छाउगोठ भस्काइलपाछे ओढार ओ चौरमे बास

बझाङ, २६ अगहन । गाउँपालिकासे छाउगोठ भत्काइलपाछे महिलाहे समस्या हुइना करल बा । साइपाल गाउँपालिका हुसेकलपाछे चार चो बनाइल छाउगोठ भत्काइलपाछे महिला महिनावारी हुइल बेला ओढार ओ खुला चौरमे बैठना बाध्य हुइल बटै ।
धार्मिकरुपमे रहल साइपाल गाउँपालिकामे महिनावारी हुइल बेला परिवारसे घरभिटर बैठे नइडेना, दही, दूध खाई नइमिल्ना लगायतके कार्य करे नइमिलठ ।
स्थानीय उजली बोहोरा कहली, ‘छाउगोठमे बैठलेसे गाउँपालिका भत्काइठ घरपरिवारसे देउटा रिसैठै कहिके घरभिटर बैठे नाइठेठै मै महिनावारी हुइल बेला कबु ओढार टे कबु खाली आकाशमे रात बिटैना करठु ।’
यी साइपाल गाउँपालिकाके केल पीडा नइहो बझाङके अधिकांश ग्रामीण भेगमे महिलासे यैसिन समस्या भोग्टी आइल बाटै । साइपाल गाउँपालिकाके महिला महिनावारी हुइल बेला खुला आकाश तथा ओढारमे पाल डारके बैठना बाध्य बटै ।
गाउँपालिकामे छाउपडी प्रथा उन्मूलन कैना गाउँपालिकासे टमान जनचेतनामूलक कार्यक्रम तथा छाउगोठ भत्कैना अभियान सुरु करलेसेफे महिलाहे झन समस्या ठप्टी गैल स्थानीय महिला बटैठै ।
‘समृद्ध गाउँपालिका बनाइक लाग छाउगोठ भत्काके नइहुई, मनैनमे चेतना नइहुइटसम छाउपडी प्रथा उन्मूलन हुई नइसेकी, स्थानीयवासी तिलक विक कहलै ।
गाउँपालिकाके अध्यक्ष राजेन्द्र धामी छाउपडी प्रथामे कुछ सुधार आई की कहिके छाउगोठ भत्काइल ओ कुछ ठाउँमे सुधारफे हुइल बटैलै । साइपाल गाउँपालिकामे बसोबास कैना दुई समुदायमे छाउ मन्ना ओ नइमन्ना हुइल बटै । साइपाल गाउँपालिकाके धुलीमे रहल लामा, तामाङ समुदाय महिनावारी हुइल बेला घरभिटर बैठना ओ और जाति छाउगोठ, ओढार, खुला आकाशटरे बैठना करल बटै ।
साइपाल गाउँपालिका धुलिके पूजा तामाङ कहली, और समुदायमे छाउपडी प्रथा नइमन्ना देवता रिसैना कहिके कहठै । देवताके डगर छुवाछूत नइकरे परल कठै । हम्रेफे साइपालमे बैठठी महिनावारी हुइल बेला घरभिटरे बैठठी, दही, दूध, मही, घिउ खैठी ओसिन कुछ नइहुइठ ।’
अस्टेक उहे ठाउँके डोल्मा तामाङ कहली, ‘हमारे महिनावारी हुइल बेला खाना अपनही पकैठी, संगे बैठठी, खाना संगे खैठी, पूजा केल नइकरठी उ समयमे हम्रहिनहे कुछ नइहुइठ ।’
साइपालके लाफडीमे तामाङ समुदायके ३५ घर बा । यहाँक कोइफे छाउ प्रथा नइमन्ठै ।
