थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २८ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं २८ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 11 May 2025, Sunday ]
‘ संसद विघटन विरुद्ध प्रचण्ड–नेपाल समूहके विरोध ’

प्रधानमन्त्री ओलीसे नेपाली जनताके सपना कुचल्ना दुस्चेष्टाः डा. रावल

पहुरा | १४ पुष २०७७, मंगलवार
प्रधानमन्त्री ओलीसे नेपाली जनताके सपना कुचल्ना दुस्चेष्टाः डा. रावल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ पुस ।
नेकपाके सुदूरपश्चिम प्रदेश इन्चार्ज डा. भीम रावल प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली संसद विघटन कैके नेपाली जनताहुक्रनके सपना कुल्चना दुस्चेष्टा करल अरोप लगैले बाटै ।

संसद् विघटनके विरोधमे नेपका प्रचण्ड–नेपाल पक्षसे मंगरके धनगढीमे आयोजना करल विरोध सभाहे सम्बाधेन करटी उहाँ प्रधानमन्त्रीसे नेपालके संविधानके धारा ७६ ओ ८५ के गलत प्रयोग कैके नेपाली जनताहुक्रनके सपना कुल्चना ओ संविधानके अपमान कैना कुकृत्य करल अरोप लगैलै ।

उहीसे नेता रावल अपनेहुक्रे ३ बरस आघे लेहल संकल्प ओ स्वतन्त्रता स्वाधिन नेपालके परिकल्पना उपर फेन बज्रपात हुइल बटैलै ।

‘आजसे करिब ३ बरस आघे हम्रे संकल्प करले रही, आब हम्रे नेपाली जनता एकतावद्ध होके आघे बर्हब, किसान जनताके आवाज सुनब, श्रमिक जनताके आवाज सुनब, देशभक्त नेपाली जनताके आवाज सुनके राष्ट्रियताके झण्डा बुलन्द करब’, उहाँ कहलै–‘आज नेपाली जनताहुक्रनके सपना उपर नेपाल राष्ट्रके स्वतन्त्र समृद्ध हुइना उपर मोरे पार्टीके कौनो बेला अध्यक्ष रहल केपी शर्मा ओली बज्रपात करले बाटै ।’

नेता रावल नेपालके संविधान लानलपाछे भारतीय नाकाबन्दी हुइलेसे फेन अपनेहुक्रे कौनो फेन विदेशी प्रतिक्रियाबादी ओ कौनो फेन प्रतिगामी तत्व आघे नाइ झुक्ना राष्ट्रिय स्वाधिनताके पक्षमे उठल बटैलै । मने निर्वाचनमे प्राप्त बहुमत ओ निर्वाचनताका जारी घोषणा पत्रमे फेन प्रधानमन्त्री ओली आपन बुट बजारके नेपाली जनताउपर विश्वासघात करल बटैलै ।

‘प्रधानमन्त्री ओली चुनावमे उठाइल आपन नारामे अपनहे बुटसे कुल्चले बाटै’, नेता रावल कहलै–‘ओहे कारण अपनेहुक्रनहे कना चाहटुँ, चाहे कोइ व्यक्ति प्रधानमन्त्री होए, या चाहे कोइ व्यक्ति राष्ट्रपति होए, नेपाली जनताके जनमत कुल्चना अधिकार किहुहे नाइहो ।’

उहाँ आघे थप्लै–‘नेपाल राष्ट्रके स्वतन्त्रताके प्रतिक चिन्हके रुपमे रहल, अभिव्यक्ति ओ प्रतिविम्वके रुपमे रहल नेपाली जनता एकचो नाइहोके, दुई–दुईचो संविधान सभाके चुनाव कैके उ संविधान सभाके सदस्यहुक्रे शहिदहुक्रनके रगत ओ पसिनासे लिखल नेपालके संविधानउपर बुट बजर्ना अधिकार किहुहे फेन नाइहो ।’

प्रधानमन्त्री ओलीसे भर्खरे विस्तार करल मन्त्रीपरिषद प्रति उहाँ कर्तव्यच्युत हुइलहुक्रे फेन गरी चाटक लाग मन्त्री हुइल अरोप लगैलै ।

उहाँ कहलै–‘प्रतिनिधि सभा सदस्यसमेत नाइ रहल कतिपय व्यक्ति गुरी चाटक लाग लज्जापूर्वक मन्त्री हुइल बाटै ।’ उहाँ वर्तमान सरकारसे कतिपय व्यक्तिहे चोरहे चाभी डेहल जस्ते मन्त्री पद् डेहल टिप्पणी करलै ।

नेता रावलले वर्तमान सरकारसे देशभक्तिके बराबरा बात कैना करलेसे फेन व्यवहारमे भर कमजोर रहल टिप्पणी करलै । लिम्पियाधुरा, कालापानी ओ लिपुलेक समेटल नक्शा फेन प्रधानमन्त्री बाध्य होके प्रकाशित करल उहाँ बटैलै । ‘नक्शा काहे चाहल ? नक्शामे चुच्चे भूमि रखही परी ? कहिके उहाँ प्रश्न करिट ।’, रावल कहलै‘हम्रे सदन ओ देशभक्त जनतासे सडकसे दबाब डेहलपाछे किल उहाँ बाध्य होके नक्शा प्रकाशित करलै ।’

सरकारके सिफारिसमे राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारीसे प्रतिनिधिसभा संसद विघटन कैके चुनावके घोषणा करल विरोधमे नेकपाके प्रचण्ड–नेपाल समूह देशभर प्रदर्शन करल हो ।

केन्द्रीय कमिटी बैठकके निर्णय अनुसार विभाजित नेकपा अध्यक्षद्वय पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ ओ माधवकुमार नेपाल पक्षसे देशव्यापी आन्दोलन करल हो ।

यिहीसे आघे सोम्मार नेपाली कांग्रेससे देशभर विरोध प्रदर्शन करल रहे । जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) से समेत देशव्यापी प्रदर्शन करले बा । नेकपाभिट्टर विवाद चर्कटी गैलपाछे प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीसे संसद विघटन कैके वैशाख १७ ओ २७ गते निर्वाचन कैना सिफारिस करल रहिट ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू