पत्रकार महासंघ कसिक समावेशी ?

नेपाल पत्रकार महासंघ कैलाली शाखाके ११औं साधारण सभा ओ रजत जयन्ती फागुनके ११ मे जोशीपुरमे निम्जल बा । उ अवसरमे कार्यक्रमहे सम्बोधन कैटी नेपाल पत्रकार महासंघके वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपुल पोखरेल महासंघ यहाँ पुगटसम समावेशी संस्थाके रुपमे विकास हुइल विचार रख्लै । पोखरेलके कहाइ रहे, ‘यहाँ आदिवासी जनजाति, दलित, मधेसी लगायतहुक्रनके प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुइल बा ।’
अब्बे थारु समुदायहे छुट्टे क्लस्टरके रुपमे ले गैल बा । लोकसेवा आयोग लगायटमे थारुन्के लग छुट्टे आरक्षणके व्यवस्थाके लग ऐन बनल बा । उहे क्रममे पहिले एमाले माओवादी अक्केम मिलके नेकपा बन्नासे पहिले एमालेके भातृसंगठन प्रेस चौतारीमे थारु पत्रकारके प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराइक लग आदिवासी जनजाति, दलित, मधेसी हस थारु कोटा छुट्या गैल रहे । यकर अभ्यास नेपाल पत्रकार महासंघके केन्द्रमे फेन हुइ परल कना थारु पत्रकार संघ नेपालके बहुट जोर रहे । मने महासंघ नै सुनल ।
लक्की चौधरी नेपाल पत्रकार महासंघके केन्द्रीय सदस्य रहलबेला महासंघमे थारुन्के छुट्टे कोटा चाहल कहिके प्रत्येक साधारण सभा, बैठकमे उठैलाँ । मने जिम्मेवार पदािधकारीन् चिमाइल रहलाँ । २०७४ कार्तिक १८ गटे सुनसरीके झुम्कामे थारु पत्रकार संघ नेपालके टिसर अधिवेसन सम्पन्न हुइल पाछे कृष्णराज सर्वहारीके नेतृत्वमे नेपाल पत्रकार महासंघके तात्कालिन केन्द्रीय अध्यक्ष डा महेन्द्र विष्टहे ज्ञापनपत्र बुझा गइल रहे । जेम्ने महासंघके केन्द्रमे थारु पत्रकारन्के छुट्टे कोटा चाहल कना मागन रहे ।
थारुनके अलग क्लस्टरके लग संविधानमे उल्लेख हो सेकलमे नेपाल पत्रकार महासंघहे थारु पत्रकारनके हकके बेवास्ता करटा । ओ, महासंघके जिम्मेवार पदाधिकारी महासंघ समावेशी संस्थाके रुपमे विकास हुइल कहटि बटाँ । पत्रकारन्के संस्थामे समावेशी नैहुइ कलेसे पत्रकारलोग औरे संस्थामे समावेशीके बाट बट्वइना बेकार बा ।
नेपाल पत्रकार महासंघ कैलाली शाखामे अब्बे २ सयसे ढिउर साधारण सदस्य बाटै । कैलालीमे करिब ५ डर्जन थारु पत्रकार रलेसे फेन महासंघके कैलाली शाखामे ३४ जाने पत्रकार आबद्ध बाटैं । महासंघके केन्द्र ढिलढाल कर्लेसे फेन थरुहट क्षेत्रके जिल्ला शाखामे थारु पत्रकारन् समावेशी ढंगले लन्ना नीति बनाइक चाहि ।
