जनगायक जेबी टुहुरेके निधन

काठमाडौं, १० भदौ । जनगायक जुठबहादुर खड्की ‘जेबी टुहुरे’के निधन हुइल बा । टुहुरेके ७८ वर्षके उमेरमे बयोधा अस्पतालमे उपचारके क्रममे बिफेक रोज निधन हुइल हो ।
१ भदौमे कलंकीस्थित घरमे पक्षघात हुके गिलर उहाँहे परिवारके सदस्य तत्काल अस्पताल पुगैले रहैं । उपचारमे संलग्न डा. रोहन झाके अनुसार अस्पताल पुगाइटसम उहाँक मस्तिष्कमे रगत जम्नके साथे हातगोर चल्न छोरले रहिन ।
मुटु, फोक्सो, मधुमेह ओ उच्च रक्तचाप लगायतके दीर्घरोग रहल कारण शल्यक्रिया हुइ नैसेकल । ओ, उपचारके क्रममे उहाँक बिफेक रोज निधन हुइल हो ।
जनसांस्कृतिक महासंघके निवर्तमान अध्यक्ष सरल सहयात्रीके अनुसार दोसर संविधानसभा सदस्य समेत रहल टुहुरेके पार्थिव शरीर अन्तिम श्रद्धाञ्जलीके लाग दिनके साढे १ बजेसे २ बजेसम पार्टी कार्यालय पेरिसडाँडामे ढरजाइ । उहाँक आज पशुपति आर्यघाटमे अन्त्येष्टि करना बटागिल बा ।
के हुइट् जेबी टुहुरे ?
१५ कात्तिक २००१ मे धरानके पुरान बजारमे जन्मल जुठबहादुर खड्गी छोटेसे गीत गाइ लागल रहैं । २०२१ सालमे पिता कृष्णबहादुर खड्गीके निधन हुइलपाछे अपन नामके पाछे टुहुरे जोरल रहैं । उहाँ जेबी टुहुरेके नामसे चिन्हजाइट । २०२० के दशकसे कम्युनिष्ट विचारधारासँग लग्गे हुइल उहाँ २०२४ सालसे जनताके गीत गाइ लागल रहैं । उहाँक ‘आमा दिदी बहिनी हो, कति बस्छौ दासी भई ‘’ एकडम चर्तित बा ।
राजनीतिक रुपमे उहाँक आवद्धता माले, एमाले हुइटि पाछेक समय माओवादी केन्द्रमे रहे । दोसर संविधानसभामे माओवादी केन्द्रसे सभासद बनल उहाँ जनसांस्कृतिक महासंघके संरक्षक ओ माओवादीके सल्लाहकार हुइट् ।
२०७५ सालमे उहाँक नाममे जेबी टुहुरे फाउण्डेसन समेत स्थापना करल बा । फाउण्डेसनके अध्यक्ष उहाँक छाइ निर्भीका बटि ।
