थारु भासक् संरच्छन कसिक ?

ओंरवा लेहेबेरः
डस्या, डेवारिक उपलच्छ्यमे बहुट जाने सुभकामना साटासाट करल हुइबि । फेसबुक, एसएमएस मार्फट फेन बहुट जाने सुभकामना लेहल, डेहल हुइबि । एक फेरा मनन् करि टे । का अपनेक पठाइल डस्या, डेवारिक सुभकामना अपने थारु भासम् रहे टे ? रहे कलेसे अपने अपन भासाप्रटि सचेट बटि कना प्रमानिट हुइठ । अपन भासम् नैरहे कलेसे आब अइना टिउहारके सुभकामना अपने थारु भासम् डेना अभियान चलैबि । असिक हमार ठोरचे सचेटनाले हमार भासा बह्रना पौंह्रनामे जरुर फेन बल पुगि ।
कुछ संघरियन कहठाँ, थारु भासक् अपन लिपि रहे । उ खोजे परल, अपन लिपि बँचाइ परल । मने पुर्खनके जोगाइल, जट्रा फेन लिपि हेरगैल बा, उ देवनागरी लिपि जो हो । ओहेसे हम्रे नै रहल लिपि खोज्नासे फेन हाल चलन चल्टिमे रहल देवनागरी लिपिमे जो थारु भासक् अभ्यास कर्ना चाहि ।
इ आलेखमे थारु भासक् कसिक संरच्छन कसिक करे सेक्जाइ ? यकर बारेम् बुँडागट रुपमे घाना डार गैल बा । सब जाने मिलजुलके मालि घुम्बि कलेसे इ घाना हालि निख्रि ओ थारु भासक् संरच्छनमे बल पुगि ।
१) सामाजिक सन्जालमे अपन भासाः
एकठो कहकुट बा जब कौनो जाटिहे मुँओइना बा कलेसे ओकर भासाहे नस्ट करडेउ, उ जाति आपसे आप लोप हु जाइ । भासाहे मौखिक रुपमे बेल्सलेसे फेन हम्रे लिखिट रुपमे नै बेल्सल कारन हमार भासाके लोप हुइना कारक हम्रे स्वयम् हुइ । इ लेखके ओंरवा लेहेबेर मैं सामाजिक सन्जालके बाट उठा सेक्ले बटुँ । आज्कल सबके हाँठ हाँठमे मोबाइल बा । मने बहुट जने मेसेज पठाइबेर, अपन मनक् बाट लिखेबेर टाइम्स रोमन फन्ट बेलसके नेपाली भासामे लिखल डेखजाइठ । असिक कसिक हमार भासा टिपुन्निम पुगि ? युनिकोडमे अपन मनक् बाट अपने थारु भासामे लिख्बि टे ओकर जवाफ फेन ओहे भासामे भेटैबि । असिक सामाजिक सन्जालमे अपने गजल, मुक्तक, भावना, विचार जा टे अपलोड कर्ना बा, कृपया थारु भासा बेल्सि ओ थारु भासा संरच्छनके एक हिस्सा बनि ।
२) नेउटामे अपन भासाः
पहिले भोज बियाहमे नेंउटा स्वरुप हर्डिक गाँठ, सुपारि बाँट जाए । आब बहुट मंहगा मंहगा कार्ड छपाके नेंउटा डेना चलन बा । मर्निकर्निमे कहावट नेंउटा फेन छापके पठैना चलन आ सेकल । मने अपनेक ठेन आइल नेंउटा सुरच्छिट ढैले बटि कलेसे बिल्टाके हेरि, ओम्ने थारु भासा बेल्सल बा कि नै ? कोइ कोइ थारु भासा बेलस ठुइहि, नै टे अक्सर नेपाली भासा जो नेंउटामे अभिन सम राज जमैले बा । थारु भासम् नेंउटा लिखुइयन फेन उपरका मन्टर मंगलम् भगवान विष्णु, मंगलम् पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनोहरि इ संस्कृत स्लोक ढारल डेखजाइठ । खै हमार ठरवाना मन्टर ? आब हमार मन्टर सिर्जाइ । नेंउटामे अपन डेउटा खोजि । डुल्हा डुल्हिनके नाउँ बेलसके ओइनहे आर्सिवाड डेना मेरिक स्लोक बनाके नेंउटाके गरिमा बह्राइ सेक्जाइठ । ओहेसे नेउटामे अपन भासा बेल्सि ओ थारु भासा संरच्छनके एक हिस्सा बनि ।
३) सरकारि कामकाजके भासाः
जब सम थारु लगायट स्ठानिय भासाहे सरकार संरच्छन नै करि, टबसम सम्बन्ढिट भासि किल इहि जोगाइ सेक्ना कर्रा बा । सरकारि निकाय कलक स्कुल, गाउँपालिका, अदालत, प्रहरी अन्य प्रशासन लगायट निकाय हो । खुसिक बाट इहे २०७७ सालके डस्यक् उपलच्छ्यमे ईलाका प्रहरी कार्यालय, हसुलिया, कैलाली थारु भासम् सुभकामना ओ सुचनामुलक सन्डेस छपाके प्रचारप्रसार कर्ले बा । ईप्रका हसुलियाके सिख्खा लेके ढिरे ढिरे आउर सरकारि निकाय फेन स्ठानिय जनटनके बुझ्ना भासम् सुचनामुलक सन्डेस प्रचार प्रसार कर्ना चाहि । दाङके घोराही नगरपालिका थारु भासाहे फेन अपन कामकाजके भासा बनैना निर्नय कर्ले गैल बा । मने कार्यान्वयन हुइल नै सुन्ले हुँ । थरुहट छेट्रमे थारु भासाहे सरकारी कामकाजके भासा लागु करक लग आ आपन ठाउँसे डबाब डेहे परल । यम्ने थारु कल्याणकारिणी सभा (थाकस) लगायट सामाजिक संस्ठा अगुवाइ करिंट ।
४) थारु भासामे पह्राइः
भासा जोगैना सबसे बलगर अभियान कलक स्कुलिम लर्कापर्कन ओइनेके मातृभासम् पह्रैना अभियान हो । देउखरके कुछ स्कुलिम कुछ बरस पहिले इ बारेम थाकस क्षत्रिय समिति देउखरके टाट्कालिन हिरालाल चौधरीसे प्रयास फेन हुइल रहे । २७ ठो स्कुलिम लागु हुइल, मने निरन्टरटा पाइ नै सेकल । अब्बे थरुहट क्षेत्रके बहुटसे स्ठानिय निकायमे थारु समुडायके जनप्रतिनिधि बटाँ । ओइने अपन डाइ भासा (मातृभासा) जोगैना अभियानमे लग्हि कलेसे जरुर हमार भासाके संरच्छन हुइ । फेन से कहिहि परि कि यकर लग थाकस लगायट सामाजिक संस्ठा अगुवाइ करिंट ।
५) अपन भासामे लेखन अभ्यासः
दाङदेउखरसे अब्बे लौव अग्रासन साप्ताहिक ओ लावा डग्गर त्रैमासिक थारु भासाके पत्रिका निकरटि बा । धनगढीसे करिब डुइ डसकसे थारु भासामे पहुरा दैनिक निकरटि बा । मने लेखन अभ्यास कम रहल ओर्से ढेर जनहन अपन भासा लिखना, पह्रना साँसट लग्ठिन । अब्बे थारु भासाके लेखन अभ्यासमे लगुइयन हम्रे जस्टक बोल्ठि, टस्टक लिख्ना चाहि कना अभियान आगे बहै्रले बटाँ । समय अनुसार अपन भासाके लिखाइमे फे एकरुपटा लन्ना चाहि कना लेखकलोगनके सोंचाइ स्वागटयोग्य बा । मोर यि लिख्नौटि फेन बोलाइ अनुसार लिखाइके अभियान अन्टर्गट हो । किहु इ लिखाइ मन नै परे सेकठ ।
हम्रे सपना डेख्ठि अपन थारु भासामे । मने डायरिमे उँटारेबेर नेपाली, अंग्रेजी भासा बेल्से लग्ठि । ओहेसे आब अपन सपनक बाट, कौनो योजनाके बाट अपने थारु भासामे लिखि । लिखेबेर गल्टि हुइठ कि ? यम्ने ढ्यान ना डि । अपनेक मन अपनेहे कसिक लिखे कहटा, लिख्टि जाइ । लावा लावा ठाउँ घुम्लक, बैठकमे भाग लेलक लगायट घटना, डायरि थारु भासामे जो लिखि । असिक अपन भासामे लेखन अभ्यास करब, टब किल हमार भासा बँचे सेकि । सरकार हमार भासा बँचा डे कहिके चिल्लैना टे पर्ले बा, हमार भासा जोगाइ कहिके अपने समाज भिट्टर फेन चिल्लाइ ।
६) पुरान गिटबाँसके व्याख्याः
लोकसाहित्यमे बहुट ढनि बा थारु समुडाय । महेश चौधरी लगायट अगुवालोग पुरान गिटबाँस ढमार, माँगर, बर्किमार, फुलवार लगायटके गिट संकलन कैके छपा सेक्ले बटाँ । गिटबाँसमे रुचि ढरुइया आउर गाउँक् अग्वन फेन अपन टरिकासे संकलन कर्ले बटाँ, कर्टि बटाँ । मने इ लोकसाहित्यके व्याख्या, बिस्लेसन हुइ नैसेक्ठो । अपवाडके रुपमे अशोक थारु व्याख्या, बिस्लेसनमे लाग बटाँ । गिटके बिस्लेसनके पोस्टा नै आइ सेकल कारन युवा पुस्टा यकर भिटरि मिठास लेनासे बन्चिट बटाँ । जबसम युवा पुरान गिटके रहानमे डुबे नै सेक्हि भासाके संच्छन कर्रा बा ।
७) गिटबाँसके रेकर्डिङः
गिटबाँसके रेकर्डिङ भासाहे फैलैना ससक्ट माढ्यम हो । हम्रे, हमार लर्कापर्का हिन्दी गिट सुन्के, सलिमा हेर्के हिन्दी सिख्टि बटाँ । सलिमक् लग कुछ बरस पहिले बहुट थारु गिट रेकर्ड होए । आब सलिमा बन्ना कम हुइलो पर युट्युब मार्फट रोटडिन हस कौनो न कौनो थारु गिट युट्युबमे अपलोड हुइटि बा । महि खुसि लागठ, बर्दिया, कैलालीक् गायक, गायिकालोग चितवनसे लेके सुनसरी, मोरङके थारु भासम् फेन गिट रेकर्ड कैनासे लेके मन्चमे गैना काम कर्टि बटाँ । इहिसे थारु भासाके जागरनके काम हुइल बा ।
८) सलिमा, कार्टुनके निर्मान:
थारु भासम् नाउँ भरिक सलिमा बन्टि बा । थारु बटकुहि बोकल कौनो फेन सलिमा अन्टर्रास्ट्रिय स्टरमे टे डुर रास्ट्रिय स्टरमे फेन अपन उपस्ठिटि जनाइ नै सेक्ठो । इहिले हमार भासा, संस्कृटिके प्रचार प्रसार हुइ नै सेकठो । युट्युवमे गिट अपलोड करुइयन डकुमेन्ट्रिओर लग्टि बटाँ । मने ग्यान अभावके कारन मजा डकुमेन्ट्रि नै बनठो । सलिमा, डकुमेन्ट्रि सिख्नौटि बन्ले से फेन इ थारु भासा जोगैना बल्गर खुँटा हो ।
ओस्टक हिन्दीसे डब कैके हुइलेसे फेन कैलालीक् अजराइल छैला लगायट कुछ युवा थारु कार्टुन बनैटि बटाँ । आजकल छोट छोट लर्का फेन मोबाइलमे झिस्कल डेख्जाइठ । लर्कापर्कनहे लच्छिट कैके अपने थारु भासम् ग्यानमुलक बटकुहि, खिस्साके कार्टुन बनैलेसे थारु भासक् संरच्छन हुइ ।
९) पोस्टा, पत्रपत्रिकाहे निरन्टरटाः
थारु भासम् ढेरसे ढेर पोस्टा, पत्रपत्रिका निकारे पर्ना जरुरि बिल्गाइठ । लर्कापर्कनहे लच्छिट करल रंगिन चित्र बनाइल बटकुहि छापे सेक्लेसे ओइन छोटहिमसे अपन भासाप्रटि रुचि जग्हिन ।
अपवाडके रुपमे धनगढीसे निकरना पहुरा दैनिक बाहेक थारु भासम् २०२८ सालमे निक्रल गोचालीसे लेके जट्रा फेन पत्रिका बा, नियमिट हुइ नै सेक्ठो । दाङदेउखरसे निकरना लौव अग्रासन साप्ताहिक ओ लावा डग्गर त्रैमासिक एक डसकसे अपन अस्टिट्व बँचैले बटाँ । लिखे सेकुइयन लिखके, रकम रहुइयन आर्ठिक सहयोग कैके थारु पत्रिकाके सास बँचा डेलेसे थारु भासाके सास बँचल रहिहिस ।
१०) ओ, अन्टमेः
बाभनलोगनके घरेम ओइनके रोटडिन पाठ कर्ना दुर्गा, चण्डी, रुद्रीके पोस्टा रहिन् । यक्रे आढारमे ओइने अच्छर सिख्लाँ, घरहिं ग्यान पैलाँ । पुस्टा हस्टान्टरन कर्टि गैलाँ । हमार पुर्खा फेन अपन जानल मन्टर लिखके डस्टावेजिकरन कर्ले रटाँ कलेसे जरुर सिच्छामे आगे रहटाँ । मने गुरुवनके गुरुलोग मन्टर नै सिखैना चाहि कना कान भर डेलिन । पुस्टा हस्टान्टरन नैहोके मन्टर फेन हेराइल । हम्रे लाटागोंगा रहिगैलि ।
आब टे अपन जान ग्यानके पुस्टा हस्टान्टरन करि । मन्टरसे लेके कहकुट, बटकुटि, गिटबाँस पुर्खनसे कह्वाके डस्टावेजिकरन करि, ब्याख्या बिस्लेसन करि । ओसिन सामाग्रि अनलाइन, वेबसाइट, ब्लग बनाके फैलाइ । थारु भासाके जगेर्नामे लागल स्रस्टन सम्मानिट, पुरस्कृट करि । टब किल बल्ले थारु भासाके संरच्छन हुइ ।
जय गुर्बाबा ।
chaligochali@gmail.com
