लकडाउनसे जुुझटी निक्रल थारु भासाके बाल पोस्टा
काठमाडौं, १९ जेठ । कोरोना महामारीके कारण लकडाउनके अवस्थामे पोस्टा वा पुस्तक सार्वजनिक लगायतके औपचारिक कार्यक्रम सम्भव नैहुइना हुइलपाछे आयोजकहुक्रे अनलाइन भर्सनसे सार्वजनिक तथा लोकार्पण कार्यक्रम करे लागल बाटै ।
यहेबीच गैल शनिच्चरके रोज चार भाषासहित २० बाल पुस्तकके अनलाइन भर्सन सार्वजनिक करगिल बा । सार्वजनिक हुइल पोस्टामे छविलाल कोपिलाके कैलारी ओ स्यालको बिहे, कृष्णराज सर्वहारीके भुख्ली ओ खुत्रुके तथा शान्ति चौधरीके लहेडा ओ बछियाके साथे मेरी दुधु रहल बा । रंगीन चित्रसे भरल यी ६ ठो पोस्टा डंगौरा थारू, नेपाली ओ अंग्रेजी भाषामे प्रकाशित हुइल बा ।
यकर संगे शान्ति चौधरीके डुनु पोस्टा बारा जिल्लाके थारू भाषामे फेन प्रकाशित बा । शान्ति यहिसे आघे ६५ ठो पोस्टा निकारसेक्ले बाटी ।
सिर्जनालयके सहकार्यमे द एसिया फाउन्डेसनके लेट्स रिड परियोजना उ बालकथा प्रकाशन करल हो । पोस्टाके सार्वजनिक द एसिया फाउन्डेसनके कन्ट्री डाइरेक्टर मेघन नाल्बो, बुक्स फर एसियाके रीतिका लाकौल, सिर्जनालयके अध्यक्ष सरारे वज्राचार्य, पुस्तकके सम्पादक मुना गुरुङ तथा पुस्तकके लेखक ओ चित्रकारसे संयुक्त रूपमे करल रहिट ।
उ अवसरमे द एसिया फाउन्डेसनके कन्ट्री डाइरेक्टर मेघन नाल्बो बुक्स फर एसिया परियोजनाअन्तर्गत एसियाके २९ भाषाके करिब तीन हजार पुस्तक तयार करके लेट्स रिड डिजिटल लाइबे्ररीमे अपलोड करल जनैली । अपलोड हुइल सक्कु बालकथा केन्द्रित रहल बा । नेपालअन्तर्गत नेपाली, नेपाल तथा थारू भाषामे तीन सय ५० बालपुस्तक तयार करल फेन नाल्बो बटैली ।
कार्यक्रममे कृष्णराज सर्वहारी थारू भाषामे भुख्ली, छविलाल कोपिला नेपाली भाषामे स्यालको बिहे तथा सरारे वज्राचार्य अंग्रेजी भाषामे कैलारी कथा वाचनसमेत करल रहिट । कोपिला थारू बालसाहित्यहे समृद्धिके डगरमे लैजाइक लाग टमान भाषामे अनुवादसमेत करल यी पुस्तक मागदर्शन कर्ना बटैलै ।
ओस्टके सार्वजनिक हुइल पोस्टामे चित्र बनुइया मित्थु थारु, बन्दना तुलाचन, उमेश चौधरी, उहाबाङ, श्रद्धा श्रेष्ठ, सुमन महर्जन आपन कामके अनुभव सेयर करल रहिट ।