महाविपत्तिमे असक्त कमैया परिवारके लाग भगवान सावित विष्णु खनाल

उन्नती चौधरी
कैलाली, ३ जेठ । धनगढी उपमहानगरपालिका १२ स्थित मनेहरा मुक्तकमैया शिविरके ४ अतिविपन्न तथा बेसाहा परिवार कोरोना महाविपत्तिके बेला भगवान नै भेटाइल अनुभुती करटी रहल बाटै ।
कोराना भाइरस (कोभिड १९) के महामारीके महासंकटके बेला खाद्यान्न लत्ताकपडा ओ औषधी उपलब्ध करुइया दाता फेला परलपाछे उहाँहुक्रे नै भगवान भेटाइल अनुभुती करल हुइट ।
धनगढी उपमहानगरपालिका ७ के विष्णु खनाल बन्दाबन्दीके बेला समस्यामे परल वृद्धबृद्धा, अपांग ओ अनाथ सहित ४ मुक्तकमैया परिवारहे यी बेला सहयोग करटी आइल बाटै ।
खनाल उ मुक्तकमैयाके चिन्हजान २०५७ से हो । जौन चिन्हजानसे उहाँहुक्रनके जीवनमे संजीवनी बुटीके काम करटी रहल बा । खनाल उ परिवारहे बन्दाबन्दी अवधिमे कौनो चीजके अभाव हुइ नाइ डेना कहटी सहयोग करल बटैले बाटै । पहिल चरणमे उहाँ दाल, चाउर, नोन, तेल, मिर्चा, साबुन, लत्ताकपडा ओ औषधी उपलब्ध करैले बाटै । दुसरा चरणमे औषधी ओ खाद्यान्न उपलब्ध कराइल बटैटी उहाँ तिसरा चरणमे फेन उहाँहुक्रनहे ओराइल सामग्री उपलब्ध करासेकल बटैलै ।
खनालसे सहयोग करटी आइल परिवार मध्ये एक हुइट, ६४ वर्षिय आशाराम डगौरा थारु । उहाँ शारीरिक रुपसे आपांग बाटै । नेंगे नाइ सेक्ठै । आँखी फेन नाइ डेख्ठै ।
डंगौरा कहठै–‘छावा मजरी करे भारत गैल ६ बरस बितगैल । १÷२ बरस सम्पर्कमे रहे । पैसा फेन पठाए । ४ बरस यहोर सम्पर्क विहिन बा । मै बेसाहारा बाटुँ ।’
डंगौराके गोसिनीया गैल पुसमे ओरागैली । ओकरपाछे उहाँ घरमे अक्केली ओ बेसहारा हुइल हुइट ।
‘मोर लाग खाना छिमेकीके भान्सामे पाकठ्’, उहाँ पीडा पोख्लै–‘यी संकटके बेला हम्रहीनहे सहयोग करुइया मोर लाग भगवान नै हुइट । अपने छावाके सहयोग नाइ पाइल यी बृद्ध अवस्थामे मै औरे छावा पैले बाटुँ ।’
ओस्टके शिविरके ६५ वर्षिय बेचन डगौरा ओ सुख्नी देवी डगौरा दम्पत्ति फेन खनालके सहयोगसे एकदमै खुशी बाटै । उहाँके ३ छावा सक्कुु जाने आआपन परिवार लेके अलग हुइलपाछे संकटमे परलपाछे यी बेला खनालके परोपकारी कदम सलाम योग्य बने पुगल हो ।
बेचन ओ सुख्नीके ११ वर्षिय नटिया बाटै । ओहकान मन्झली बटुहिया विष सेवन कैके आत्महत्या करलपाछे ओहकान मन्झला छावा औरे भोज करले बाटै । मन्झला छावाके पहिल पटुहियासे जन्मल बच्चाहे उहाँहुक्रे आपनसंग रख्ले बाटै ।
‘औरे बेला एकदमे कर्रा रहल बेला छावाछाइ फेन सहयोग करठै मने यी बेला उहाँहुक्रे फेन समस्यामे बाटै’ सुख्नी कहली–‘शिविरके हम्रे सक्कु जाने मजुरी कैके खैना परिवार बाटी । यी बेला (लकडाउन) हुइल दुई महिना पुगे लागल मने सरकार यी शिविरमे एकचो किल राहत डेले बा । उ राहत कत्रा दिन चली ? हम्रहीनहे टे खनाल छावा चाहल बेला सक्कु चीज पुगा डेले बाटै । हम्रहीनहे सरकारके राहत लेले नाइ हुइटी ।’
शिविरके ६१ वर्षिय तेजुराम चौधरी फेन संकटके बेला खनालसे सहयोग पाइल बटैठै । उहाँ आवश्यक सामाग्री खनालसे सहयोग पाइलपाछे राज्यसे डेहल राहत फिर्ता करले बाटै । उहाँ कहलै–‘बरु हमार जैसिन गरिब परिवारहे राहत डेहो कहिके नगरपालिकासे डेहे लागल राहत लेले नाइ हुइटी ।’
खनाल मुक्तकमैया शिविरके एक जने बोले नाइ सेक्ना महिलाहे फेन सहयोग करटी आइल बाटै ।
के हुुइट विष्णु खनाल ?
कैलारी गाउँपालिका २ रामपुरमे जन्मल विष्णु खनालके डाइबाबा गाउँमे खेती किसानी करठै । उहाँ धनगढी उपमहानगरपालिका ७ मोती चौकमे बैठ्टी आइल बाटै ।
२०५७ सालमे धनगढीके चित्रबहादुर कार्कीके पलटिंगमे ओजेटिभ करे गैल बेला मुक्तकमैया आशाराम डगौरा कार्कीके घरमे मजुरी करिट । खनाल ओजेटिभ करटसम डगौरासे एकदमे घुलमिल हुइल बटैलै । उहाँ सन १९९८ मे भारतके मुम्वई पाँचतारे एक होटलमे रिसेपसनिष्ट होके काम करल रहिट ।

वहाँ होटल सम्बन्धी ढिउर काम सिकल बटैठी । उ अनुभवके कारण उहाँ धनगढी आके होटल डिभोटीमे आवद्ध हुइलै । लगातार आठ बरस डिभोटीमे बिटैलै ओस्टके उहाँ होटल साथी, होटल फ्लोरा हुइटी हाल हाम्रो घर टेम्पल रिसोर्टमे आवद्ध बाटै ।
छोटसे परोपकारी भावना रहल उहाँके २० बरस पाछे बन्दाबन्दीके क्रममे पुनः आशाराम डगौरासे भेट हुइल । उहाँ कहलै–‘मुलुकमे बन्दाबन्दी हुइलपाछे मै फेन कुछ असायहे सहयोग करे पैलेसे मजा हुइट सोचँु । मनेहरा शिविर गैनुु । जहाँ आशाराम डगौरासे भेट हुइल ।’ उहाँहुक्रनके दयनीय अवस्थामे कुछ सुधार होए कहिके मै आपन करे सेक्ना सहयोग करल हुइटुु ।’
आपन चिनजानके नातासे सहयोग नाइ करल बटैटी उहाँ बास्तविक राहत पाइ पर्ना मनै छनौट कैके सहयोग करल बटैलै । ४ परिवार छनौट कैके १६ जने सदस्यहुक्रनहे खुशी डेहे पाइलमे अपने एकदमे सन्तुष्ट रहल खनाल बटैठै ।
