पहिले ठेला व्यापारी, अब्बे उद्योगपति

नरेन्द्र चैधरी
धनगढी, २३ अगहन । बाल्यकालसे दुःख, कष्ट भोक्टी आइल कञ्चनपुर जिल्ला बेलौरी नगरपालिका–७, सिंहपुरके रामबहादुर चौधरी पहिले एकठो ठेला व्यापारी रहिट, अब्बे उद्योगपति बनल बटैं ।
१४ बरसके बाल्यकालसे दुःख, कष्ट सहटी आइल पीडा सुनैटी गोरेम घल्ना चप्पल नइहुके खाली गोर काम करल, शरीरमे कपडा नइहुके मुन्दन करल पोक्ताके कपडासे झुलुवा सिवाके घालल उहाँ बटैठै ।
‘बाल्यकालके अवस्थासे बिहारके काठ मिस्त्रीसंग काम करु,’ रामबहादुर कहलै, ‘जम्मा दिनके पाँच रुप्या केल डेहे, ढेर बरससम उ काम करलपाछे सफलता नइमिल्टाहस लागलपाछे उ काम छोरके अपने व्यवसाय सुरु करनु ।’
काठमिस्त्रीके काम करे छोरके २०६४ सालसे कञ्चनपुरके कृष्णपुर–५, गुलरिया बजारमे आठ सय रुप्या लगानी करके गुडरी ढुन्ना काम सुरु ओ एक हजार तीन सय रुप्याके उधारो किराना समान किनके ठेलामे पसल सञ्चालन करल उहाँ बटैठै ।
‘कम लगानीमे हुइलेसेफे व्यापार सञ्चालन कैनु उहाँ कहलै, ‘मिहिनेतके फल मिठ रहठ सोचके काम करटी गैनु अब्बे यी अवस्थामे बाटु ।’ कामके व्यस्ततासे खैनापिनाफे फुसर्द नइहो, रामबहादुर कहठै, बिहान ४ बजेसे रात नौ बजेसम पसलमे व्यस्त रठी, कबु–कबु टे जुनक खाइल फेरसे जुन पुगजाइठ ।

मिहिनेत ओ लगनशिलतासे उहाँक व्यापार बढटी जाके अब्बे ठेलामे रहल पसल मकानके सटरमे पुगल उहाँ बटैठै । किराना पसलसंगे टिना विक्री पसलफे एक्के छाना टरे बा, पसलमे खुद्रा समानसंगे थोकमेफे समान विक्री हुइटी रहल चौधरी बटैठै ।
रामबहादुर अब्बे गड्डा–गुडरी सिलाई ओ ढुनाई कैना गड्डा गुडरीके कम्पनीफे खोल्ले बाटै । उहाँक संचालन करल गड्डा गुडरीके कम्पनी मजा चलल बा । शिव सिरक गड्डाके नाउँसे पसल सञ्चालन करके १२ वर्षसम गड्डा गुडरीहे सिटी आइलपाछे गुलरिया बजारमे हुकहिन गुड्री बाबाके नाउँसे चिन्ठीन । रामबहादुर नाउँसे ज्यादा कामके चर्चित बाटै । उहाँ कठै, ‘महिहे रामबहादुरसेफे कामके हिसाबसे गुड्री बाबा कहिके चिन्ठै ।’
गुलरिया बजारके चर्चित शिव सिरक गड्डा उद्योग (गुड्री बाबा)मे उहाँक दुई जाने छावा, दुई पटुहिया ओ और दुई जाने गड्डा–गुडरी ढुन्ना, सिल्ना काम करठै । पहिले मै औरेकठेन काम करु, अब्बे ६ जनहनहे रोजगारी सिर्जना करेपाके खुुशी लागल उहाँ कहलै । उहाँ अपने लगायत सात जाने काम करकेफे अडर अन्सार गड्डा–गुडरी पुगाई नइसेकल बटैठै ।
गुडरी बाबा कहलै, ‘अब्बे गुडरी ढुन्ना भारी मेसिन ढरले बटु, व्यापारसे वार्षिक ५० लाखसमके करोबार हुइठ ।’ गरिब परिवारमे जलम लेहल हुकान जग्गाके नाउँमे जम्मा तीन कठ्ठा केल रहिन । व्यापार सुरु करलपाछे उहाँ बेलौरीमे आठ कोठाके पक्की घर बनैना सफल हुइल बटैठै ।
उहाँ जार मौसममे गड्डा–गुडरी बनैना ओ गर्मीके मौसममे गन्नाके जुस बनाके बेच्टी रहल बटैलै । समय बलवान बा रामबहादुर कहलै, समयहे सदुपयोग करके काम करलेसे केल आघे बह्रे सेक्जाई ।
