थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १५ बैशाख २६४८, शनिच्चर ]
[ वि.सं १५ बैशाख २०८१, शनिबार ]
[ 27 Apr 2024, Saturday ]

डेहरी आब के हेरि

पहुरा | ३ बैशाख २०७८, शुक्रबार
डेहरी आब के हेरि

थारु गाउँ अट्रा हालि बडलटा कि थारु गाउँ हो कना चिन्हा हेराइ डँटल बा । काजेकि छप्रा हटके खप्रा हुइटि टिनसे आब पक्कि ढलान वाल घरेम् बैठना सक्हुनके मोह जागल बा । पक्कि घर बन्टि कि अन्न भण्डारनके लाग बेलस जैना डेहरी फे कम हुइल लागल बा ।

टिन ओ प्लास्टिकके समान अइलेसे फेन थारु समुदायसे बेलस जैटि आइल परम्परागत डेहरीके लोकप्रियतामे कमी आइल टे नैहो, मने डेहरी परुइया पुस्ता आब हेराइटा । घरक् जेठबर जे बा, ओक्रे हाँठेम किल डेहरी, कुठली पर्ना सिप बा । डोसर बाट पहिले थारु घर फराक रहे, डेहरी जो कोन्टिके पार्टेसनके काम करे । आब पक्कि घर बने लागलमे कोन्टि सब्ड हेराके कोठा ठाउँ पाइ लागल । पक्कि घरक् कोठा पुरान घरक नन्हे फराक नै रहलओर्से बेन उहाँ टेबुल, दराज ठाउँ पाइटा । डेहरी, कुठली हेराइटा ।

थारु खेटि कम करे लागल बाटैं । खेटि करुइयन थ्रेसरले डँवाके खेटवम से जो धानओन बेंचे लागल बाटै । अपन खाइभरिक किल धान बँचैलक ओर्से डेहरीक् संख्या घरेमसे कम हुइटि जाइटा । नै टे डेहरीमे धान किल नाहि गोहुँ, मसरि, अरसि, लाहि जैसिन राइरब्बि भन्डारन कैके ढैना पुर्खन मजा चलन चलैलाँ । हो, डेहरी, कुठलीमे मुस लागके कबुकाल हैरान जरुर पर्ठै । मने ओडरा, छटक्या लगाके ओइन रोक्ना ओ ओइनके भुजपक्वा लगैना गजबके पकवानके लग पुर्खन माने परि । डेहरीक् अपन विसेसटा बटिस । यम्ने ढइल अन्नमे सजिले घुन लगायट किरा नै लग्ठै । टिन ओ प्लास्टिकके भाँडामे ढारल अन्न सरे सेक्ना डर टे पलि बा, प्लास्टिक रियक्सन फेन करठ ।

थारु समुदायमे डेहरी लोकप्रिय किल नैहो, यकर सामाजिक, साँस्कृतिक ओ धार्मिक महत्व फेन बा । पहिले जेकर घरमे ढिउर डेहरी, ओकर ढिउर सम्पत्ति रहना थारु समुदायके मनै विश्वास करिट । पहिले घरक् डेहरी गनके पुर्खन उ घर चेलीबेटी डेना कि नै कहिके छिनोफानो करिट । डेहुरारमे रना ‘पटहवा’ डेहरीक अपने महत्व बा । इ डेहरीसंगे जोँटाके देवीदेवतन ढैजाइठ् । गुर्वावक् झोंरि मन्टर टंगा जाइठ । बहरिम रना बर्का डेहरीम बनाजैना अस्टिम्किके अपने महत्व बा ।

डेहरी हेराइक संगे आब थारुन्के समग्र संस्कृति नामेट हुइना डर बा । काजेकि पक्कि घरेम डेहुरार नै हो । डेहुरार खोजक लग सहरियन डौरटि गाउँ जाइ पर्ना अवस्ठा बा । डेहरी आब के हेरि कनासे फेन डेहरी आब सबजे हेरि कना अभियानके विकास करि, पुर्खनके सहिचिन बँचाइ ।

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