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जसपासे राखल ३ बुँदे शर्तप्रति प्रधानमन्त्री सकारात्मक

पहुरा | २९ फाल्गुन २०७७, शनिबार
जसपासे राखल ३ बुँदे शर्तप्रति प्रधानमन्त्री सकारात्मक

रेशम चौधरीके रिहाई प्रमुख शर्त

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २९ फागुन ।
जनता समाजवादी पार्टीसे प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली नेतृत्वके सरकारसे सत्ता गठबन्धन कैना अवस्थामे रेशम चौधरी रिहाइके मुख्य सर्त बनैले बा ।

चौधरी लगायत मधेस–थरुहट आन्दोलनके बन्दीके रिहाइ प्रमुख शर्त बनाइलमे ओम्ने प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली सकारात्मक हुइल बटाइल बा । प्रधानमन्त्री ओली बिफेक रोज एमाले शीर्ष नेताहुक्रनहे राखके जसपाके नेतानसे छलफल करल रहिट ।

पदाधिकारीके बैठक ओराके जसपाके अध्यक्ष महन्थ ठाकुर ओ उपेन्द्र यादव, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र महतो, अशोक राई लगायतके नेता एमालेसँगके छलफलके लाग प्रधानमन्त्रीके सरकारी निवास बालुवाटार पुगल रहिट ।

भेटमे सहभागी जसपाके नेता लक्षणलाल कर्ण कहलै, ‘हम्रे कैदीबन्दी संघरियाहुक्रनके रिहाइ, मुद्दा फिर्ता ओ संविधान संशोधन हमार बटमलाइन हो कहले बाटी । प्रधानमन्त्रीजी मै सकारात्मक बाटुँ कहले बाटै ।’

ओहकान अनुसार आबके वार्ता कार्यदल स्तरमे हुइना बा । एमाले जसपासे वार्ता कैना सुवास नेम्वाङ, विष्णु पौडेल ओ राजन भट्टराई रहल कार्यदल बनैले बा । जसपा अध्यक्ष महन्थ ठाकुर, सर्वेन्द्रनाथ शुक्ल ओ लक्ष्मणलाल कर्णहे खटाइल रहे । आब ओम्ने आउर नेताहुक्रनहे राखके कार्यदल बनैना तयारी करले बा ।

टीकापुर घटनामे जिल्ला अदालत कैलालीसे चौधरीहे जन्मकैदके फैसला करल रहे । उहीहे उच्च अदालत दिपायल फेन सदर करसेकल बा ।

थरुहट थारुवान आन्दोलनके क्रममे २०७२ साल भदौँ ७ गते टीकापुरमे विरोध प्रदर्शनके क्रममे हिंसात्मक घटना हुइल रहे । उ घटनामे नेपाल प्रहरीका वरिष्ठ प्रहरी उपरीक्षक लक्ष्मण न्यौपाने सहित ८ सुरक्षाकर्मी ओ एक बालकके मृत्यु हुइल रहे । घटनाके मुख्य योजनाकार रेशम चौधरी रहल दाबी करटी प्रहरी ओहकान संगे लक्ष्मण थारु लगायतके नेतानउपर मुद्दा चलाइल रहे ।

घटनापाछे फरार रहल रेशम २०७४ के आम चुनावमे राजपासे कैलाली क्षेत्र नम्बर १ से उम्मेदवार बनलै ओ ३४ हजार ३४१ मतसहित निर्वाचित हुइल रहिट । उहाँ २०७४ फागुन १४ गते जिल्ला अदालतमे आत्मसमर्पण करल रहिट । पुर्पक्षके लाग थुनामे रहल बेला सांसद पदके सपथ लेहल उहाँसहित ११ जनहनहे कैलाली जिल्ला अदालतसे २०७५ के फागुन २२ मे जन्मकैदके सजाय सुनाइल रहे ।

उच्च अदालत दिपायलसे २०७७ के पुस ३ गते कुछ जनहनके सजाय उल्टी करलेसे फेन रेशमके जन्मकैदहे सदर करल रहे । अब्बे उ फैसला विरुद्धके पुनरावेदन सर्वोच्च अदालतमे विचाराधीन रहल बा ।

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