थारु राष्ट्रिय दैनिक
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थारु आयोगसे समुदायके अस्रा

पहुरा | १५ माघ २०७७, बिहीबार
थारु आयोगसे समुदायके अस्रा

धनगढीमे मंगरके रोज थारु समुदायके भल्मन्सा÷बरघर ओ स्थानीय थारु जनप्रतिनिधिहुकनसंग थारु आयोग छलफल अन्तरक्रिया कार्यक्रम कर्ले बा । उ अवसरमे थारु आयोगके अध्यक्ष विष्णु चौधरीके कहाइ रहे, ‘कानून बनैना क्रममे टोल विकास संस्थाके रुपमे बरघरहुकन कानूनी मान्यता ओ कार्यान्वयन करे सेक्लेसे विविधताके संरक्षण हुइ सेकी । विविधताके संरक्षण कैना राज्यके फे दायित्व हो ।’

निस्चय फेन थारु आयोग राज्यके एक अंग हो । थरुहट आन्दोलनके जगमे सरकार गठन कइना बाध्य हुइल इ आयोगसे थारु समुदाय बहुट अस्रा कर्ले बा । आयोगके अध्यक्ष कहेहस बरघरहुकन कानूनी मान्यता किल डेहाइ सेक्लेसे फेन थारुनके बहुट मुद्दा सम्बोधन हुइ सेकि । अब्बे बर्दियाके बारबर्दिया नगरपालिका बरघरहुकन कानूनी मान्यता डेहाइक लग ऐन बनैले बा । खुशिक बाट ऐन अब्बे पारित हुके राजपत्रमे फे प्रकाशित हु सेकल बा । आयोगके अध्यक्षके जिल्ला फेन बर्दिया हुइन् । ओहेसे बर्दियाके सब स्थानिय निकायमे एकफाले बरघर संचालन ऐन बनाके जिल्लाहे बरघरमुखी नमुना जिल्ला बनैनामे आयोग भुमिका काजे नइ खेल्ना ? थरुहटके आउर जिल्लामे फेन बरघरमुखी जिल्ला बिनाइक सहजिकरन करक चाहि आयोग । जस्टे कि पुरुब थरुहट क्षेत्रमे बरघर प्रथा नइ हो ।

थारु आयोगसे थर सूचीकरण, सम्पदाके सूचीकरण सरकारहे सिफारिस करल अध्यक्ष बटैले बाटै । थारु सम्पदा सूचीकरण कइके किल नइ हुइल । यकर संरक्षणके लग बजेट विनियोजनके सवालमे थारु आयोग बरा भुमिका खेलक सेके चाहि । आझ मठमन्दिरमे करोडौ रुप्या छुट्या जैटि बा, मने थारुन्के मरवा बनाइक लग डु चार लाखमे सुफ्ला जैटि बा । लालपूर्जा नाइ होके थारुनके मरवा आउर निकाय अछिन्टि बाटै । इ कब टक ?

मेरमेरिक निकायमे थारु आयोगके लेहल प्रारम्भिक तथ्यांक थारु समुदायके वास्तविक स्थिति सार्वजनिक कर्ले बा । जस्टे कि निजामतिमे ३७१, सेनामे ४,८१९, नेपाल प्रहरीमे ४,२८१, सशस्त्र प्रहरीमे २,४१५, राष्ट्रिय अनुसन्धानमे ८८, जनप्रतिनिधि ७५९, शिक्षकमे २,९०२ केल थारु समुदायके बाटै । इहिले सेना, प्रहरी, शिक्षकमे थारुन्के कुछ सन्तोषजनक उपस्थिति डेखैलेसे फेन निजामतिमे अवस्था चिन्ताजनक बा । निजामति क्षेत्रमे उपस्थिति बह्राइक लग जब मधेशी आयोग लोकसेवा आयोग तयारी कक्षा चलाइ सेकठ कलेसे थारु आयोग काजे चिम्ठाइल रना ?

अनुसन्धान ओ पहिचान सम्बन्धी गतिविधि कर्ना फे आयोगके उद्देश्य बटिस । पहिचानके बाट अइटि कि टीकापुर घटना सबसे पहिले आइठ । लाल आयोगके प्रतिवेदन सार्वजनिक कराइक लग सम्बन्धित निकायहे पत्राचार करल टक समाचार उजागर हुइल नाइ हो । आयोग थारुनके लग कुछ करे नाइ सेकि कना बुझाइले फेन आयोगमे खासे कौनो निवेदन परल नाइ सुन्जाइठ ।

बेलौरी नगरपालिकाके नगर प्रमुख पोतीलाल चौधरी कहे हस थारु आयोग एक ठो सुफ्लाइक लाग केल नानल बा । इहिहे अधिकार सम्पन्न बनाइक चाहि । संवैधानिक आयोगके आउर आयोगमे जौन व्यवस्था बा, थारु आयोगमे रहल व्यवस्था फेन उहे हो । मने आयोगके पदाधिकारी जै डिन पदमे रहिट, आयोगके गतिविधि सक्रिय बनैना भुमिका खेलक चाहि । यकर लग थारु नागरिक फे सचेत हुइ परल । थारु आयोगमे निवेदन डेके समस्याके अट्रा ढेर चाङ लगा डि कि आयोगहे कुछ ना कुछ करहि परिस ।

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