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कोभिड टिसरा लहरमे बालबालिका ढेर जोखिम

पहुरा | ११ भाद्र २०७८, शुक्रबार
कोभिड टिसरा लहरमे बालबालिका ढेर जोखिम

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ११ भदौ ।
कोभिडके पहिल ओ दुसर लहरके सिकाईमे बालबालिकाहे कोभिड असर नइकरठ कना सैद्धान्तिक सोच रहे, मने समय अनुसार गलत सवित हुइटी गैल सेती प्रादेशिक अस्पतालके बालरोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप मिश्र बटैले बटै ।

धनगढी सम्वाद समुहके आयोजनामे विफेक रोज धनगढीमे हुइल एक कार्यक्रममे उहाँ पहिल चरणमे पाँच प्रतिशत ओ दुसरा चरणमे १० प्रतिशत बच्चामे कोरोना संक्रमण डेखा परल बा, अब्बेफे ढेर जैसिन बालबालिकाके लक्षण डेखा परे लागल बटैैलै ।

‘नेपालके सन्दर्भमे कना हो कलेसे कोरोना टेष्ट हुइलपाछे ढेर जैसिन बालबालिकाके लक्षण डेखा परल बा, उहाँ कहलै, मने प्रतिशतमे हेर्ना हो कलेसे कम मात्रमे केल अस्पताल भर्ना करल पाजाइठ ।’ कुपोषित, दिर्घरोगी रहल बच्चनहे ढेर कोरोना संक्रमणके जोखिम रहल उहाँ बटैलै । सुदूरपश्चिम प्रदेशके तथ्याङक हेर्ना हो कलेसे आउर प्रदेशसे कम नहइुई, कर्णाली प्रदेश जस्टे हमार यहाँफे दुब्बर ओ पुडकोपनके प्रतिशत ओस्टे–ओस्टे बा, यिहीसे कोरोना जोखिमफे बह्रठ ।

डा. मिश्र कहलै, बच्चामे डेखा पर्ना कोभिडके असर का हो टे ? कम सिङटम डेखापर्ना, आगिलेसे एक दिनके जुरी अइना, सर्दीखोखी, फलु मेरिक, मने चेकजाँच करेबेर कोभिड डेखा परटी गैल बा ।

यहाँ अभिभावकहे संक्रमण डेखा परलपाछे केल बच्चनहे चेकजाँच कैजाइठ, ओस्टेहे चेकजाँच कैना हमार प्रचलन कम बा रहल उहाँ कहलै । बच्चामे कोभिड संक्रमण हुइलेसे पोषणमे सिधा असर करठ, डाईबाबनमे साइकोलोजी असर परठ, बच्चामे कोभिडके सिङटम मिलठ कलेसे चेकजाँच कैना कहठी उहाँ कहलै, पोजेटिभ कम हुइल नइहो की चेकजाँच कम हुइल बा, मने लक्षण मिलल ढेर बच्चा चेकजाँचके लाग अइटी रहल बटै ।

बच्चनमे संक्रमण हुइलेसेफे दुध खैना बच्चनहे दुध चुसैटी रहलेसे संक्रमण कम करे सेक्ना उहाँक सुझाव रहल बा । ननकोभिडहे विस्राइल कारण सिकलसेल एनिमिया रहल कोभिडसे रानाथारु समुदायके दुई बालबालिकाहे सेतीमे उपचारके क्रममे गुमाइल उहाँ कहलै । बच्चामे रगत कम रहे, ओहोर ध्यान नइगैल टबमारे ननकोभिडहेफे विस्राई नइपरल उहाँ कहलै ।

डा. मिश्र कहलै,–‘कोभिड स्थापित हुसेकल यिहीहे निकारे नइसेक्जाई, यकर उपाय भ्यासिनेशन केल हो, शहरमे बेसी रोग डेखा परल, शहरमे मनै वेशी भ्याक्सिन लगैलै, यिहीसे एक दुसरमे रोग सर्ना क्षमता कम करली, यिहीहे निर्मुल नइकरले हुई, हमार शरिरमे भ्याक्सिनके असर कम हुईलेसे फेरसे डेखा परी ।’

अब्बेफे नबजात शिसुके मृत्यु दर कम करे नइसेक्ले हुई,अब्बे झन कोभिडके लक्षणसे मिलल जुरी अइना, रुघाखोकी हुइना, चिलैना, शरिरमे डाबरा अइना हेगनी लग्ना केस ढेर आइल डाक्टर कहलै । अब्बेफे डेल्टा प्लससे झन बच्चामे गनगन कैना, खैना मन नइलग्ना समस्या बह्रटी गैल बा, ओम्नेफे ध्यान डेहे नइसेक्लेसे कम तौल हुई सेक्ना ओरसे खाद्य सुरक्षाहे मध्य नजरकरे पर्ना उहाँक सुझाव बा ।

पहिल वेबमे सब जाने पिसिआर मेसिन केल किन्ली, दुसर वेबमे अक्सिजन सिलिण्डर किन्ली, आब बालमैत्री स्वास्थ्य सामाग्री ओ पोषणयूक्त खानामे ध्यान डेहे पर्ना उहाँ कहलै ।

सामाजिक विकास मन्त्रालय स्वास्थ्य महाशाखाके प्रमुख नरेन्द्रसिंह कार्की, पहिल, दुसर चरण हेरेबेर सिमानाका व्यवस्थित करे नइसेक्ली कोभिड एक ठो व्यक्तिसे जोरल बटैलै । एक ठो व्यक्ति जिम्मेबार बन्टी असल नागरिकके भूमिका निर्वाह कैना हो कलेसे ९० प्रतिशत कोरोना संक्रमणहे रोकथाम करे सेक्जाई, उहाँ कहलै, –‘व्यक्ति घोषणा करे परल, मै संक्रमित व्यक्तिके सम्पर्कमे रहु, मही नोक्सान हुइलेसे औरहे नोक्सान नइकरम कना जानकारी डेहे परल ।’

उहाँ कहलै, हमार ठेन ३५ सय सिलिण्डर बा, १ हजार अक्सिजन कन्सट्रेटर बा, अब हम्रहिन अक्सिजन सिलिण्डर, अक्सिजन कन्सट्रेटरसेफे बालमैत्री स्वास्थ्य सामाग्री, पोषणयुक्त खानाके आवश्यकता रहल बा । भारी ओ छोट मनै अब्बे मास्क लगाई परठ, आब बच्चाके लाग अलग मास्का आइपर्ना जरुरी रहल उहाँ बटैलै ।

बालबालिकामे जनचेतनाके कमी, परिवारसंग ढेर घुलमिल रहल कारण ओइने ढेर जोखिममे रहल कहटी अभिभावकसे ध्यान डेहे पर्ना बटैलै । कोभिड–१९ के सम्भावित टिसरा लहरके महामारीमे बालबालिकासहितहे हुइ सेक्ना संक्रमण रोकथाम, उपचार ओ नियन्त्रणके लाग सामाजिक विकास मन्त्रालय सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार द्रुत कार्ययोजना नन्टी रहल स्वास्थ्य महाशाखाके प्रमुख कार्की बटैलै । कार्ययोजनाके १५ करोड बजेट माग करल बा, पास हुइटीके द्रुत कार्ययोजना कार्यान्वयन हुइना उहाँ बटैलै ।

कार्यक्रममे यूएन डिपीके प्रमुख बैजन्ती गिरीसिंह, सुआहाराके प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र थापा, सिविन नेपालके पवन भण्डरी लगायत कोरोनाके टिसरा लहरके संक्रमण कम कैना जनचेतनामे ध्यान डेहे पर्ना बटैलै । कार्यक्रमके सहजीकरण संवाद समुहके कर्ण शाह करले रहिट ।

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