थरुहट थारुवान राष्ट्रिय मोर्चासे संघर्षमे उत्रना अपिल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,६ पुस । थरुहट÷थारुवान राष्ट्रिय मोर्चासे प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीसे संसद विघटन कैनाहे ‘राजनीतिक दुर्घटना’ ओ ‘असंवैधानिक कदम’के संज्ञा डेले बा ।
मोर्चाके संयोजक लक्ष्मण थारुसे साम्ेमार विज्ञप्ति जारी करटी नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) के आन्तरिक कलह, शक्ति ओ सत्ता संघर्षके मुख्य कारण प्रधानमन्त्री ओलीसे अपन नीहित राजनीतिक अभिष्ट पुरा करेक लाग प्रतिनिधिसभा विघटन कैना राष्ट्रपतिहे सिफारिस करल प्रस्ट परले बटै ।
संसद विघटन कैना ‘ओली सरकारके घोर अधिनायकवादी, सर्वसत्तावादी, निरकुंश, स्वेच्छाचारी चरित्रसे उत्पन्न अलोकतान्त्रिक ओ असंवैधानिक बदनीयतपूर्ण घोर निन्दनीय कार्य’ रहल जिकिर करटी मोर्चा कहले बा । ‘राजनीतिक असहज परिस्थिति ओ अवस्था सिर्जना हुइलेसे सम्माननीय राष्ट्रपतिसे राष्ट्रके अभिभावकत्व एवं संरक्षकत्वके भूमिका खेले पर्नामे राजनीतिक अस्थिरता ओ संवैधानिक प्रतिकूल हुइना करके प्रधानमन्त्रीके असंवैधानिक कू हे रबर स्ट्याम्प बनके स्वीकृत कैना मुलुकके लाग दुर्भाग्य हो ।’
प्रधानमन्त्री ओ राष्ट्रपतिके उ कदम संविधानके बर्खिलाप एवं लोकतान्त्रिक मूल्य मान्यता विपरित रहल कहटी मोर्चासे घोर भर्त्सनासहित खेद व्यक्त करले बा । ‘प्रधानमन्त्री ओली ओ राष्ट्रपतिके यी प्रतिगामी पश्चगामी निरकुंश असंवैधानिक कदमसे नेपाली जनताहुक्रे करल नम्मा त्याग, तपस्या, संघर्ष, जनआन्दोलन, सशस्त्र माओवादी युद्ध, थरुहट, आदिवासी जनजाति, मगरात, लिम्बूवान, तमूवान, खम्बूवान, ताम्सालिङ, शेर्पा, नेवाः, खसान, मधेसी, मुस्लिम, दलित, महिला आदि आन्दोलनके परिणाम प्राप्त लोकतान्त्रिक गणतन्त्रमे भारी बज्रपात हुइल बा,’ संयोजक थारुसे जारी विज्ञप्तिमे कहल बा ।
प्रधानमन्त्री ओ राष्ट्रपतिके पछिल्का कदमसे लोकतन्त्रके हत्या कैना काम हुइल, अस्थिरताके बिजारोपण रहल ओ यिहीसे मुलुकहे अस्थिरता, अनिश्चितता, अराजकता, असफलताओर उन्मुख करटी राजनीतिक द्वन्द्वात्मक मुठभेड निम्त्याइलफे मोर्चा प्रस्ट परले बा । ‘ओली सरकारसे आदिवासी थारु, जनजाति मधेसी, मुस्लिम, दलित, महिला, अल्पसंख्यक, सिमान्तकृत, पिछडावर्ग आदि जाति, वर्ग, लिङ क्षेत्रसे उठटी आइल संविधानके अन्तरबस्तुसंग जोरल माग, मुद्दा हालसम सम्बोधन करले नइहो,’ विज्ञप्तिमे कहल बा, ‘टीकापुर राजनीतिक घटनाहे नेपाल सरकारसे सुनियोति रुपमे झुठा मुद्दा लगाके शान्तिपूर्ण संघर्षमे होमल निहत्था थरुहट नेता ओ आन्दोनकर्मीहुकनहे फसैटी कानूनी, अदालती प्रक्रियासे झन जटिल बनाके दबाइल उद्यत रहल बा ।’
मोर्चासे थरुहट नेताहुकनउप्पर लगाइल झुठा मुद्दा खारेज करके अविलम्ब निःशर्त रिहाके लाग सरकारसंग मागसमेत करले बा । विज्ञप्तिमे सत्ता ओ शक्तिके लाग झुठ ओ प्रलोभनके खेती करटी जनताप्रति उत्तरदायी हुई नइसेक्ना ओली सरकारके स्वेच्छाचारी, अधिनायकवादी तानाशाही निरकुंश कदमके विरुद्ध मोर्चामे सम्वद्ध रहल सक्कु संगठन, नेतृत्वपंक्ति राजनीतिक दल, नेता, अगुवा, संघ संगठन, अभियन्ता, नागरिक समाज, मानव÷आदिवासी अधिकारकर्मी, बुद्धिजिवी, उद्योग व्यवसायी, विभिन्न पेशाकर्मी, महिला, किसान, युवा, विद्यार्थी लगायत आम नेपाली जनसमुदायमे सशक्त संघर्षमे लग्ना अपिल करल बा ।
