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प्रतिनिधिसभा पुनःस्थापना ओ देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्त करेपरना मागसहित सर्वोच्चमे रिट

पहुरा | १० जेष्ठ २०७८, सोमबार
प्रतिनिधिसभा पुनःस्थापना ओ देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्त करेपरना मागसहित सर्वोच्चमे रिट

काठमाडौं, १० जेठ । प्रतिनिधिसभा पुनःस्थापना ओ शेरबहादुर देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्त करेपरना मागसहित सर्वोच्च अदालतमे विपक्षी गठबन्धन रिट दर्ता करले बा ।

सोम्मार विघटित प्रतिनिधिसभाके १४६ जाने सांसदहुक्रे प्रधानमन्त्री पदके दाबेदार देउवाके पक्षमे बहुमत रहल ओ उहाँहे प्रधानमन्त्री बनाइपरना दाबीसहित सर्वोच्चमे रिट दर्ता करल हुइट । अँट्वार अदालत जैना कलेसे फेन कानुनी ढाँचाअनुसार कागजातसहितके विवरण ओ मस्यौदा तयार पर्ना ढिलाइ हुइलपाछे सोम्मार रिट पेस करल हो ।

रिटमे संविधानधानके धारा ७६ के उपधारा ५ बमोजिम प्रधानमन्त्रीहे समर्थन करल आधारमे सांसदहुकनहे कारबाही नकरजाए कना फेन माग करल बा ।

राष्ट्रपति ओ प्रधानमन्त्रीके मिलिभगतमे वैकल्पिक सरकार निर्माणके प्रक्रियाहे अवरोध कराके प्रतिनिधिसभा विघटन करल गठबन्धनके ठहर बा । गठबन्धनसे संविधानके धारा ७६ (५) के सरकार निर्माणके लाग आह्वान हुके प्रक्रियासम्मत ढंगसे दाबी परसेकलपाछे उहिनहे राष्ट्रपति इन्कार करे नैमिल्ना व्याख्या करल बा ।

संविधानके धारा ७६ (३) अन्तर्गत नियुक्त प्रधानमन्त्री ओली संविधानके धारा ७६ (४) बमोजिम ३० दिनभित्तर प्रतिनिधिसभामे विश्वासके मत लेहेपरना संवैधानिक व्यवस्था बा । मने उहाँ अपनसँग बहुमत नैहुइल ओरसे विश्वासके मत लेहेपरना आवश्यक नैरहल जनैटी पदसे राजीनामा नैडेके राष्ट्रपतिहे संविधानके धारा ७६ (५) अन्तर्गत सरकार निर्माणके प्रक्रिया आघे बह्रैना सिफारिस करले रहैं ।

राष्ट्रपति २१ घण्टाभित्तर सरकार निर्माणके अन्तिम विकल्पके रूपमे रहल ७६ (५) के प्रक्रिया आघे बह्रैले रहि । तत्कालीन प्रतिनिधिसभाके विपक्षी गठबन्धन राष्ट्रपतिसे डेहल समयसीमाभित्तर काँग्रेस सभापति देउवाहे प्रधानमन्त्री बनैना दाबी प्रस्तुत करले रहे । देउवाके पक्षमे काँग्रेस, माओवादी केन्द्र, एमालेके खनाल–नेपाल पक्ष, जसपा उपेन्द्र यादव पक्षका ओ राष्ट्रिय जनमोर्चाके करके १ सय ४९ जानेके हस्ताक्षरसहित दाबी प्रस्तुत करलल रहे । मने, प्रधानमन्त्री ओलीसे एमालेके १ सय २१ ओ जसपाके ३२ करके १ सय ५३ सांसदके समर्थनके दाबी परलपाछे विवादित हुइल कटि राष्ट्रपतिसे दुनु दाबी खारेज करले रहे । विपक्षी गठबन्धनसे प्रधानमन्त्री ओलीके दाबी किर्ते रहल जनाइले बा । संविधानके धारा ७६ (५) से दलीय समर्थन नैकहिके प्रतिनिधिसभाके सांसदहे समेत स्वतन्त्र ढंगसे प्रधानमन्त्री बन्ना हक डेहल बा । ओकर अपव्याख्या करटी ओली देउवाहे प्रधानमन्त्री हुइनासे रोक्न अपन दाबी आघे सारल गठबन्धनके कहाइ बा ।

प्रधानमन्त्री ओली गैल पुस ५ गते करल प्रतिनिधिसभा विघटनके निर्णयहे गैल फागुन ११ मे सर्वोच्च अदालत उल्ट्याके वैकल्पिक सरकारके सम्भावना रहटसम प्रतिनिधिसभा विघटन करे नैपैना कहल रहे ।

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