कीटजन्य रोगके अन्वेषणके लाग इन्टोमोलोजी ल्याब

कञ्चनपुर, २७ सावन । कीटजन्य रोगके अन्वेषणके लाग इन्टोमोलोजी ल्याब सञ्चालनमे लानलल बा । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे १५ लाखके लगानीमे स्वास्थ्य कार्यालयमे उ ल्याब स्थापना करल बा ।
कीटजन्य रोग बाहेकके रूपमे रहल लामखुट्टे ओ भुसुना जैसिन किटाणुबारे जानकारी लेना सुदूरपश्चिम प्रदेशमे पहिलचो उ ल्याब स्थापना करल राजपुरस्थित डोटी प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयके निर्देशक गुणराज अवस्थी बटैलै ।
“मानव स्वास्थ्यमे हानी पुगैना टमान किटाणुके अध्ययन कैना एकठो किल प्रयोगशाला मकवानपुर जिल्लाके हेटौँडामे किल बा,” उहाँ कहलै, “प्रयोगशालाके दक्ष जनशक्तिसे देशभरके टमान स्थानमे पुगके किटाणुके अध्ययन कैटी आइल रहे मने ढिउर जनशक्ति ओ अक्के ल्याबसे सक्कु प्रदेशमे आवश्यकतानुसार अन्वेषण करे नैसेक्ना हुइल ओरसे यहाा फैलना टमान कीटजन्य रोगके अध्ययनके लाग ल्याब सञ्चालनमे लन्ले बाटी ।”
औलो रोग फैलैना एनोफिलिज लामखुट्टे ओ कालाजार रोग फैलैना भुसुनाके बारेम विस्तृतरूपमे अध्ययन कैना ल्याब सहयोगी हुइना निर्देशक अवस्थीके कहाइ रहे । कञ्चनपुरमे औलो माइक्रोस्कोपिक तालीम केन्द्रसमेत रहल बा । इ डुनु ल्याब अक्केठाउँमे स्थापना करल ओरसे टमान कीटजन्य रोग निवारणके लाग सहयोगी हुइना हुइल बा ।
आर्थिक बरस २०७८/७९ मे प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयसे औलो रोग ढिउर फैलल् क्षेत्रमे हरेक महिनामे एक हप्ताके कार्यतालिका बनाके १२ महिनासम लामखुट्टेके आनीबानी अध्ययन कैना हुइल बा । कार्यक्रमअनुसार इहे साउन २५ गतेसे भीमदत्त नगरपालिका–९ ओ १० हे केन्द्रविन्दु मानके औलो रोग सर्र्ना लामखुट्टेके अध्ययन सुरु करल निर्देशनालयके स्रोतव्यक्ति हेमराज जोशी बटैलै ।
इहीसे लामखुट्टेके नयाँ प्रजाति पहिचान हुइनाके साथे आनीबानीसमेत पटा हुइना ओ कीटनाशक विषादी तथा कीटनाशक झुलके प्रभावकारिताबारे फेन अध्ययन करे सेकजैना उहाँ बटैलै ।
