थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ३० बैशाख २६४९, मंगर ]
[ वि.सं ३० बैशाख २०८२, मंगलवार ]
[ 13 May 2025, Tuesday ]

सर्वहारीक् लावा बालपोस्टा

पहुरा | ३ चैत्र २०७७, मंगलवार
सर्वहारीक् लावा बालपोस्टा

पहुरा समाचारदाता
काठमाडौं, ३ चैत ।
वरिष्ठ साहित्यकार डा. कृष्णराज सर्वहारीक् सचित्रमय बालखिस्साके पोस्टा ‘मैचा र फगनी’ प्रकासिट हुइल बा । रुम टु रिड नेपाल प्रकासन करल नेपाली भासामे रहल इ बालपोस्टा उहाँक् ग्यारौं पोस्टा हुइन् ।

इहिसे पहिले सर्वहारीक् सुख्ली (थारू भासक् पहिला बालखिस्सा संग्रह, २०६२), जोन्हु मामा (थारू भासक् पहिला बालकविता संग्रह, २०६३), हर जोत्ना मछरिया (सचित्रमय बालखिस्सा, २०६६), अनारकलीके अन्तरकथा (सचित्रमय बालखिस्सा, २०६६), तुलारामके चर्तिकला (सचित्रमय बालखिस्सा, २०६६, सत्तलसिंहके खिस्सा (सचित्रमय बालखिस्सा, २०६६), छट्टु स्यालको बिहे (बालखिस्सा संग्रह, २०६७) खुत्रुके (सचित्रमय बालखिस्सा, २०७७), भुख्ली (सचित्रमय बालखिस्सा, २०७७) एकवित्ते (सचित्रमय बालखिस्सा, २०७७) प्रकासिट बटिन ।

हर जोत्ना मछरिया, अनारकलीके अन्तरकथा, तुलारामके चर्तिकला, सत्तलसिंहके खिस्सा ओ एकवित्ते सचित्रमय बालखिस्सा थारु ओ नेपाली भासम् बा । ओस्टक खुत्रके ओ भुख्ली बालखिस्सा थारु नेपाली ओ अंगे्रजी भासम् बा ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू