बेमटीखेतीः उत्पादन अन्सार बजारमे खपत
धनगढी, ५ अगहन । कैलालीके जानकी गाउँपालिकाके युवा बेमटीखेतीमे आकर्षित हुइल बाटै । ओइने व्यावसायिकरूपमे बेमटीखेती करके अब्बे मनग्य आम्दानीसमेत लेहे लागल बाटै । छ हजार रुप्यामे लगानीसे बेमतीखेती शुरुआत करल जानकी–४ के श्रीराम कठरिया अब्बे रु दुई लाखके लगनी करले बाटै ।
उहाँ कचिउ ओ गोब्रे करके दुईथरिका च्याउ उत्पादन करटी बाटै । ‘मै विगतमे ढेर काम करनु मने अब्बे बेमटीमे भर सन्तुष्ट बाटु’, उहाँ कहलै, ‘दुई जातके च्याउ उत्पादन करठु, बजारके चिन्ता नइहो, खपत सहजे हुइटी रहल बा ।’
और कामसे कम लगानी ओ घरमे बैठके करे सेक्ना हुइल ओरसे बेमटीखेती रोजल उहाँक कहाई बा । ‘शुरुमे कम लागनीसे शुरु करे सेक्जाई, तरकारी हुइटी रहल ओरसे बिक्री हुजाई’,
उहाँ कहलै, ‘घरपरिवार मिलके करे सेक्जाई, यी कामदार व्यवस्थापनमे समेत सहयोग पुगल बा । बेमटीसंगे और कामफे करे सेक्जाई ।’
जानकी–५ के एञ्जिल चौधरीफे गैल वर्षसे बेमटीखेती शुरुआत करले बाटै । उहाँ रानी जमरा कुलरिया सिँचाइ आयोजना कैलालीके ५० प्रतिशत अनुदान सहयोगमे बेमटीखेती करल हुइट ।
‘आधा लगानी सिँचाइ आयोजनासे करडेहलपाछे मै ठप हौसल हु । अब्बे ६०० पोका बेमटी उत्पादन करटी रहल बाटु, उहाँ कहलै, मोर बारीमे उत्पादन हुइल बेमटी टीकापुर, लम्की, जोशीपुर, भजनी ओ धनगढीसम जैना करल बा ।’ उहाँक व्यवसायमेफे पाँच जाने घरेम सदस्य अपनही काम करटी रहल बाटै । बजारीकरणके लाग दुई जाने कामदारसमेत धरले बाटै ।
कामके लाग युवा टमान ठाउँ भौटरनासेफे यैसिक व्यवसाय सुरु करलेसे यिहे मजा कमाइ करे सेक्ना उहाँ कहाई बा । ‘बेरोजगार हुइली कहिके ढेर युवाहुक्रे भारत तथा विदेश जाई लागल बाटै, कोरोना संक्रमण फैललपाछे यहाँके अधिकांश युवा भारत पैठल बाटै, उहाँ कहलै, ‘बेरोजगार बैठना, विदेश जैनासे यिहे कृषिमे लग्लेसे मजा आम्दानी करे सेक्जाई ।’
गाउँपालिकासेफे युवाहुकनहे स्वरोजगार बनैना उद्देश्यसे टमान सीपमूलक तालिम सञ्चालन कैनाके साथे कृषिमे अनुदानके कार्यक्रमफे सञ्चालन करटी रहल बा । जानकी गाउँपालिका अध्यक्ष प्रदीपकुमार चौधरी युवाहे लक्ष्य करके कृषिकर्म कैना युवाहे गाउँपालिकासे सघैटी रहल जानकारी डेठै । ‘तालिम, प्राविधिक ज्ञान डेना काम गाउँपालिकासे करटी बा’, उहाँ कहठै, ‘यकर साथे नयाँ कृषि व्यवसाय कैना चाहुइयाके लाग गाउँपालिका ठप सहयोग करे सेकठ ।’
कृषक अगुवा सन्दीप चौधरी पछिल्का समय युवा कामके खोजीमे विदेशिन क्रम बढल ओरसे स्थानीय सरकार स्थानीयस्तरमे युवाहे स्वरोजगार बनैना खालके कार्यक्रम थप सञ्चालन करे पर्ना सुझाव डेठै । ‘अबके भविष्य कहल कृषि हो, कृषिहे प्राथमिकतामे धारके लगानी करे परल’, उहाँ कहलै, ‘अनुदान केल नइहुके बजारीकरणमे समेत सहयोग कैना आवश्यक बा ।’