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मानव–वन्यजन्तुवीचके द्वन्द्व रोक्न वनक्षेत्रमे तारबार

पहुरा | १३ मंसिर २०७७, शनिबार
मानव–वन्यजन्तुवीचके द्वन्द्व रोक्न वनक्षेत्रमे तारबार

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १३ अगहन ।
मानव–वन्यजन्तुबीचके द्वन्द्व न्यूनीकरण कैना कैलालीके दुई सामुदायिक वनके वारपार ग्याबिन जालीसे बेरहल बा ।

सामुदायिक वनमे रहल वन्यजन्तु बस्तीमे पैठके बाली नोक्सान करलपाछे मानव–वन्यजन्तुबीचके द्वन्द्व कम करेक लाग उहीहे रोक्न प्रयास करल हो । जिल्लाके लम्कीचुहा नगरपालिकामे रहल दुई ठो सामुदायिक वन वारपार ग्याबिन जालीके प्रयोग करके द्वन्द्व न्यूनीकरणके लाग तारबार करले बाटै ।

वनुवामे रहल चित्तल, निलगाई, बनसुवर जैसिन वन्यजन्तुसे खेतीपातीमे व्यापक नोक्सान करे लागलपाछे सामुदायिक वन वारपार ग्याबिन जालीके प्रयोग करके सामुदायिक वनके उपभोक्तासे तारबार करल बटैलै । लम्कीचुहा नगरपालिका–३ मे रहल कोपिला सामुदायिक वन ओ वडा नम्बर १ मे रहल जनकल्याण सामुदायिक वन वारपारके तारबार करलपाछे वन्यजन्तुसे भोग्टी आइल समस्या कुछ कम हुइल ओइनके कहाई बा ।

‘बनुवासे निकरके खेतुवा अइना बनसुवर, निलगाई जस्टे वन्यजन्तुसे बाली ओ टिना जोगैना मुस्किल बा’, लम्कीचुहा नगरपालिका–३ व्यवस्थित नगरके कोकिला न्यौपाने कहली । ‘तारबार लगाइलपाछे अब्बे कुछ कम हुइल बा, मने वन्यजन्तु अइना क्रम भर रोकल नइहो ।’ वनके सक्कु ओर तारबार लगैना बाँकी रहल ओरसे अभिनफे वन्यजन्तु आके खेतीपातीमे नोक्सान पुगैना करल स्थानीयके कहाई बा ।

वन्यजन्तु बस्तीमे पुगे लागलपाछे कबु मनै वन्यजन्तुउप्पर आक्रमण करल टे कबु वन्यजन्तु मनैन उप्पर आक्रमण करल ओइने बटैठै । गाउँमे पैठल वन्यजन्तुहे स्थानीयसे रखेडेबेर कौनो बेला वन्यजन्तु घाहिल हुइल ओ कौनो समय वन्यजन्तु मनैनहे घाहिल बनाइल कोपिला सामुदायिक वनके अध्यक्ष पूर्णप्रसाद बजगाइँ बटैठै । ‘मानव ओ वन्यजन्तुबीचके द्वन्द्व बह्रे लागलपाछे हम्रे ग्याबिन जालीके तारबार करके वन्यजन्तुहे वनुवामे रोक्न प्रयास करले बाटी’, उहाँ कहलै ‘मने अब्बेफे समस्या पूर्ण रुपमे रोकल नइहो, कुछ हद्सम कम भर अवश्य हुइल बा ।’ बर्दिया राष्ट्रिय निकुञ्जके लग्गे पर्ना दुनु सामुदायिक वनमे वन्यजन्तुके चहलपहल बह्रल बा ।

सामुदायिक वनमे चित्तल, निलगाई, बनसुवर, बन्डारजैसिन वन्यजन्तु केल नइहुके बाघ ओ चितुवाके फे बसोबास रहल बा । वन लग्गे बस्ती रहल ओरसे जबफे भारी वन्यजन्तुके त्रास रहल स्थानीयवासी बटैठै । भारी वन्यजन्तुके कारण अभिनसम कौनो अप्रिय घटना नइहुइलेसेफे ओसिन वन्यजन्तुके त्रास ढेर रहल व्यवस्थित नगरके लक्ष्मी तिमिल्सिना बटैली । ‘वनुवक चितुवा ओ बाघ आके मनै लगायत घरपालुवा जनावरउप्पर आक्रमण करे सेक्ना अवस्था बा’, उहाँ कहली । ‘ग्याबिन जालीसे तारबार करलपाछे ठोरिक हुइलेसेफे सुरक्षा टे महसुस करले बाटीं, मने अभिनफे ढुक्क हुइ नइसेकल हुई ।’

स्थानीयवासीके अन्सार सबसे ढेर हिउँदके बेलामे वन्यजन्तुसे कृषिबालीमे नोक्सान करटी आइल बाटै । मास, मसुरी जैसिन दलहन कृषि उपजहे चित्तल ओ निलगाईसे ढेर क्षति पुगैना करल ओइनके कहाई बा । वन्यजन्तुके कारण कृषिबाली जोगैना भारी समस्या रहल दुसर स्थानीय नामसरा तिरुवा बटैली । ‘तारबार करलपाछे पूर्ण रुपमे यी समस्या समाधान हुई कहिके सोंच्ले रही’, उहाँ कहली’ मने अभिन समस्या कायमे रहल बा ।’ कोपिला सामुदायिक वनमे ६०० घरधुरी आश्रित बाटै ।

२०६० सालमे सामुदायिक वन बनाके संरक्षण सुरु करेबेर घाँस, काठी ओ कठुवाके लाग सहज हुइलेसेफे वन्यजन्तुके कारण भर ढेर नोक्सान व्यहोरटी आइल उपभोक्ताहुकनके कहाई बा । कोपिला सामुदायिक वन २०५.३१ हेक्टर क्षेत्रफलमे फैलल बा । ओस्टेक करके, ४२२ हेक्टर क्षेत्रफल ओगटल जनकल्याण सामुदायिक वन वारपारफे तारबार करल बा । यी सामुदायिक वनुवामे एकदम बाघके बसोबास रहन करल जनाइल बा ।

२०७४ सालमे वनहेरालु नरेन्द्रप्रसाद जैशीके बाघसंग जम्काभेट हुइल रहे । धोबिनी खोलामे सुटल बाघके उहाँक मोबाइलसे फोटोसमेत खिचल बा । सामुदायिक वनमे हिंस्रक वन्यजन्तुफे रहल ओरसे उ जङ्गली जनावरहे बस्तीओर अइनासे रोकेक लाग तारबार करल जनकल्याणके अध्यक्ष पदमराज न्यौपाने बटैलै । ’तारबार करलपाछे अब्बे मानव ओ वन्यजन्तुबीचके द्वन्द्वमे कमी आइल बा’, उहाँ कहलै ।

तराई भूपरिधी कार्यक्रम (ताल) के सहयोगमे २५ लाख रुपैयाँ लगानी करके बस्तीओरके क्षेत्रमे दुनु सामुदायिक वनके वारपार तारबार करल हो । जेम्ने सहयोगी संस्थाके ५० प्रतिशत ओ ओटरे सामुदायिक वन उपभोक्ता समूहके लगानी रहल जनाइल बा । कोपिला वारपार दुई किलोमिटरसम ओ जनकल्याण वारपार एक किमी २३० मिटरमे तारबार करल बा ।

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