‘ गीत ’
आइल होरि
पहुरा |
१४ चैत्र २०७७, शनिबार

खुसियाके होरि हो बौछार
लाल पियर गुलाबि चारुओर
रंगले सबओर रंगिन जोर ।
पिचकारि भर भर अबिर रंग
खेलब होरि होक चारु भाइ डंग ।
हर मुहँम् बा आब अइसिन हाल
आझ पहारमे टो तराइमे काल्ह ।
होरिके बहानाम संघरिया सब आइ
रिस राग हटाके डुस्मनहे चलि मनाइ ।
आइल होरि हो..आइल ।
दंगीशरण–४, दाङ
