थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ वि.सं १४ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 27 Apr 2025, Sunday ]

टीकापुर थारु विद्रोहः इतिहास कि प्रपञ्च ?

पहुरा | ८ भाद्र २०७८, मंगलवार
टीकापुर थारु विद्रोहः इतिहास कि प्रपञ्च ?

टीकापुरमे ७ भदौ, २०७२ सालमे हुइल थारु विद्रोहके छ वर्ष पुरा करले बा । यी छ वर्षहे समीक्षा करेबेर मनोदशा बल्गर हुके आइल नइपाजाइठ । थरुहट आन्दोलन उठ्न कोशिश करेलेफे सेकल नइहो । टबमारे, निर्दोष राजबन्दीहुकनके रिहाईसम हेरेबेर थारु समुदायकके माग मत्थर हुइल विल्गाइठ ।

यी यथार्थ हो कि टीकापुर थारु विद्रोहके जग नयाँ संविधान जारी पश्चात् खप्टल बा । अपन जग खप्टल अवस्थामे अब्बे प्रपञ्च हावी हुइल बा । ओ इतिहास सम्झना कोशिश हुई छोरल विल्गाइठ । संविधान संशोधनके विषय उठलेसेफे अन्ततः औचित्य पुष्टिके सवालसंगे टीकापुर थारु विद्रोह कुण्ठा अभिव्यक्तिके धरातल हुके ठरहयाइठ । विडम्बना, एक ठो गोलचक्करमे फँसके यात्रा करल सरह टुंगोमे नइपुग्न करके आन्दोलनके माग बेसुर बन्टी बटै ।

ढेरहे लागे सेकी की टे आ अपन स्वार्थ पुरा कैना मच्चना झड्का हुइना मने न्यायहे केन्द्रमे धारके कौनो भाष्य रचना करे नइसेक्गिल । चरणबद्ध आन्दोलनके हविगत हेरेबेरफे कौन भाष्यमार्फत् अपन सहयोगी निर्माण कैना विषय महत्वपूर्ण मानजाई कना लग्ना स्वभाविक बा । अर्थात् सन्देश थारु समुदायसे कुहीहे का डेना हो ? बुझ्न कठिन बा ।

खै लाल आयोग प्रतिवेदन ?

टीकापुर थारु विद्रोहके विषयमे वर्तमान शेरवहादुर देउवा नेतृत्वके सरकारसे समेत न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषणा करेबेर लाल आयोग प्रतिवेदन सार्वजनिक कैना विषय समेटल बा ।

ओसिक टे उ आघे संसदमे नेपाल सरकारके ओरसे केपी ओलीसे लाल आयोग प्रतिवेदन सार्वजनिक कैना वाचा करल रहे मने अन्तकालसम उ नुकागिल ।ं यिहीसे आशंका उत्पन्न कराइल बा, साथे टीकापुर थारु विद्रोह सल्टैना सरकारके आश्वासन तथा सरकारमे सहभागी हुइना अमूक दलहुकनके लाग बहाना प्राप्त हुइटी रहल बा ।

अइसिक आन्दोलन करुइया सडकमे विल्गैना ओ ओकर लाभ सरकारमे जाके और व्यक्तिसे उठैना हो कलेसे आन्दोलनसे इतिहास निर्माण कैना असमर्थ रहल बुझाई । कुछ समय आघे थाकस ओ ओकर नेतृृत्वमे रहल थरुहट थारुवान संयुक्त संघर्ष समितिसे छ बुँदे सहमतिफे करे भ्यइल । यी प्रचारबाजी ओ शौख पुरा कैना खेल आन्दोलनके दशा संकेत करटी ।

अलग–अलग सत्ताबिच हुइल संघर्ष

टीकापुर थारु विद्रोहके अपराधीकरण कैना खोजलेसेफे यी टे दुइ ठो अलग अलग सत्ताबिच हुइल संघर्ष बटैठै विश्लेषक सीके लाल । उहाँके कहाई बमोजिम तबसम यी राज्य थारुके विरुद्ध प्रपञ्च करटी जाई, जबसम थारुके अपन सत्ताप्रतिके विमुखता नइविल्गाइठ । मने, यिहीहे सहज रुपमे बुझैना हो कलेसे टीकापुर विद्रोहके कारण विविध रहलेसेफे कारक बरघर प्रणाली रहल बुझाइ बा । यम्ने आंशिक सत्यता रहल्सेफ राज्यके षड्यन्त्र जटरा नुकैलेसेफे नुकैना ठाउँ नइहो । राज्यसम्भ्रान्तहुक्रे बार बार यी विषयमे सार्वजनिक रुपमे मत जाहेर करसेकलै ।

संविधान सभाके वैठकमे तात्कालीन गृहमन्त्री बामदेव गौतम दक्षिणओरसे आइल अपराधिक समूहसे टीकापुरमे प्रहरीउपर संघातिक हमला करके मारल बटैलै । टबमारे, नेता प्रचण्डलगायत ओली ओ हाल देउवासमेत रेशम चौधरी निर्दोष रहल बटैटी आइल बटै । मने अदालत वैयक्तिकतामे उत्रल कारण कानुनके नौ सिंग भर जैसिक अनावश्यक दुःख डेना काम करटी रहल बटै । यिहीसे राज्यके थारुहुकनप्रति अख्तियार कैना नीति स्पष्ट बा ओ यिहे राज्य व्यवस्थामार्फत न्याय खोज्न हो कलेसे सिंगो थारु राष्ट्रियतासे निर्दोष रहल प्रमाण पुगाई पर्ना हो ।

इतिहास निर्माणके यात्रा

थारुहुक्रे टीकापुर विद्रोहहे इतिहास निर्माणके यात्रा बनाई चाहल बटै । टीकापुर थारु विद्रोहके घानमे परके एकजाने सशस्त्र थारु प्रहरी लगायत ८ प्रहरीके निधन हुइल रहे । यकर प्रमाण आन्दोलनकारीसे मारल कहल डेढ वर्षे बालक टेकवहादुर साउदके पोष्टमार्टम नइकरके लाश सद्गत करल घटनासे पुष्टि करठ । बाँकी प्रमाण घटनाके दुसर दिन अर्थात् भदौ ८ गते टीकापुरमे थारुके पसल ओ घर छान छानके कफ्र्युके बिच आगजनी करल प्रष्ट बा । अटरा हुकेफे स्थानीय ठाउँमे थारुहुक्रे सहिष्णुताके नाममे सद्भाव र्याली निकरना नौटंकी करलै । चुनाव आइल ओ चुनावमे सक्रिय सहभागिताफे देखैलै ।

स्थानीय तहमे कुछ जनप्रतिनिधि जिटके अइलेसेफे प्रतिनिधि सभामे समेत कैलालीसे रेशम चौधरी लगायत गौरीशंकर चौधरी ओ नारदमुनि राना जित हात परलै । मने राजनीतिक रुपमे यी प्रतिनिधि कहु कटै थारुके वास्तविक प्रतिनिधि बनल महसुस नइहुइल । अइनै टे केक्रो लाग टेको बनडेलै । मानौं, पुरे नेपालके विकृति ओ सुधारके जिम्मेवारी अइनके रहे । यी सक्कु बारबार दोहरैनाके कारण एक बटै । थारुहुक्रे अपन इतिहासहे असभ्यके कोटीमे रख्लै । ओ, सभ्य नागरिक बन्न आधुनिकताप्रति वफादार बन्लै ।

‘इतिहास कुछ नइकरी, यो कौनो भारी धन नइबोकी, यी कौनो युद्घ नइछेरी । यी मनै हुइट, वास्तविक जीवित मनै जे हो यी सक्कु करठ जे (धन) बोक्ठ ओ (युद्घ) लरठ; ‘ईतिहास’ (ओसिन) नइहो जैसिन रहे, एक व्यक्ति साथमे, मनैनहे यकर अपने उद्देश्य प्राप्तिके साधनके रूपमे उपयोग करटी; ईतिहास मनैनके अपने लक्ष्य पछ्यइना क्रियाकलापबाहेक कुछ नइहो (माक्र्स तथा एंगेल्स, द होली फ्यामिली, च्याप्टर छैठौं) ।

माक्र्सवादी साहित्यमे अइसिक इतिहासके अध्ययन गज्जबके बा । जौन वस्तुके ऐतिहासिकता ओ उपयोगिता रहल रहठ, उहे अस्तित्ववान ठहरठ । अइसिक कनाके अर्थ वर्ग संघर्षके ऐतिहासिकता ओ उपयोगिता दुनु रहल स्वीकार करल पाजाइठ । यथार्थ का हो कलेसे लेनिनके पालासम आपुगके राष्ट्रिय मुक्ति क्रान्तिके लाइन ओम्ने जोरके आइल । अब यी वर्ग संघर्षफे कौनो समय राष्ट्रिय मुक्ति आन्दोलनसंगे अग्रसर बन्टी नेपालके सन्दर्भमे माओवादी जनयुद्ध प्रचारित हुइल, जहाँ करिब ४ हजार थारुहुक्रे ज्यान गुमैलै ओ करिब ७ सय वेपत्ता बनागिलै । टबमारे गणतन्त्रके लाग आधार बनल ओ नेपाल संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्रात्मक राज्य घोषणा हुइल ।

सम्भ्रान्त शासक थारुबीच बेरबेर पैंठेजोरी

यहाँक सम्भ्रान्त शासक कैयो चो थारुसंग पैठेजोरी खोज्टि गइल । उहाँहुक्रे पहिल चो सप्तरीके भोलानाथ सुब्बा थारुसँग स्वायत्तताके सवालप्रति असहमत बन्टि संघर्षमे उत्रल । श्री ३ वीरशम्सेरसे अपन आसेपासेके लाग जमिनदारी विर्ता ओ बक्सिस डेके भोलानाथके जमिनदारी उपर गिद्दे नजर लगाके हुइल संघर्षमे अन्ततः शासक सम्भ्रान्त जितट मने ठीक ओकर ६५ वर्षपाछे राणाहुक्रे झोलीतुम्बा बोकके भारत पेलल रहे ।

राणाकालमे चौधरी (थारु) परिवार जत्रा कर असुली करके इमान्दारीपूर्वक दरवारहे बुझाइट, टबेमारे दरबार बलगर रहे । बाँकीहे उ कर बुझाइ नैपरे । अन्ततः दरबार कमजोर बन्टि आपसी कलहमे फसल । २००७ सालमे ओइनके जहानियाँ शासन अन्त्य हुइल ।

दोसर चो कमैया मुक्तिके लाग राज्यसम्भ्रान्त बाधक बनटहे ओ उहाँहुकनके प्रवृत्तिविरुद्ध कमैया आन्दोलन अग्रसरता लेहल । आश्रयविहीन बने पुगल कमैयाहुकनहे माओवादीके आडभरोसा मिलल ओ अपन मालिकविरुद्ध कमैयाहुक्रे विद्रोह करल । २०५७ साउन २ गते सरकार कमैया मुक्तिके घोषणा करना बाध्य हुइल । यिहे कमैया आन्दोलनके जगमे थारुहुक्रे जनआन्दोलनमे सहभागी बनलैं । अइसिक २ सय ५० वर्षसे लादल राजतन्त्र ढरकैना सघाइल ।

२०७२ मे तेसचो टीकापुर थारु विद्रोहके रुपमे संगठित हुके आइल । यिहिनसे थारुहुक्रे आब इतिहासके निर्माण कैसिक करहि कना हेर्न बाँकी बा । सचमे विगतके इतिहासके समीक्षा थारु आन्दोलनकारीसे करे सेकल यी बेर फेन नयाँ इतिहासके रचना हुइनामे विश्वास करे सेकजाइ ।

ओ, अन्तमे

टीकापुर थारु विद्रोह बरघर प्रणालीके जगमे हुइल सर्वविदिते बा । थारुहुकनके परम्परागत बरघर प्रणाली आब कैसिक थारुके नेतृत्व करना तयार हुइना कना विषय पहिल टुंगो लागेपरठ । दोसर, युवा समूहहे आत्मनिर्भर बनैना योजना एकीकृत रूपसे लागु करना सेकलेसे यिहिनसे भूमि तथा प्राकृतिक श्रोतके अनियन्त्रित दोहनप्रति हस्तक्षेप करे सेके । साथे यी राज्यके अस्तित्वमे थारुहुक्रे डेहल स्वीकृति फिर्ता करना उपरोक्त परिवेशसे क्षमता विकास करना सहयोग करे ।

विकल्पमे बरघरहे राज्यके सेवासुविधा प्रदान करना अधिकार सुम्पना ओरके यात्रा शुरु करना अपरिहार्य बा । हाल हैसियत गुमैटि गैल बरघर प्रणालीहे सबल ओ सुदृढ बनैना हो कलेसे यकर पुनर्गठन ओ पुनःएकीकृत बनाइ सेकेपरठ । यम्ने अन्तर्राष्ट्रिय घोषणा पत्र, महासन्धि ओ अभिसन्धिसे समेत सहयोगी भूमिका निर्वाह करे सेकठ ।

अन्य थप विकसित प्रक्रिया ओ प्रविधिके सहि उपयोग करटि थारुमे नयाँ विश्वास सिर्जना करना हो कलेसे स्वशासनके आधार बनाइ सेकजाइठ । तब किल थारु राष्ट्रियताके स्वशासन ओ स्वायत्तताके जगमे ठह्रियाइल थरुहट राज्यके भविष्य उज्यालो डेखाइ । टबेमारे, जगसे उठ्न कोसिस करे सेक्लेसे किल टीकापुर थारु विद्रोहके मर्म सही अर्थमे आत्मसात करना सेक्ना डेखाइठ ।

(लेखक थारु विद्यार्थी समाजके पूर्व अध्यक्ष हुइट् ।)

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