सर्वोच्च अदालतसे प्रतिनिधिसभा विघटनके निर्णय बदर, १३ दिनभित्तर बैठक बोलैना आदेश

काठमाडौं, ११ फागुन । सर्वोच्च अदालत प्रतिनिधिसभा विघटन करना सरकारके निर्णय बदर करले बा । भर्खर सर्वोच्च अदालतके संवैधानिक इजालाससे पुस ५ गते सरकारसे करल उ निर्णयहे असंवैधानिक ठहर करटी बदर करल हो ।
प्रधानन्यायाधीश चोलेन्द्र शम्शेर जबरा नेतृत्वके संवैधानिक इजलाससे प्रतिनिधिसभा विघटन करना सरकारके निर्णय बदर करना सर्वसम्मति निर्णय करल हो । संवैधानिक इजलासमे न्यायाधीशहुक्रे विश्वम्भरप्रसाद श्रेष्ठ, सपना प्रधान मल्ल, अनिलकुमार सिन्हा ओ तेजबहादुर केसी बाटैं ।
सर्वोच्चके यी निर्णयसँगे प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीसे विघटन करल प्रतिनिधिसभा ‘जागल’ बा ।
प्रधानन्यायाधीश जबरा निर्णयके व्यहोरा वाचन करटी बहुमत प्राप्त प्रधानमन्त्रीहे संविधानके धारा ७६ के उपधारा ७ बमोजिम प्रतिनिधिसभा विघटन करना अधिकार नैहुइल बटैलैं ।
फैसलाके १३ दिनभित्तर प्रतिनिधिसभा बैठक बोलैना आदेश हुइल बा ।
पुस ५ गते मन्त्रिपरिषद्के सिफारिसमे राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी प्रतिनिधिसभा विघटन करके आगामी वैशाख १७ ओ २७ गतेके लाग निर्वाचन तोकले रही । संसद् विघटनविरुद्ध सर्वोच्च अदालतमे १३ ठो रिट निवेदन परल रहे । विरोधमे नेकपा दाहाल–नेपाल समूह, कांग्रेस, जसपा लगायत पार्टी सडक आन्दोलनमे उत्रल रहैं कलेसे नागरिक समाज फेन असंवैधानिक कदमके विरोध करले रहे ।
