थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ इतिहास ’

ब्रिटिस सरकारहे रञ्जित चौधरी कैसिक पराजित करलैं ?

पहुरा | ३ फाल्गुन २०७७, सोमबार
ब्रिटिस सरकारहे रञ्जित चौधरी कैसिक पराजित करलैं ?

अधिकांश पर्सागढीके बारे जन्ले हुइबी । मने नेपालके भूभाग ब्रिटिस सरकारसे कब्जा करना क्रममे नेपाली अंग्रेजहे पराजय करना टमान गढीमध्येके एक हो पर्सागढी । यिहिनहे और विस्तृतरुपमे कलेसे वि.सं. १८७१ मे नेपाल सरकार ओ भारतके तत्कालीन शासक ब्रिटिस सरकारबीचके युद्धमे नेपाल विजयी हुइल स्थल हो ‘पर्सागढी’ । हुइना टे पर्सागढीमे पुगुइया जो कोइ सिन्धुली, मकवानपुर गढीमे जस्टे परिकल्पना करले रठैं । मने उहाँ ना किल्ला बा ना कौनो पुरातात्विक अवशेष रहल बा । टबे फेन पर्सागढी ओझेलमे बा ।

पर्साके सदसमुकाम बिरगञ्जसे करिब १८ किलोमिटर उत्तर–पश्चिम ओ वीरगञ्ज–पथलैया सडकखण्डके जीतपुरसे १५ किलोमिटर दक्षिण पश्चिममे परठ ‘पर्सागढी’ । तत्कालीन महाराजधिराज गिर्वाणयुद्ध वीरविक्रम शाहके शासनकालमे १८७१ चैत ८ मे भीमसेन थापा, यदय गिरी, समशेर शाम, रणध्वज थापा ओ दलभन्जन पाण्डेमार्फत जारी हुइल लालमोहरसे यी गढीके ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व पुष्टि करले बा ।

तत्कालीन युद्धमे स्थानीय रञ्जित चौधरीके उल्लेखनीय योगदान रहल लालमोहरमे उल्लेख बा । उबेला इस्टइन्डिया कम्पनी (ब्रिटिस सरकार) नेपालके ५ ठो नाकासे आक्रमण करले रहे । जोनमध्ये २ नाकामे ब्रिटिस तथा ३ नाकामे नेपाली सेना विजयी हुइल रहिट । विजयी गढीमध्येके पर्सागढी एक हो । ब्रिटिससँग युद्धके बेला नेपालओरसे मुख्य भूमिका निवाह करना रञ्जित चौधरीके घर पर्सागढी रहल पर्साके थारु अगुवा प्रकाश थारुके कहाइ बा ।

वि.सं. १८७१ पुस १९ गते नेपाल सरकार ओ भारतहे उपनिवेश बनाके शासन करटी आइल ब्रिटिस सरकारबीच युद्ध हुइल रहे । हमलाके क्रममे दुई स्थानमे नेपाली सेना पराजित हुइल रहे । तीन स्थानमे नेपाली सेना विजयी हुइल रहे । नेपाल विजय प्राप्त करल स्थलमध्ये एक ऐतिहासिक ठाउँ यिहे पर्सागढी हो ।

स्थानीयके अन्सार अंग्रेज सेना नेपालके पर्सास्थित अलौं बोर्डर कब्जा करले रहे । पर्सा गढीमे समेत आक्रमण करके पर्सा गाउँ खाली करैले रहैं । उपाछे उहाँहुक्रे पर्सागढीमे क्याम्प खडा करके बैठल रहैं । जिंगना पचरुखी, चैनपुर बागेश्वरी, हरपुर, बागबाना ओ विरुवा बकर्नेवाका बासिन्दा ओ अगुवाहुकनके भारी चिन्ता बनल रहे । बागवानाके रञ्जित चौधरीके अगुवाइमे पाँचठो गाउँ भेला हुके लराइके लाग अन्न संकलन, हातहतियारके तयारी सँगे युद्धके रणनीति बनाके जिम्मेवारी बाँडफाँट करले रहिट । युद्ध रणनीतिके चाख लग्ना पक्ष कलेक आधुनिक हातहतियार नैहुके बौद्धिक मेरिक रहे । उहाँहुक्रे पर्सागढी लग्गे रहल तिलावे ओ सिंग्याही दोभानमे बाँध बँधले रहिट । बाहुबली हिन्दी फिल्ममे जैसिक अपन किल्ला जोगाइक टन भैंस, गोरुनके सिंघमे मसाल बारके छोरडेहल रहे । ओस्टेक चौधरी साँझके समयमे भैंस, गोरुनके सिंघमे मसाल बारके छोरडेके डरलग्ना दृश्य सृजना करके क्याम्पओर पठैले रहिट ।

टबजाके स्थानीय बासिन्दाहुक्रे अपनसँग रहल घरेलु हातहतियारसहित पुगके अंग्रेजके क्याम्पमे आक्रमण करलैं । भारी जोँजावाल जुलुस देखलपाछे अंग्रेज सेना भागे लग्लैं । भगौडाहुक्रे लडियामे कुड्ना बाध्य हुइलैं । कुछ अंग्रेज सेना पानीमे डुबके मरलैं । बाँकीहे पूर्व तयारीके साथ बैठल स्थानीय बासिन्दा अंग्रेज सेनाहे पानीमे डुबैना ओ खुकुरी, तरबारसे शिर मुण्डन करडेले रहिट । ओहे युद्धकलासे स्थानीय १८७१ पुस १९ गते अंग्रेजी सेनाहे पराजित करल बटाजाइठ । युद्धस्थलमे रञ्जित चौधरीके कुलदेवता बन्हर बाबाके मन्दिर ओ विजय स्तम्भ बनाइल बा ।

देशके गौरवगाथा बोकल ऐतिहासिक स्थलके विकासके लाग केवल चौधरी परिवार किल लागपरल डेखाइठ । वि.सं. २०७२ सालमे ऐतिहासिक युद्धके २ सय वर्ष पूरा हुइल अवसरमे पर्सागढी महोत्सवके आयोजना करल रहे । ब्रिटिस सरकारसँग लरके विजयी हुइल वीर योद्धहुकनके वीरगाथाहे इतिहासके पन्नामे सीमित बनाइलमे स्थानीय अगुवाहुक्रे चिन्तित बाटैं । उहाँहुक्रे पर्सागढीके महत्वहे बेवास्ता करल गुनासो करठैं । राष्ट्रियताके लाग अन्तर्राष्ट्रिय युद्धके विजय अभियानमे योगदान डेना योद्धाहुकनके विरगाथाहे इतिहासके पानामे सीमित करल बा ।

ऐतिहासिक, धार्मिक तथा पुरातात्विक महत्वके स्थलहे बेवास्ता करल बा । समय समयमे टमान मन्त्री तथा सांसदहुक्रे गढीमे पुगके ऐतिहासिक ओ पौराणिक मान्यताहे चिन्हैटी पर्यापर्यटनसँग जोरना प्रतिवद्धता जनैटी आइल बा । मने कोइ प्रतिबद्धता पूरा नैकरल कटी स्थानीयके गुनासो सुनजाइठ । गढीके नाममे नामाकरण हुइल पर्सागढी नगरपालिका समेत गढीके संरक्षणके लाग जत्रा करेपरना हो ओत्रा नैकरल गुनासो स्थानीयहुकनके बा । नगरपालिकासे प्रत्येक वर्ष बजेट विनियोजन करलेसे फेन ओकर सदुपयोग हुइ नैसेक्ना उपप्रमुख अर्चना चौधरीके कहाइ बा ।

आकर्षक विजयस्तम्भ निर्माण करना, धर्मशाला, शौचालय बनैना, वृक्षारोपण करटी जैना लक्ष्य नगरपालिका लेले बा । गढीके संरक्षणमे नेपाली सेना फेन साथ डेले बा । वृहत एकीकरण मार्ग कार्यक्रममे नेपाली सेना पर्सागढीहे समेत जोरले बा । पुस १९ गते विजयी हुइल दिन विजय उत्सव मनैना पर्सागढीमे प्रचलन बा । आन्तरिक किल नैहुके बाह्य पर्यटकहे समेत आकर्षित करेपरनाओर कोइ केबु नैलागल ओरसे पर्सागढी चर्चामे नैआइल हो । ‘जे कोइ पर्सागढी पुग्लेसे नेपाल अंग्रेजबीच हुइल ऐतिहासिक युद्ध ताजा हुइपरना कनाओर पर्सागढीके नगर उपप्रमुख चौधरीके कहाइ बा । अब्बे ओइसिन अनुभूति नैहुइल, मने सबजे मिलके बनाइपरठ’ उहाँ कठैं ।

पर्सागढीके लडाइँमे नेपाली फौजके नेतृत्व करना रञ्जित चौधरीके सालिक निर्माण करना, सम्बन्धित सरोकारवाला स्थानीय सरकार पुरातत्व विभागसे आवश्यक समन्वय ओ पहल करके माष्टर प्लान तयार करके आवश्यक कार्यान्वयन करना, एतिहासिक महत्व झल्कना पुस्तिका निर्माण करना तयारी हुइटीरहल बा । स्थानीयके अन्सार बदलटी राजनीतिक परिवेशमे अन्तर्राष्ट्रिय युद्धके विजयीयोद्धाके गाथाहे इतिहासके पन्नामे सीमित परटी पर्सागढीके महत्वहे बेवास्ता करल बा ।

विजयीस्थल लग्गे करिब २–३ विगहा क्षेत्रमे फैलल माटिक ढिस्कासहितके खाली जग्गा बा । जहाँ नेपाली फौज ब्रिटिस फौजहे मारके भँठ्ले रहिट । ओकर अवशेष अभिनसम बेलाबखत फेला करठ । स्थानीयहुक्रे तत्कालीन कमाण्डर रन्जित चौधरीसे युद्धमे प्रयोग करल हतियारके अवशेष समेत सुरक्षित ढरल बा । ब्रिटिस सेनाहुक्रे प्रयोग करल तोपके गोलाके अवशेष स्थानीयसँग सुरक्षित बा ।

तत्कालीन युद्धमे उल्लेख्य योगदान पुगाइल स्थानीय रन्जित चौधरी थारु समुदायसहित नेपाली फौजके कमाण्डरके रुपमे उतरदायित्व निर्वाह करके विजयी हासिल करलपाछे तत्कालिन राजा उहाँहे २ ठो गाउँमे शासन करना अधिकार समेत डेहल लालमोहरमे उल्लेख बा ।

युद्धके समयमे अंग्रेजसे चलाइल तोपके गोलाके अवशेष फेन स्थानीयसँग बा । स्थानीयके अन्सार पर्सागढी–४ छोटैलीमे इमलीके रुखवामे गोला लागके रुखवाहे फरचैले रहे । उ गोलाहे स्थानीय संरक्षण करके ढरले बाटैं । खेतबारी कोरना क्रममे फेन कुछ पुरान अवशेष फेलापरठ । देशके गौरवगाथा बोकल ऐतिहासिकस्थलके विकासके लाग केवल चौधरी परिवार किल लागल डेखाइठ । यी दुर्भाग्यपूर्ण बा । उहाँके वीरगाथाके सम्मान करना हम्रे सक लागेपरठ ।

(थारु पत्रकार संघ नेपाल पर्साके अध्यक्ष ओमप्रकाश चौधरी तथा पर्सागढीके नगर उपप्रमुख अर्चाना चौधरीसँगके बातचितमे आधारित ।)

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