थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २४ असार २६४९, मंगर ]
[ वि.सं २४ असार २०८२, मंगलवार ]
[ 08 Jul 2025, Tuesday ]

आज हरिशयनी एकादशी, घर–घरमे तुलसी लगागिल

पहुरा | ५ श्रावण २०७८, मंगलवार
आज हरिशयनी एकादशी, घर–घरमे तुलसी लगागिल

धनगढी, ५ सावन । हरेक वर्ष आषाढ शुक्ल एकादशीके दिन घर–घरमे तुलसीके बोट लगाके चार महिनासम करना विशेष पूजा आराधना आजसे सुरु हुइल ।

एक महिनाआघे ज्येष्ठ शुक्ल एकादशीके दिनमे घरके तुलसी मोठमे ढरल दलके बिरुवा आज मोठमे सारजाइठ । सनातन वैदिक परम्पराअनुसार तुलसीहे विष्णुके प्रतीकके रूपमे मानजाइठ ।

आजसे कार्तिक शुक्ल एकादशीके दिनसम तुलसीके विशेष पूजा हुइठ । आषाढ शुक्ल एकादशीसे कार्तिक शुक्ल एकादशीसम चार महिना भगवान् विष्णु क्षीरसागरमे शयन करना हुइल ओरसे आजके दिनहे हरिशयनी एकादशी कहल धर्मशास्त्रविद् एवं नेपाल पञ्चाङ निर्णायक समितिके पूर्वअध्यक्ष डा रामचन्द्र गौतम बटैलैं ।

भगवान् विष्णु शयन करल चार महिनाहे चतुर्मासा फेन कहिजाइठ । एक वर्षमे २४ एकादशी परठ । सेकुइयन सब एकादशीमे फलाहार किल करके व्रत बैठ्ठैं । नैसेकुइयन चतुर्मासाके चार महिनामे पर्ना आठ एकादशीमे व्रत करठैं ।

कामकाजमे सक्रिय हुइपरना ओ चार महिनासम फेन फलाहार करे नैसेकुइया भर हरिशयनी एकादशी ओ हरिबोधिनी एकादशीके दिन फलाहार करके व्रत बैठना करठैं । हरिशयनी एकादशीके अवसरमे काठमाडौंके बूढानीलकण्ठ, काठमाडौं उपत्यकाके चार नारायणलगायत देशभरके नारायण एवं विष्णु मन्दिरमे भक्तजनके भीड लागे ।

कोरोनाके कारण आजकल मन्दिर बन्द करल बा । एकादशीके दिन विशेषकरके चाउरसे बनल परिकार नैखैना रोटी, ढिँडो लगायत फलाहार करना करजाइठ । चार महिनासम विधिपूर्वक पूजा आराधना करल तुलसीहे कार्तिक शुक्ल एकादशी अर्थात् हरिबोधिनी एकादशीके दिन दामोदरसँग विवाह करडेना वैदिक विधि बा ।

तुलसी ओ दामोदरके विधिपूर्वक विवाहपाछे अग्निस्थापना विधिसे चतुर्मासा व्रतके उद्यापनके लाग हवनसमेत करजाइठ । वैज्ञानिक रूपमे फेन ढेर अक्सिजन मिल्ना प्रमाणित हुइल तुलसी टमान रोगके लाग औषधिके रूपमे प्रयोग करजाइठ ।

तुलसीके मोठ रहल ठाउँमे रोग सर्ना विषालु मेरिक कीटाणु नैअइना विश्वास करजाइठ । वास्तु दोष रहल ठाउँमे तुलसीके मोठ ढरलेसे सकारात्मक फल प्राप्त हुइना मान्यता बा । तुलसी रहल ठाउँमे शुद्ध हावा बहना तथ्य वैज्ञानिक रूपमे पुष्टि हुइल बा ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू