सुदूरपश्चिममे १६ लाख २९ हजार जनसंख्या खाद्य असुरक्षित

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,१७ अगहन । सुदूरपश्चिम प्रदेश १६ लाख २९ हजार २ सय जनसंख्या खाद्य असुरक्षित रहल बाटै ।
सामाजिक विकास मन्त्रालयके तथ्याङक अन्सार यी प्रदेशमे २६ लाख १५ हजार १ सय ४८ जाने रहल मने ६२.३ प्रतिशत जनता बर्षभरमे कुछ महिना भुखे वा आधा पेट खाके जीवन गुजारा करटी रहल याक नेपालके निर्देशक देवीलाल खनाल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘और प्रदेशके तुलनामे यी प्रदेशमे रहल प्राकृतिक स्रोत ओ सम्पदाके उपयोग मार्फत विकासके सम्भावना ढेर रहलेसेफे गरिबीके संख्या ढेर बा, मने प्रदेशके अधिकांस मनै गरिबीके चपेटामे परल तथ्याङकसे डेखजाइठ ।’ दैनिक जीवनपायन करेक लाग अधिकांस मनै छिमेकी राष्ट्र भारतमे मजदुरी करे जाई पर्ना बाध्यता रहल ओ कोभिड–१९ के कारण यी प्रदेशमे ठप जनसंख्या भोकमरीके चपेटामे पर्न सम्भावना रहल निर्देशक खनाल कहलै ।
याक नेपालके कार्यकारी निर्देशक डबल बम सुदूरपश्चिम प्रदेशमे करिब २८ लाख जनसंख्या रहलमे करिव ८४ प्रतिशतसे ढेर जनता कृषि पेशामे निर्भर रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘खेती योग्य जमिन ३७६३३३ हेक्टर रहलमे जम्मा ३३७४५६ हेक्टरमे खेती करजाइठ, प्रदेश स्वास्थ्य सेवा प्रवद्र्धन रणनीति २०७६ अन्सार कुल जनसंख्याके ६२.३ प्रतिशत जनता बर्षके कुछ महिना भुखे वा आधा पेट खाके जीना बाध्य बाटै ।’
नेपालमे करिब ६३ प्रतिशत जनसंख्या कृषिमे निर्भर रहल ओ कुल ग्रार्हस्थ उत्पादनमे ३२ प्रतिशत कृषि क्षेत्रके योगदान रहल बा । नेपालके झण्डै ४१ प्रतिशत जनसंख्या दैनिक रुपमे चहना २२७९ क्यालोरीके लाग खाद्यन्न उपभोग कैनासे बञ्चित, ४१ प्रतिशत लर्का दीर्र्घ कुपोषणसे पीडित, १५ प्रतिशत लर्कामे ख्याउेपन रहल बा ।
जनताके खाद्य अधिकार सुनिश्चित कैना संजालसे माग

यिहे विच मंगरके रोज धनगढीमे पत्रकार सम्मेलनके आयोजना करके खाद्य अधिकार संजालके जिल्ला प्रतिनीधिहुकनसे एक प्रेस विज्ञप्ती जारी करटी जनताके खाद्य अधिकार सुनिश्चित कैना माग करले बाटै ।
प्रेस विज्ञप्तीमे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे जनताके खाद्य अधिकार सुनिश्चित करेक लाग खाद्य अधिकार तथा खाद्य सम्प्रभुता सम्बन्धी ऐन २०७५ के दफा ३४ मे व्यवस्था हुइल भुमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्रीके संयोजकत्वमे गठन करे पर्ना प्रदेश खाद्य परिषदके गठन हाली करे पर्ना ओ दफा ३६ मे व्यवस्था हुइल स्थानीय तहके प्रमुखके संयोजकत्वमे गठन करे सेक्ना स्थानीय खाद्य अधिकार समन्वय समिति हाली गठनके लाग पहल करे पर्ना माग करल बा ।
प्रदेश सरकारके योजना संकलन ओ छनौट प्रक्रिया ओ नीति तथा कार्यक्रममे अर्थपूर्ण जनसहभागिताके सम्बन्धमे प्रभावकारी संयन्त्र नइरहल ओरसे नागरिकहुक्रे प्रदेश सरकारके सेवा तथा सुविधासे बन्चित हुइटी रहल ओरसे उपयूक्त संयन्त्र हाली निर्माण करे पर्ना, प्रदेश ओ स्थानीय तहमे पोषण योजना निर्माण करके हाली लागु करे पर्ना, प्रदेशमे विकास निर्माण कार्यके कारण खाद्य अधिकार हनन हुइल समुदायके खाद्य अधिकार सुनिश्चितताके लाग हाली कानून निर्माण करके लागु करे पर्ना माग करल बा ।
विज्ञप्तीमे प्रदेश किसानके उत्पादन समयमे खरिद करेक लाग हाली खरिद डिपो आवश्यकता अन्सार उपयूक्त समयमे स्थापना करे पर्ना, समयमे मल विउ विजनके उपलब्धताहे सुनिश्चित करे पर्ना, प्रदेशभिटरके प्राकृतिक प्रकोपसे प्रभावितहुकनके सवालमे हाली सम्बोधन करे पर्ना, प्रदेशमे कृषियोग्य भूमिके अधिकतम उपयोग ओ सिचाईके व्यवस्था करे पर्ना, कोभिड–१९ के कारण विदेश जैना बाध्य नागरिकहुकनहे प्रदेश भिटर रोजगारी उपलब्ध कराई पर्ना, प्रदेशभिटरके मुक्तकमैया, मुक्तहलिया, प्राकृतिक प्रकोप ओ विकास निर्माणके कार्यसे प्रभावित जनताके खाद्य अधिकारके लाग हाली नियम बनाके लागु करे पर्ना, स्थानीय तहमे खाद्य बैंक ओ सहुलियत मोलके पसल स्थापना करे पर्ना लगायत माग करल बा ।
खाद्य अधिकार संजाल सुदूरपश्चिम प्रदेश सचिवालय संस्था याक नेपालके प्रतिनीधि ह्दय पुजारा, कञ्चनपुर जिल्ला प्रतिनीधि कोमल निरन्जन भाट, कैलाली जिल्ला प्रतिनीधि राजेन्द्र रैका, बैतडी जिल्ला प्रतिनीधि नरी बडु, बाजुरा जिल्ला प्रतिनीधि तुलाराम जैशी, बझाङ जिल्ला प्रतिनीधि कल्पना के.सी., दार्चुला जिल्ला प्रतिनीधि मनोरथ जोशी, अछाम जिल्ला प्रतिनीधि लोकमान धामी, संजालके बेदकोट नपा प्रतिनीधि गोमती साउद, शुक्लाफाँटा नपा प्रतिनीधि सोम भट्ट, पुनर्वास नपा प्रतिनीधि कञ्चन गिरी, घोडाघोडी नपा प्रतिनीधि गया प्रसाद कठरिया, दोगडाकेदार गापा प्रतिनीधि राजु कार्की ओ पुर्वीचौकी गापा प्रतिनीधि तारासिंह खडकासे हस्ताक्षेरित प्रेस विज्ञप्तीसे जनताके खाद्य अधिकार सुनिश्चित कैना माग करले बाटै ।
