थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ थारु सम्बत १५ बैशाख २६४९, सोम्मार ]
[ वि.सं १५ बैशाख २०८२, सोमबार ]
[ 28 Apr 2025, Monday ]

लावा बरसके शुभकामना

पहुरा | १ बैशाख २०७८, बुधबार
लावा बरसके शुभकामना

लावा बरस २०७८ अंग्नम् पौलि टेक सेकल । ओइसिन टे थारु समुदाय माघहे लावा बरसके रुपमे मन्ठैं । मने आम नेपालीन्के आधिकारिक मान गैल, विक्रम सम्बतके अन्सार आजसे २०७७ सालके कलेन्डर हटके भिटामे २०७८ सालके कलेन्डर झुँर सेकल ।

लावा बरसमे अपन मन मिल्ना समुह चुक्कि खैठैं, आजकलिक भासामे पिकनिक । मस्टरवन, विद्यार्थीन, भनसरियन, पत्रकारन, वकिलन, व्यापारीन सबके सब चुक्किमे राहरंगि कर्ठैं इ डिन । लावा लावा पिकनिक स्पटके खोजि हुइठ । समयमे बुकिङ कराइ नैसेक्लेसे ठाउँ पैना कर्रा । ओहेसे बहुट समुह गाउँघरमे जो चुक्कि जम्कैले रठैं, लावा बरसमे । थारुन्के लावा बरस माघ हो, हम्रे माघमे किल राहरंगि करि, वैसाखके लावा बरसहे बेवास्ता करि कना सोंच केक्रोमे नैहो ।

ओइसिन टे औरेक मजा चलन स्विकारेक चाहि । नैमजा चलन हटाइक चाहि । कौनो बहानामे मन मिल्ना समुहसे मिलबैठके खानपिन कैना मजा चलन हो, इहिसे आत्मियटा बह्रठ । मने खैनापिना बहानामे आँख नैडेख्ना चलन ठिक नाइ हो । आब पुगल संघरिया कहटि कहटि फेन जवर्जस्टि बरा डेना, नै पिना मनैन् फेन कोकमे डारु मिलाके पिवा डेना ठिक नाइ डेखाइठ ।

चुक्किम् लइगैल टिनाटानव घुम्के आइ, मने पिना चिज सब खपत हो जाइठ । बेन नैपुगल कहिके पिकनिक स्पटमे फे किने जाइ लग्हि । सुरुमे मिलौनि डेना कर्रा लग्ना मनैं, लग्हिन टे लेउ मोर ओरसे ठप्पन कहटि डारु मंगाइ लग्हिं । इहिसे हमार पिना चलन, अपन उत्पादन जाँरडारुसे बियरके कल्चर बह्रटि जाइटा कना डेखाइठ ।

हमार पुर्खा अगमजानकि रहिट कि ओइने जार महिनम माघ मनैना चलन बनैलाँ, भोजबियाह माघ, फगनेम् ठन्लाँ । बैसाख, ओस्टे फेन गर्मिक् महिना । टिना टावन बरा हालि बसाइ लागठ । इहिले कचरपचर खाइल कारन जिउ कमजोर हुइठ । जिहिसे अपन नियमिट कैना कामेम् असर परठ । चुक्कि खाइबेर बाहर आगि बर्लेसे आगलागि हुइना डर ओट्रे रहठ ।

लावा बरसहे खैनापिना बहानाके रुपमे किल ना लि । पुरान बरसहे एकफेरा घुम्के हेरि । अपन सोंचल, रुकल काम आइना बरस जरुर पुरा करम कना संकल्प लेना डिनके रुपमे इहि लि । अइना बरसके योजना बनैना डिनके रुपमे इहि लि । नै पच्ना मेरिक अजिंगर हो हो खैनासे, अपांग, असक्ट, टुवर लर्कन दान डेना चलन बनाइ ।

अन्टमे सबके लावा बरस मजा रहे । झग्राझाँटि नाहि, मेलमिलापसे लावा बरस मनाइ । सक्हुन लावा बरसके शुभकामना ।

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