सरकारी कागजात किर्ते करुइयाहे टेण्डर
लखन चौधरी
धनगढी, १९ असार । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे कोरोना भाइरस (कोभिड १९) परिक्षण कर्ना आरटीपीसीआर मेसिनसहितके उपकरण खरिद टेण्डर फेरसे सरकारी कागजात किर्ते करके टेण्डर पैटी आइल व्यवसायीके भागमे परल बा ।
प्रदेश सरकारके सामाजिक विकास मन्त्रालय मातहतके प्रदेश स्वास्थ्य आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्र कम कबोल रकममे मेसिनसहितके उपकरण आपूर्ति करैना कहिके डारल टेण्डरहे उपेक्षा करटी ढिउर ढिउर कबोल रकम उल्लेख करल व्यवसायीके फर्महे छनौटमे पारके आपूर्ति हुई लागल हो ।
आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्रसे आह्वान करल बोलपत्रपाछे सरकारी काजजात किर्ते मुघामे मुछल व्यवसायी दृष्यन्त बस्नेतसे सञ्चालन करटी आइल डिबी मेडिसिन सेन्टर धनगढी छनौटमे परल हो ।
आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्रके जनस्वास्थ्य निरिक्षक तथा सूचना अधिकारी लक्ष्मीकुमार श्रेष्ठ बायोसेफ्टी लेवल–२ प्रयोगशालाके लाग उपकरण खरिदके लाग डिबी मेडिसिन सेन्टर छनौटमे परल ओ आपूर्ति फेन हुई लागल जानकारी डेलै ।
डिबि मेडिसिन सेन्टर आपन टेण्डरमे ४ करोड २७ लाख ९२ हजार (कर बाहेक) मे सामग्री आपूर्ति कर्ना कहिके कबोल रकम उल्लेख करल रहे । टबफेन डिबि मेडिसिन सेन्टरके तुलनामे २ ठो फर्म कम कबोल रकम उल्लेख कर्लेसे फेन छनौटमे भर परे नैसेकल हुइट ।
आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्रके अनुसार २ प्याकेजमे उ बायो सेफ्टी लेवल–२ प्रयोगशालाके लाग उपकरण खरिदके लाग विद्युतीय बोलपत्र आह्वान करगिल रहे । पहिले प्याकेज अन्तर्गत आरटी पीसिआर, अटोमेटेड नुक्लिक एसिड अक्सट्रक्सन सिस्टम ओ आरएनएन अक्सट्रक्सन किट खरिद करेक पर्ना रहे । कलेसे डोसर प्याकेज अनुसार ल्याबोरोटरी इक्युपमेन्ट ओ कन्जमबलस् खरिद कर्ना कहल रहे ।
जेम्ने सेरो डाईग्नोस्टिक टे«डर्स नेपाल पहिल प्याकेजके लाग किल २ करोड ७६ लाख ४३ हजार ६८७ कबोल रकम राखल रहे । कलेसे बायोमेड इन्टरनेश्नल प्रालि दुनु प्याकेजके लाग कहटी ३ करोड ३६ लाख ९० हजार ९५० रुपैयाँ कबोल रकम उल्लेख करल रहे । मने ९१ लाख, १ हजार ५० रुपैया ढिउर दुनुु प्याकेजके लाग कहटी व्यवसायी बस्नेतके फर्म डिबी मेडिसिन ४ करोड ८३ लाख ५४ हजार ९६० (१३ प्रतिशत मुल्य अभिबृद्धि करसहित) कबोल रकम राख्लेसे फेन छनौटमे परल हो ।
‘सेटिङमे छनौट’
आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्र सेरो डाईग्नोस्टिक ओ बायोमेडके कबोल रकम औरे फर्मके तुलनामे कम बिल्गैलेसे फेन औरे डकुमेन्ट कमजोर रहल कहटी २ फर्महे छनौट नैकरके डिबी मेडिसिनहे छनौटमे पारल दाबी करगिलल बा । केन्द्रके जनस्वास्थ्य निरिक्षक तथा सूचना अधिकारी श्रेष्ठ कबोल रकम कम हुइलेसे किल नाई हुइना बटैटी प्राविधिक परिक्षणमे कमजोर रहलओरसे छनौटमे नैपरल बटैलै ।
मने दुनुु प्याकेजके लाग डिबी मेडिसिनके तुलनामे कम कबोल रकम राखल बायोमेड अन्य कानूनी डकुमेन्टमे बलगर हुइटी हुइटी फेन नियतबश छनौटमे नैपारल दाबी कर्ले बा । ‘यदि डकुमेन्ट नक्कली बा कलेसे सरकारसे कालोसूचीमे राखके कारवाही करेक परल । नाई टे कबोल रकम कम हुइटी हुइटी कसिक ढिउर कबोल रकम उल्लेख करल फर्महे छनौट करल ? न्याय संगत नाई बिल्गाइल’, बायोमेडके निर्देशक उमेश अग्रवाल कहलै ।
टेण्डर छनौट पूर्वयोजना अनुसार करल स्रोतके दाबी बा । सेटि·मे टेण्डर आह्वान करल दाबी करटी स्रोत कहल–‘आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्र असार ११ गते आशयपत्र बायोमेडहे पठैटी डिबीहे छनौट करल कहल । १२ गते समझौता फेन डिबीसंग करल । ओ डोसर दिन सामान झार्न कलेक रहस्यपूर्ण बा ।’
बायोमेडके निर्देशक उमेश अग्रवाल कहलै– ‘७ दिनसम गुनासा राख्न समय डेहक पर्र्ना व्यवस्था फेन बा । ठीक बा, अब्बाक् परिस्थिति अनुसार ३ दिन डेलेसे फेन हम्रे मन्ली मने दिन नैबित्टी समझौता करगिल बा । हम्रहिन कौन फेन मौका नैडेगिल । यकर आशय का हो ? बुझे नैसेकगिल ।’
सरकारी कागजात किर्ते मुद्दामे मुछल व्यवसायी बस्नेतके फर्महे टेण्डर पर्न फेन नैतिकताके सवाल हो, उ फेन ढिउर कबोल रकम देख्टीदेख्टी डेनाके पाछे आर्थिक चलखेल हुइल सहजे अनुमान करे सेकजिना स्रोतके दाबी बा । ‘नैहुइल कमजोरीहे प्राविधिक कमजोर कहटी ढिउर मूल्यमे सामान किन्न सरासर जनताहुकनके पसिनाउप्पर गद्दारी कर्र्ना हो । बरवार आर्थिक चलखेलके गन्ध आइठ’, स्रोत आघे कहल ।
मने आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्र व्यवसायी बस्नेतके मुद्दा हालसम अदालतमे विचाराधिन रहल तथा अदालतसे फैसाला नैकरल तथा कानूनी रुपमे सबल बिल्गाइलओरसे छनौटमे परल बटैलै । साथे छनौट फेन प्रक्रियागत ढंगसे करल आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्रके दाबी बा ।
टेण्डर प्रक्रियामे प्रतिस्पर्धी रहल होस्पीटेक इन्टरप्राइजेज ओ डिबीबीच मिलेमतोके आशंका फेन करगिल बा । होस्पीटेक आपन कुछ सामान डीबी मेडिसिनहे उलपब्ध कराइल आशंका करगिल हो ।
यहेबीच छनौटमे परल आपूर्तिकर्ता धमाधम उपकरण आपूर्ति कर्नामे लागल बा । सेती प्रादेशिक अस्पताल, डोटी जिल्ला अस्पताल ओ बैतडी जिल्ला अस्पतालमे पीसीआर मेसिनसहितके प्रयोगशाला जडान करजिना हुइल बा । प्रयोगशाला निर्माणके लाग स्थान समेत तयारी अवस्थामे रहल आपूर्ति व्यवस्थापन केन्द्र जनैले बा ।
किर्ते मुद्दामे मुछल के हुइटै बस्नेत ?
व्यवसायी बस्नेत आपन फर्ममार्फत सुदूरपश्चिमके टमान स्वास्थ्य संस्थामे औषधि तथा यन्त्र उपकरणके आपूर्ति करटी आइल बा । व्यवसायी बस्नेत डिबि मेडिसिन ओ अमित मेडिसिन डिस्ट्रब्युटर्समार्फत औषधि तथा यन्त्र उपकरणके आपूर्ति करटी आइल हुइट । उहाँ उप्पर सरकारी कागजात किर्तेके आरोप लागल हो ।
आर्थिक वर्ष २०७३/७४ से २०७५/७६ समके ३ वर्षसम बस्नेतसे पाइल हरेक औषधि आपूर्तिके ठेक्कामे नक्कली करचुक्ता प्रमाणपत्र पेश करल आरोप लागल बा । उहाँ ३ बरसके अवधिमे गेटा आँखा अस्पतालके झण्डे ६ करोडसे ढिउर ओ सुदूरपश्चिम क्षेत्रीय स्वास्थ्य निर्देशनालय ओ सामाजिक विकास मन्त्रालयके डेढ करोडसे ढिउरके औषधि आपूर्ति ठेक्कामे नक्कली प्रमाणपत्र पेश करटी आइल हुइट ।
गेटा आँखा अस्पतालमे पेश करल प्रमाणपत्रमे उहाँके आन्तरिक राजश्व कार्यालयमे नैरहल चलानी नम्बर, मिति ओ कर अधिकृतके हस्ताक्षर करल पाइल रहे । बस्नेतसे नक्कली बनाइल करचुक्तामे हस्ताक्षर करल कहल कर अधिकृतके १ बरस आघे सरुवा होसेकल रहे ।
२०७६ अगहन १३ गते बस्नेत नक्कली करचुक्ताके प्रमाणपत्र पेश करल खुललपाछे उहाँ फरार रहिट । उहाँके धनगढीमे अमित मेडिसिन डिस्ट्रब्युटर्स नामके थोक औषधि पसल बा । उहाँ सेती प्रादेशिक अस्पतालमे विगत १० वर्षसे औषधि आपूर्तिमे एकछत्र राज करटी रहल व्यक्ति हुइट ।
महाकाली अञ्चल अस्पतालसहित सुदूरपश्चिमके बरवार अस्पतालसे खोल्न औषधि आपूर्तिके ठेक्का उहैके हातमे परटी आइल रहे । अगहन १३ गते उहाँ नक्कली करचुक्ता तयार करके किर्ते कागजात पेश करल खुललपाछे उहाँ अगहन १६ गते कैलाली प्रहरी अदालतके आदेशअनुसार पक्राउ पूर्जी जारी करल रहे ।