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पाँच व्यावसायिक विधामे जम्टी बन्दुली

पहुरा | १९ मंसिर २०७७, शुक्रबार
पाँच व्यावसायिक विधामे जम्टी बन्दुली

२० लाख रुप्याके घाँस विक्री

प्रेम चौधरी
धनगढी, १९ अगहन ।
व्यावसायिक रुपमे लागके कुछ करे परल कहटी शंकरसिंह विष्ट तराई झरलै, महोल विथोललपाछे वैदेशिक रोजगारके लाग उहाँ दुवई पुग्लै । विदेशमे पुगेबेर सोचल जस्टे काम नइहुइलपाछे २/३ महिना भ्रमण करके अपने गाउँठाउँमे कुछ करे परल कहटी लौटके फेर व्यावसायिक घाँस खेती सुरुवात करलै ।

‘मेनपावर कम्पनीमार्फत वैदेशिक रोजगारके लाग विदेश गैनु,’ उहाँ कहलै, ‘कन्टेक्ट कम्पनीमे पठाडेहल, यहोर सम्झौता एक मेरिक उहोर काम दुसर लगाइलपाछे खासे मजा काम नइडेखके यिहीसेटे स्वदेशमे काम कैना मजा हो कहटी लौटगिनु ।’

सुदूरपश्चिम प्रदेशके दार्चुला जिल्ला साविक सारमुली गाविस हालके लेकम गाउँपालिका वडा नम्बर १ सारमली स्थायी घर रहल शंकरसिंह विष्ट बन्दुली एकीकृत कृषि फर्म दर्ता करके कैलालीके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ पवेरामे सात विघामे व्यावसायिक घाँस खेती सुरु करले बाटै । बन्दुली एकीकृत कृषि फर्मके प्रोपराइटर सुशीला विष्ट रहल बाटी कलेसे शंकरसिंह विष्ट ओकर व्यवस्थापक हुइट ।

‘पहिले कृषि ओर काम कैना कहिके व्यावसायिक ओर लागल रहु,’ शंकरसिंह कहलै– ‘टिना खेतीसंगे दार्चुलाके गोकुलेश्वरमे दुई बरस होटल चलागिल, बारीमे लगाइल टिना बेचके नइहुइलपाछे व्यावसायीमुखी कृषि अर्थतन्त्रहे परम्परागत ढंगसे चलैना सोचके साथ तराई आके घाँस खेती सुरुवाट कैनु ।’

चितवानसे सुपरनेपियर जात घाँसके विया खरिदके पाँच कटठामे सुरुवाट करल घाँस खेतीके विस्तार करटी १ विघा पाँच कटठा पुगैनु उहाँ बटैलै । उहाँ कहलै, ‘अब्बे करिब सात विघामे सुपरनेपियर, सुम्बा सेटेरिया, पासपालम, किम्बु, भटमासे, गोदामे, जै, बरसीन, बाह्रै महिना, हिउँदे, वर्षिय, बहुवर्षिय लगायत ढेर घाँसके बेर्ना ओ विउ उत्पादन हुइटा, जेम्नेसे उत्पादन हुइल विया सुदूरपश्चिम प्रदेशके नौ जिल्लामे विक्री वितरण हुइटी बा ।’

व्यावसयिक घाँस खेती २०७५ साल भदौसे सुरुवाट करेबेर पशु तथा मत्स्य विकास निर्देशनालय दिपायल डोटी विया खरिदके लाग ३५ हजार रुप्या आर्थिक अनुदान सहयोग करल फर्मके व्यवस्थापक विष्ट कहलै । ओस्टेक घाँसके विया उत्पादन हुइलपाछे भेटनरी तथा पशुसेवा विज्ञ केन्द्र महेन्द्रनगरसे ५० प्रतिशत अनुदानमे घाँस टुक्रैना च्याप कटर मेसिन उपलब्ध हुइल उहाँ बटैलै । जेकर मोल ३२ हजार ५ सय रहलमे १७ हजार तिरे परल कहलै ।

बन्दुली एकीकृत कृषि फर्मसे कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ मे १०/१० बरसके लाग दुई ठाउँमे साढे तीन लाखके लिजमे लेहल जग्गामे पशुपालनसंग आवद्ध हिउँदे, वर्षिय, बहुवर्षिय, दाले घाँस लगायत सक्कु घाँसके विया उत्पादन करटी विउ विक्री वितरण करटी रहल बा ।

‘घाँस खेतीमे सोचलसे मजा आम्दानी हुइल बा’, फर्मके प्रोपराइटर सुशीला कहली, ‘यी बरस २० लाख रुप्या बराबरके घाँस विक्री कैगिल, खर्च कटाके १३ लाख रुप्या बचत हुइल बा ।’ व्यावसायिक रुपमे गैया, भैसिनीय, छेगरी, मुरगी, मच्छी पालन हुइल व्यवसायिक फार्ममे घाँस विक्री हुइटी रहल उहाँ बटैली । उहाँ कहली, ‘अपने संचालन करल फर्ममे सुपरनेपियर, सुम्बा सेटेरिया, पासपालम, किम्बु, भतमासे, गोदामे, जै, बरसीन, बाह्रै महिना, हिउँदे वर्षिय, बहुवर्षे लगायत टमान जातके घाँसके बेर्ना ओ विउ उत्पादन कैजाइटा ।’

बन्दुली एकीकृत कृषि फर्म व्यावसायिक रुपमे घाँस खेतीसंगे, छेगरी पालन, फुला खेती, लोकल मुरगी पालन, केचना पलाके भर्मी कम्पोष्ट मल उत्पादन लगायत पाँच विधामे काम करटी रहल बा, कलेसे भैसिनिया पालनफे सुरुवाट करसेकल बा ।

‘फर्मके व्यवस्थापक विष्ट कहलै, ‘पाँच विधा मन्से सबसे उत्कृष्ट घाँस खेती हो, यकर दोहरो फाइदा बा, विउ ओ डठ विक्रीसे मजा आम्दानी बा, कलेसे ओकर पटिया ओ पोँकीसे पशुपालनमे सहयोग पुगटा ।’

‘यी दौरानमे होटल व्यवसायफे संचालन कैगिलफे कैगिल मने व्यवसायिक घाँस खेतीमे भर बहुट फरक पैनु विष्टके कहाई बा, होटल व्यवसाय करेबेर होटलमे खाना खाई अउइयाके केल चिन्हिट, घाँस खेती करलपाछे सुदूरपश्चिमके नौ जिल्लाके ८८ स्थानीय तहके कर्मचारी चिन्ठै ।’ पशुपालनके लाग हरियार घाँस ओ विउ उत्पादन कैना उदेश्य रहल कहटी शंकर एक विघामे बरसिन घाँस खेतीफे लगैले बाटै ।

व्यावसायिक फुला खेती

बन्दुली एकीकृत कृषि फर्म पाँच विधा मन्से व्यवसायिक फुला खेतीफे सुरुवाट करले बा । यिहे असार महिनामे तीन कटठामे लगाइल गेंडा (सयपैत्री) फुला विक्री करके एक लाख रुप्या आम्दानी कैना सफल हुइल फर्मके व्यवस्थापक शंकरसिंह विष्ट बटैलै ।

‘फर्म मार्फत एक विधा और बह्रैना कहटी अभ्यासके लाग जम्मा तीन कटठामे फुला खेती कैगिल’, उहाँ कहलै, ‘डेवारीमे साढे ३ सय रुप्या किलोके दरसे तीन कुन्टल फुला विक्री हुइल बा ।’ फुला अभिन परली बा, भोजके सिजन सुरुवाट हुइल ओरसे ढेर ठाउँसे अडरफे अइटी रहल उहाँ कहलै । बजारीकरणमे कौनो समस्या नइरहल कहटी स्थानीय बजार धनगढी, टीकापुर, बाँके नेपालगञ्ज, कोहलपुरमे फुला विक्री हुइटी रहल व्यवस्थापक विष्ट कहलै ।

अब्बे सयपैत्री फुला केल लगागिल मने आबसे यिहीसे विस्तार करटी सक्कु फुला लगैनाके साथे फुलाके टेलुवा (नर्सरी) फे बनैना योजना रहल उहाँ कहलै । फुला खेती नेपालके लाग नौलो हो, बहुट कम ठाउँमे करल फुला खेती सुदूरपश्चिम प्रदेशमे झन कमे करल बा ।

केचना मार्फत भर्मी कम्पोष्ट मल उत्पादन

बन्दुली एकीकृत कृषि फर्म घाँस खेती संगे पशुपालनओर छेगरी (बाख्रा), भैसी, लोकल मुरगी, गैया भैसिनीय, छेगरीनके मलसे केचना खेतीबाफत भर्मी कम्पोष्ट मल उत्पादन करटी रहल बा ।

आर्थिक बर्ष २०७६/०७७ सालमे भर्मी कम्पोष्ट मल उत्पादनके लाग कृषि विकास निर्देशनालय दिपायल डोटीके सहयोगमे २ लाख १२ हजारके कार्यक्रम रहे, ओम्ने ८५ प्रतिशत अनुदान (१ लाख ८५ हजार) मे कम्पोष्ट मल उत्पादन कैना संरचना बनागिल बा । कम्पोष्ट मल भर्खर उत्पादन सुरु हुइल ओ सुरुवाटी चरण मजा उत्पादन हुइटी रहल उहाँ कहलै । अब्बे ८ से १० कुन्टल मल उत्पादन हुइल व्यवस्थापक शंकर कहलै ।

कम्पोष्ट मल खास करके अग्र्यानिक टिना खेतीके लाग उपयुक्त हो मने संगसंगे धान, गोहु खेतीके लागफे बहुट मजा हो उहाँ कहलै । विक्रीके लाग बजार लाग बजार टे रहल मने अब्बे अपने प्रयोगके लाग ठिक बा । बेमौसमी टिना खेती ओ फुला खेती अपने लगैटी रहल खेतुवामे रासायनिक मलके सट्टा उहीहे प्रयोग करल, पुरै टे नइभियाई मने रासायनिक मल कटाके यिहीहे प्रयोगमे नन्ना हो, अब्बे विक्रीके लाग नइ धरले हु ।

व्यावसायिक छेगरी पालन

बन्दुली एकीकृत कृषि फर्म व्यावसयिक छेगरी पालनफे सुरुवाट करले बा । अब्बे छोटबर करके ३८ ठो छेगरी रहलमे २७ ठो भारी (माउ) छेगरी रहल फर्मके सञ्चालक सुशीला कहली । भारी छेगरी सक्कु वियइना तयारीमे बाटै, पाँच ठो वियाके आठ ठो पुगल यी सिजनमे सक्कु छेगरी व्यइलेसे ५५ से ६० के हराहारी पुग्ना सुशीला बटैली ।

भैसिनीय पालन सुरुवात

फर्मके व्यवस्थापक विष्ट अब्बे पाँच ठो भैसिनीया पालन यिहीहे विस्तार करटी व्यावसायिक बनाइक लाग गोठ निर्माण करटी रहल उहाँ बाटै । १५ ठो भैसिनीय धरना फर्मके व्यवस्थापक विष्ट कहलै ।

मौरी पालन

फर्मसे परम्परागत रुपमे मौरी पालन सुरुवाट करल अब्बे आठ ठो घार रहल जनैले बा । सुरुवाटी चरणमे खाइक लाग ठिक हुइल ओ ढेर हुइलेसे बजारसम पुगैटी रहल जनैले । ओस्टेक छोटबर करके १०० ठो लोकल मुरगी पालन करल फर्मके संचालक कहली ।

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