मुक्त हलियाके सवालमे तत्काल कानुन बनाके कार्यान्वयन कैना आग्रह
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ सावन । संविधान सभा सदस्य एवं हलिया मुक्ति आन्दोलनके राष्ट्रिय अभियन्ता, पूर्व सांसद हरि श्रीपाईली हलिया प्रथा अन्त्यके घोषणा करल ढिउर समय बित्लेसे फेन ओकर पूर्ण कार्यान्वयन नाइ होके मुक्त हलियाहुक्रनके जीवनस्तर जसके टस रहल बटैले बाटै ।
मुक्त हलिया अभियन्ता पूर्वसासद श्रीपाईली केन्द्र सरकारसे फेन सकारात्मक प्रयास हुइल नाइ डेखगैल ओरसे मुक्त हलियाके अधिकार सुनिश्चितताके लाग क्षेत्राधिकारमे विवाद नाइ अइना मेरके आब प्रदेश सभासे कानुन बनाके तत्काल कार्यान्वयनमे लाने पर्नामे जोड डेले बाटै ।
शुकके धनगढीमे राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाज महासंघ नेपालसे आयोजना करल हलिया प्रथा (निषेध कैना) सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयकके प्रारम्भिक मस्यौदाउपर छलफल कार्यक्रममे उहाँ उक्त बातमे जोड डेहल हुइट ।
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायधिवक्ता तथा मस्यौदा समितिके संयोजक कुलानन्द उपाध्याय हलिया मुक्तिके लाग पहल चालल् लम्मा समय हुइलेसे फेन यकर पूर्ण उन्मुलन हुइ नाइ सेकल ओरसे आब जत्रा सेक्लेसे हाली आघे बह्राइ पर्ना बटैलै ।
छलफलमे सहभागी सरोकारवाला क्षेत्राधिकारमे विवाद नाइ अइना मेरके कानुन बनैना सुझाइल रहिट । राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाज महासंघसे आघे सारल मस्यौदामा क्षेत्राधिकारके विषयमे ढिउर चीज त्रुटिपूर्ण रहल ओरसे सच्याइना सरोकारवाला सुझाव डेले बाटै ।
कार्यक्रममे महिला अधिकारीकर्मी तथा भजनी नगरपालिकाके कार्यपालिका सदस्य कमला ज्ञवाली मुक्त हलिया जातीय तथा मानव अधिकारसँग समेत जोडल विषय रहल ओरसे ऐन बनाइबर विशेष ख्याल करे पर्ना ओ कानुनमे विशेष व्यवस्था करे पर्ना बटैली ।‘अब्बे मुक्त हलियासे छुट रहल हलियाके समस्या ढिउर जर्जर रहल ओरसे उ विषयमे फेन ऐनसे बोले पर्ना डेखजाइठ् ।’
छलफलमे सामाजिक विकास मन्त्रालयके प्रतिनिधि दान बहादुर सुनार ऐनके क्षेत्राधिकार प्रदेशके सक्कु जिल्लामे लागू हुइना मेरके मस्यौदा तयार पार्न सुझाव डेलै ।
ओस्टके धनगढी उपमहानगरपालिकाके कार्यपालिका सदस्य तथा दलित मुक्ति अभियानके अभियन्ता प्रेम विक मुक्त हलियाके लाग उच्च शिक्षा निःशुल्क ओ प्राविधिक शिक्षा अनिवार्य कैना कानुनमे व्यवस्था करे पर्ना बटैलै ।
कार्यक्रममे हलिया ऐन निर्माणके आधार, आवश्यकता ओ प्रारम्भिक मस्यौदा सम्बन्धी अधिवक्ता हरि सिंह बोहरा कार्यपत्र प्रस्तुत करल रहिट । २०६५ साल भाद्र २० गते हलिया प्रतिनिधि ओ तत्कालीन नेपाल सरकारबिच हुइल पाँच बुँदे सहमति अनुसार हलिया प्रथाके अन्त्यको घोषणा करल रहे ।