थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २९ बैशाख २६४९, सोम्मार ]
[ वि.सं २९ बैशाख २०८२, सोमबार ]
[ 12 May 2025, Monday ]

ठुम्रारके पचासिऔं श्रृंखला

पहुरा | २८ पुष २०७७, मंगलवार
ठुम्रारके पचासिऔं श्रृंखला

पहुरा समाचारदाता
काठमाडौं, २८ पुस ।
ठुम्रार साहित्यिक बखेरि पुसके अन्टिम अठवार थारु साहित्य रचना वाचनके पचासिऔं श्रृंखला निम्जैले बा ।

कीर्तिपुरस्ठिट बरघर रेस्टुरेन्टमे हुइल कार्यक्रममे लकडाउन पाछेके इ पहिला श्रृंखला हो । कार्यक्रममे प्रताप पल्परिया, प्रनव आकाश, सन्तोष दहित, रामबहादुर चौधरी, भीमेश चौधरी लगायटके स्रस्टालोगसमसामयिक रचना वाचन कर्ले रहिट ।

सुनागैल रचनाके समिक्छा कर्टि कृष्णराज सर्वहारी अपन फेन रचना सुनैले रहिट । उहाँ कहलाँ,‘सेकटि अपने माटृभासम रचना करि, नैटे अपन मन परल रचना उल्ठा कैकै थारु साहित्यके बखारि भरि ।’ उहाँ प्रत्येक बरस नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मातृभासा डिवसके अवसरमे माटृभासा कविटा कार्यक्रम कर्टि रहल ओर्से इ बरसके कार्यक्रमके लग माघ २५ गटेसम कविटा पठैना सुचना फेन डेलाँ ।

औपचारिक कार्यक्रम पाछे टीकापुर राजबन्दीन उपर हुइल अन्यायपुर्न फैसला ओ प्रम केपी ओलीके संसद विघटन कैगैल घटना उपर फेन छलफल हुइल रहे । गलट कामके बिरोढमे स्रस्टालोग आवाज उठाइ पर्ना बाटेम सब्जे सहमट हुइलाँ ।

थारु पत्रकार संघके केन्द्रीय अध्यक्ष सन्तोष दहित कहलाँ,‘प्रचण्डके अग्वाइ हुइल जनयुद्धमे १७ हजार मनै मुना, केपी ओली झापा विद्रोहमे मनै म्वइना टे कुछ कार्वाही नै हुइना, मने हुलमुलमे हुइल टीकापुर घटनामे थारुन् उपर काजे कार्वाही ?’

ठुम्रार साहित्यिक बखेरि परटेक महिनक् अन्टिम अठवार थारु साहित्य रचना वाचनके श्रृंखला करठ । सुनागइल उत्कृस्ट रचनाके रुपमे बखेरि ‘परगा’ कना पोस्टा फेन निकरले बा ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू