । कोभिड–१९ के नेपालमे पहिल संक्रमित २०७६ माघ ९ गते देखा परल रहे । ओस्टेक, कोभिड–१९ हे विश्वव्यापी महामारीके रूपमे
ओंरी डराइः विश्वमे सबसे ज्यादा बुझ्ना भाषा कलक चित्र हो । चित्र हेरके नैपर्हल मनैयाँ फेन कहे सेकि ओ बुझे सेकि कि इ–इ चिज हो कहिके । हरेक मनैंनमे कुछ ना कुछ कला, सीप ओ ज्ञान डेके पठैले रठैं भगवान । हमार समाजमे फेन कुछ असिन कला रहल मनैं
नेपाली भाषाके महाकवि लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा साहित्य सजीव अनुभवक कलात्मक प्रकाशन हो कल बाट । अंग्रेजी साहित्यके मसिहा वर्डस्वर्ड प्रवल भावके सहज उच्छलन हो कैक परिभाषित कर्लबाट । साहित्य मानव भावके उद्घाटन हो कलसे साहित्यके माध्यमसे
नेपालीके सुन्दर भु–भागमे चिन्ह जैना सुदूरपश्चिमके सेती अंचलमे रहल कैलाली समथर भुभाग हुइलेक् ओरसे अन्न भण्डारके जिल्लाके रुपमे परिचित बा । यहाँक् ९० प्रतिशत सिमाना पानीसे छुट्याइल ओरसे यी जिल्ला ३ हजार २ सय ३५ वर्ग किलोमिटर क्षेत्रफलमे