थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०८ अगहन २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं ७ मंसिर २०८२, आईतवार ]
[ 23 Nov 2025, Sunday ]
‘ कविता ’

रम्ट रम्टम

पहुरा | १८ पुष २०७७, शनिबार
रम्ट रम्टम

सुनसान् गल्लिम
डम डम डमरु बाजठ
रम्टक ¥याला बहठ
अंगना, बहरि, कोन्टिम
बारि ब्युँरा ओ खेन्हवम
ज्वान, बुह्राइल, ढिह्रयाइल सबजन
खन्हेइठ साँक्किर गल्लिम
रम्ट रम्टम ।१।
डमरु बाजठ टालम
कलकर्हवा गाइठ सुरम
रमकल्लि, लाल मुह चुम्रइटि
खियाइल डाँट गिज्रइटि
हँस्टि, आँख चम्कैटि
सुखल पुठ्ठम बलटल अंटकल
लेहंगा फेंक्रइटि, घुँघना बजैटि
नाचठ् बिचारि
रम्ट रम्टम ।२।
का भन्सर्या, का पन्हेन्र्या
का भैसर्वा का गयरुवा
का पहुना का ठिहुना
का नकोन्डि का चकोन्डि
सेक ना सेक लेंरि उच्यइटि, ढ्यावर चट्टि
डेह मस्कैटि, भाउँ सर्कइटि
राम हेर्ठ रामकल्लिक
रम्ट रम्टम ।३।
भन्सर्यक भाट जरिस कि, सुवर चोच्चाइस्
गैयरुवक गोरु है खाइस् कि हेराइस्
चौकिडर्वक डिन बुरस् कि अंगुछा छुटस्
सब रठ, मस्टराम मस्टिम
चाहे, आगि लाग बस्टिम
कल्कह्रोक
रम्ट रम्ट म ।४।
रम्टेहवन्के रम्टा हेर्ना डाउ
कल्कह्रोक सिढा सिमोट्ना डाउ
रामकल्लि राम डेखैना
कल्कह्रवा काला डेखैना
ढक्यक ढक्या चाउर
उँजरक् उँजरा डाल
मुट्ठ्या भर मिर्चा
पस्रा भर न्वान
सिढ्वइटि रहठ, कल्कह्रवा
रम्ट रम्ट म ।५।
पर्चल गिड्रा अस
हर साल आइठ साहाम,
कबु बन्ड्रा ट कबु भल्वा
कबु काला ट कबु सप्वा
नचाइठ कल्कह्रवा
सिढा लैजाइठ खान–खान
पार्क कुठ्लि सुनसान
रम्ट रम्ट म ।६।
रम्ट रम्ट म ।।

मयूरबस्ती, बर्दिया

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