इटा पर्नामे मजा कमाई

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ अगहन । बासुराम चौधरीके उमेर बृद्धभत्ता पैना जम्मा चार बरस बाँकी बाटिन्, मने काम कैना जोशजाँगर हेरबो कलेसे अभिन जंग्रार युवासे कम नइहुइन ।
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर–४ मे रहल एक इटा भटठामे इटा परना काम करटी आइल उहाँ रातके ३ बजेसे इटा पारे उठजिठै । बासुरामसंगे हुकान गोसिनिय सुनिताफे इटा परनामे साथ डेटी रहल बाटी । ओइने दैनिक १५ सयसे २ हजार इटा परठै, १ हजार इटा परलेसे १ हजार ५० रुप्या पैटी रहल ओइने बटैठै ।
‘छोट्टेसे दुसरके घर कमैया लग्ली । सुरुमे बरसभर कमाके एक मन, दुई मन धान केल मिले,’ बासुराम कहलै, ‘ठोरिक भारी हुइलपाछे मल्कान घरसे दुई कुन्टल धान मिले उहिसे बरस भरिक गुजारा चलाई परे ।’ जाने जुकुरसे लेके २०/२५ बरससम दुसरके घर कमैया लागके काम करली, अब्बे जग्गाजमिन नइहो, खेतीपति यिहे सम्झी उहाँ कहठै ।

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ४ ‘के’ गाउँमे बैठना जग्गा केल रहल बटैटी जहाँटहाँ इटा पारके, मजुरीढटौरी करके गुजारा चलाइल बासु कहठै । ‘डस्या डेवारी ओरैटी किल इटा पारे जैठी,’ उहाँ कहलै, ‘यम्ने अपन जोरजाँगर बा हेरी, जटरा ढेर इटा पारे सेक्बो ओटरे ढेर पैसा कमाई सेक्जाइठ, मन्जुरी ढटौरीमे तोकल पैसा केल मिलठ मने एम्ने भर जटरा इटा परे सेक्बो ओटरे रुप्या हुइठ ।’
उहे इटा भटठामे इटा परना काम करटी आइल कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ३ के रामचन्द्र चौधरीफे मुक्तकमैया परिवारके सदस्य हुइट । हुकान बाबा मुक्तकमैया रहल मने परिचयपत्र ओ जग्गा जमिनसेफे बञ्चित हुइबेर इटा पारके गुजारा चलैटी उहाँ बटैठै ।
‘अपन जग्गा रहट कलेसे कुछ व्यावसाय करे सेक्टी,’ उहाँ कहलै,–‘अब्बे जेहोरटेहोर भौटारे पर्ना अवस्था बा, १६ बरससे यिहे काम करटी बटी, मने काम अन्सारके दामफे मिलजाइठ, ओम्नेहे सन्तुष्टि बटी ।’ उहाँ कहलै, मोर गोसिनिया सीताफे मही सघैठी दुनु जे मिलके दैनिक १५ सय इटा पारडरठी, उहीहे रुप्यामे परिणत कैना हो कलेसे दैनिक १५/१६ सय होजाइठ ।

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ गोबरैलाके पुरन चौधरी भर गोहुँ बोके इटा पारे सुरु करल हुइट । घरेक काम ओसरके ६ बरससे इटा परना काम करटी आइल उहाँ बटैठै । ‘कार्तिक महिनासे सुरुवात करके जेठसम काम करठी,’ पुरन कहलै, ‘करिब २ लाख रुप्यासम कमाही हुजाइठ, और काम करलेसे निरन्तर काम नइमिलठ यम्ने रातदिन करलेसेफे हुइठ, जटरा इटा पारे सेक्बी ओटरे ढेर पैसा आइठ ।’
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ४ के अञ्जु थारुफे गोसियकसँगे अपने गाउँठाउँमे इटा परना काम मिललपाछे खुशी लागल बटैठी । उहाँ कहली, ‘यिहीसे आघे ६/७ बरससे काठमाडौंमे लेबरी करी, लकडाउनमे घर आइलपाछे यिहे काम सुरुवात करली । काम अन्सार पैसा मिलजाइठ, घरफे हेरे सेक्जाइठ । उहाँ कहली, ‘यिहीसे पहिले यी भट्ठामे इण्डियन मनै काम करिट असौ कोरोनाके कारण ओइने आइनइपैलै, हम्रहिनहे स्थानीयस्तरमे रोजगारी सृजना हुगिल । दुई जे मिलके हजारसे १५ सयसम दैनिक इटा परठी ।’
