जनयुद्धमे थारु समुदाय ओ समयके बट्ठा

फागुन १ गते नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी नेकपा प्रचण्ड–माधव समूह मेरमेरिक कार्यक्रम कैके जनयुद्ध दिवस मनैले बा । जनयुद्ध ओराइल २५ बरस हो सेकल । बिस्तृत शान्ति सम्झौता हुइले फेन १४ बरस पार हो सेकल । इ बिचेम कुछ मनै सत्ताके आसपासमे रहिके फाइदा लेलाँ । मने जनयुद्धके पीडितनके बट्ठा अभिन सम कम नै हुइल हो ।
जनयुद्ध दिवसके अवसरमे सनिच्चरके नेकपा अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल काठमाडौंमे ‘जीवनगाथा’ पोस्टाके घुर्घुट उघरलाँ । बारबर्दिया नगरपालिका प्रकासन करल ‘जीवनगाथा’ पोस्टामे जनयुद्धमे बर्दिया जिल्लामे सहिद, ज्यान गँवइलक, बेपत्ता पारगइल ओ घायल योद्धन्के जीवनगाथा संग्रहित बा । यम्ने ६ सय ८० योद्धन्के जीवनी समोट गैल बा । जेम्ने ३ सय २८ सहिद, २ सय ५० जने बेपत्ता पारगैल व्यक्ति ओ १ सय २ जने घायल अपांगता हुइलक व्यक्तिन्के जीवनगाथा बा ।
बर्दिया जनयुद्धमे सबसे ढेर वेपत्ता पारगइल जिल्ला हो, जेम्ने थारुन्के संख्या सबसे ढेर बा । समग्रमे जनयुद्धमे लागल समुदायमे सबसे बह्रटा पीडित समुदाय फेन थारु जो हो । कौनो समय रहे, प्रशासन थारु कहटि कि माओवादीके नजरसे हेरे । मने जनयुद्धमे लागके थारु का पैलाँ ? यकर लेखाजोखा हुइ ने सेक्ठो । का जनयुद्धके उपलब्धि कलक थारु आयोगके गठनके काम किल हो ? हो कलेसे इ टे हाँठिनके डेखैना डाँट हस किल बा ।
जनयुद्धके क्रममे उठागइल छुट्टे थरुहट राज्यके आब परिकल्पना कर्ना अवस्ठा फे नै रहिगैल । टीकापुर नगरपालिकामे थरुहट राज्यके व्यानर किल टाँसब कना अभियान लेके निक्रल भारि समुहहे रोकेबेर २०७२ भदौ ७ ओ ८ गते दुःखद घटना हुइल । यकर पीडिट न्यायके अस्रामे बैठल बटाँ । मने सरकार निर्देशित अदालत थारुन् न्याय डेहक छोरके आजीवन कारावासके सजाय डेटि बा । जब लावा बनल संविधान टे थारुन् न्याय डेहे नैसेकठ कलेसे जनयुद्धके पीडित थारु लगायट टमाम आदिवासी जनजातिके घाउमे कब महलम लागि ?
ओहेसे थारुन्के लडाइ लम्मा समयसम जैना हस बिल्गाइठ । कुछ मनैनन्के कहाइ बा, थारु आन्दोलन कैके माहोल बिगरठाँ । मने जसिक लर्का नै रोइलेसे डाइ डुढ नै डेठि, ओस्टक हम्रे आवाज बुलन्द नैपारटसम सरकारके गग्रिम घाम नै लग्हिस ।
जनयुद्धमे बर्दिया जिल्लामे लागल व्यक्तिनके ‘जीवनगाथा’ पोस्टा जसिक दस्तावेजिकरन कर्ले बा, कैलाली लगायट आउर जिल्लक फेन असिन दस्तावेजिकरन हुइक चाहि । इतिहासहे कबु भुलाइ नैसेक्जाइठ । पहिले जिटुइयनके किल इतिहास लिखजाए । ओहेसे थारुनके इतिहास नैलिखगैल । जनयुद्धमे लागल व्यक्तिनके इतिहास लिखजैना कलक थारुनके फेन इतिहास लिखजैना हो । इतिहास हेर्के किल समयक्रममे थारु समुदायके बट्ठाके लग मलहम लगैना डवा बुटि खोजे सेकजाइ ।
