फूला खेतीसे सीतारामके लाखौं आम्दानी
टीकापुर, २४ कार्तिक । व्यवसायिक रुपमे फूला खेतीसे सीताराम चौधरी वार्षिक लाखौं आम्दानी करटी रहल बाटै ।
टीकापुर नगरपालिका–१, वनगाउँके कृषक चौधरी विगत चार बरससे व्यावसायिक फूला खेती कैके लाखौ आम्दानी कैना सफल हुइल बाटै । केराके लाग प्रख्यात रहल टीकापुर आब फूला खेतीके लाग फेन लावा चिनारी थपल बा ।
केराके लाग प्रख्यात टीकापुरहे मनै फूला उत्पादन हुइना नगरके रुपमे चिन्हे लागल बाटै । ‘महिन टमान ठाउँमे मनै फूला किसानके रुपमे चिन्हे लागल बाटै,’ कृषक चौधरी कहलै, ‘कालु हमालहे केरा किङ कहल जस्टे, महिन फ्लावर किङ कना करठै ।’
उहाँ व्यावसायिक पुष्प खेती कैके नाउँ किल कमैले नाइ हुइट । आपन सोचलसे ढिउर दाम फेन कमैटी रहल बाटै । अक्के सिजनमे फूला बिक्री कैके तीन लाख रुपैयाँसम आम्दानी हुइना बटैठै । ‘यी बरस फेन ओत्रे नै आम्दानी हुइना अपेक्षा करले बाटुँ,’ चौधरी कहलै ।
अब्बे ओहकान खेट्वामे ओजरारे फूलल्, सयपत्री ओ मखमली फूला बा । यी दृश्यसे जो कोइ फेन मन्त्रमूग्ध हुइटी रहल बावै । चार बरस आघे धान खेती नाइ लगाके उहाँ खेट्वामे फूला लगैलै । चौधरीके अइसीन काम डेखके गाउँवासी चकित किल नाइ हुइलै, प्रश्नसमेत करे लग्लै । धान लगैना खेट्वामे फूल लगाके, गुजारा हुइ ? उ बेला उहाँ प्रश्नके जवाफ डेहे नाइ सेक्लै । मने, पाछे नाइ हटलै, आपन कामसे फेन । दत्तचित्त होके फूलो खेतीमे लागल रहलै ।
अब्बे उहे फूला खेती डेखके ओहकान जीवनमे खुशीके रंग भरल बा । व्यावसायिक फूला खेती कैके उहाँ नाउँ ओ दाम डुनु कमैटी रहल बाटै । ‘फूला खेतीके व्यवसाय फष्टाइलपाछे आब मै टे झन उत्साहित हुइल बाटुँ,’ कृषक चौधरी कहलै, ‘यी खेतीसे गुजारा किल नाइहोके, गतिलो आम्दानी हुइना करल बा ।’
यी बरस उहाँ आठ कट्ठा जमिनमे सयपत्री ओ मखमली फूला लगैले बाटै । डेवारी आइल लागलपाछे अब्बे उहाँहे फूला टुर्ना भ्याइ नभ्याइ हुइल बा । डेवारी लागल मखमली फूलाके माला बनैना कार्यमे अब्बे जुटल चौधरी बटैलै । ओइसीक टे, सयपत्री फूला ओ माला किनक लाग फेन दैनिक टमान ठाउँसे मनै अइना करल बाटै ।
‘दिनमे पाँच÷छ हजारसे ढिउरमे १० हजार रुपैयाँसमके फूला ओ माला बिक्री हुइटी रहल बा,’ उहाँ कहलै । कृषक चौधरी आघेक बरस ढिउर जमिनमे फूलाखेती करल रहिट । यी बरस कोरोना प्रभावके कारण फूला बिक्री नाइ हुइना आशंकासे उहाँ आठ कट्ठा जमिनमे किल फूला लगैलै । यद्यपि, कोरोनाके कारण फूलाके व्यापारमे खासै असर नाइ परल ।
‘औपचारिक कार्यक्रम नाइ हुइलेसे फेन टमान सरकारी कार्यालय फूला ओ माला खरिद करटी रहल बाटै,’ उहाँ आघे थप्लै । ‘ओत्र बिक्री नाए हुइ कि कना आशंका रहे, आब माग अनुसार कैसिक पुगैना कना चिन्ता हुइटी रहल बा ।’ फ्लोरी कल्चर एशोसिएसनसे भारतसे फूला आयातमे रोक लगाइल पाछे यहोर उत्पादित फूला माग अनुसार सक्कुु जनहनहे पुगैना हम्मे हुइल चौधरी उल्लेख करलै ।
विगत बरसमे उहाँ बरसमे दुई सिजनसम फूला लगैना करिट । यी बरस भर एक सिजनके लाग किल भदौमे लगाके अब्बे फूला बिक्री करटी रहल बाटै । दाङ्, बाँके, बर्दिया, बझाङमे समेत आपन फूला जैटी रहल उहाँ बटैलै । ‘टीकापुर ओ कैलाली किल फूलाके बजार नाइहो, यहोर किल बिक्री कैके कुछ नाइहो,’ चौधरी कहलै । ‘लुम्बिनी प्रदेशके टमान जिल्ला ओ हमार प्रदेशके पहाडी जिल्लामे फेन पठैटी रहल बाटुँ ।’
गैल बरस चौधरी पाँच लाख रुपैयाँ बराबरके फूलाके कारोबार करल रहिट । सक्कु खर्च कटाके करिब तीन लाख जत्रा आम्दानी हुइल उहाँ सुनैलै । यी बरस खुद्रामे फूला प्रति किलोग्राम ४५० ओ प्रति माला सय रुपैयाँमे बिक्री करटी रहल बटैलै । फूला मनैनके जरमसे मृत्यु पर्यन्तसम टमान संस्कारमे काम लाग्न चिज हो । टमान कार्यके लाग पहिले फूला मागके काम चल्लेस फेन आब भर किने पर्ना अवस्था सृजना हुइल बा । फूलाके माग बर्हटी गैल ओरसे पुष्प खेतीमे झनै उत्साह बर्हल कृषक चौधरी सुनैलै । ‘यकर स्कोप बर्हटी गैल ओरसे ढिउर खुशी बाटुँ ।’
कृषक चौधरीसे टमान ठाउँके अवलोकन भ्रमण, बजार क्षेत्रके पहिचान कैके किल व्यावसायिक फूला खेतीमे हात डारल हुइट । उहाँ २०७५ सालसे व्यावसायिक फूला खेती करटी आइल बाटै । अब्बे चौधरीके घरपरिवारके सक्कु सदस्य फूलखेतीमे स्वरोजगार हुइल बाटै । अत्रे किल नाइहोके फूला लगैना, गबेल्नासे लेके माला बनाइक लाग स्थानीयहे समेत रोजगारी प्रदान करटी आइल बाटै ।
विदेश भ्रमणके अवसर
सुदूरपश्चिममे अग्रणी फूला कृषकके पहिचान बनाके सीताराम चौधरीहे विदेशमे जाके पुष्प खेतीको अवलोकन कैना अवसर प्राप्त हुइल बा ।
हल्याण्ड जाइक लाग अवसर प्राप्त हुइल उहाँ जनैलै । ‘फूला खेतीके अवलोकन भ्रमणके लाग सीटीइभीटीइसे हल्याण्ड लैजाइ लागल बा,’ चौधरी कहलै, ‘मने, युरोपमे फेरसे लकडाउन हुइल ओरसे रुकल बाटी । उहोर खुल्टी किल जाबी ।’