थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 27 Apr 2025, Sunday ]
‘ लघु खिस्सा ’

सापट

पहुरा | १९ असार २०७८, शनिबार

सुशील एकठो गरीब घरेक लर्का रहे। ऊ गाउँ स्कुलमे जैसिक टैसिक एस एल सी सम करठ। बाबा ज्याला मञ्जुरी करके घरचलैनाम सुशील हे ठप पर्हाई सेक्ना मनसायमे नाई रहिस। सुशीलके पर्हना इच्छा डेखके ओकर डाई कठिस छावा अपनहि काम करके पर्हले टोर बाबा धनगढी कमैठै टहु ओहरि काम खोज ओ पर्हिस। ‘पुहे लग्ना चिम्टन लग एकठो पाटिर डण्डी फे काफी रहठ” ठोरचे डाईक सपोट पाके ऊ अपन भविष्य बनाईक लग सहर जाईठ वहाँके क्याम्पसमे भर्ना हुईठ।

अपन सहयोगी पनसे बहुट नाट नट्कुर बनाईठ।अपने सहयोग टो करठ मनो उल्टाके सहयोग कबु नाई पाईठ मनो नाटपाटनसे आस भर बहुट पाईठ। कहल हस कहाँ मिलठ सशील पहाईक खर्च कमाईक लग इन्डिया जाईठ वहाँ ओकर कमाही एकडमै मजा रठिस।ऊ इन्डियाक पैसासे अपन पर्हाई पुरा कर्ना सोच बनाईठ मनो घरे बाबा ओकर डाईहे टोर छावा पैसा नाई डेहठ कैहके खुब पिट्ना करठिस। पाछे सुशील सेकलसम घरे फे गोटगाट डेहठ।

इन्डिया कमाईठ सुनके ओकर नाटपाट कबु महंगा समान कबु सापट पैसा मगैठिस सेकल सकहुनके माग पुरा करठ। सबकोई कठै नेपाल अईबे टो पूरा पैसा डेब। ओकर बिच सुशील अपन बाराक पर्हाई फे ओर्वाईल अईना जैना लागल रलिस मनो ओकर कोई नाटपाट सापट मागल पैसा न टो समानके पैसा डेहलिस जस्टेक ऊ पैसा मागल ओकर नाटपाट उहिसे डुर हुईटी आटिस अब टो यहा टक कि ओकर फोन फे नाई उठैठीस पाँच डस हजार कैके सक्कु जहनसे ओकर लाखसे ढेर लेना हुईहिस।उहि आझकल पैसाक बहुट जरूरट बा मनो अपन कहुईया आस डेखुईया नाटपाट ओकर डेहल पैसा टो डेहट नाई हुईस टो अपन ओरसे का डिहिस ? सचमे आझ सुशील बहुट डुखी बा उहिन पटा चलगिलिस ‘सापट” पैसा फट्हा बनाईठ सम्बन्ढ बिगारठ। मनै उहि डेखके नाई ओकर पैसा डेखके नाटपाट जोरल रहै।ऊ सकहुन अपन मानल उहि अपन कोई नि मानल। कैसिन समाज ओ यहाँक स्वार्ठी मनै रठै?।

असिराम डंगौरा
जोशीपुर-५, सिमराना, कैलाली

जनाअवजको टिप्पणीहरू