थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ वि.सं १ असार २०८२, आईतवार ]
[ 15 Jun 2025, Sunday ]
‘ थारु समुदायसे अष्टिम्की विसर्जन ’

अग्रासनसे भाइचाराके सम्बन्ध प्रगाढ

पहुरा | १५ भाद्र २०७८, मंगलवार
अग्रासनसे भाइचाराके सम्बन्ध प्रगाढ

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ भदौ ।
थारु महिलाहुक्रे सामुहिक रुपमे सोम्मार ओ मंगरके अष्टिम्की मनैले बाटै ।

प्राचीन परम्परा अनुसार कन्हैयाके जीवनीचित्रमे पहिल दिन पूजा अर्चना ओ दुसर सकारे अपन पायक पर्ना लदयम अष्टिम्की विसर्जन करके थारु समुदाय टमान ठाउँमे सामूहिक रुपमे अष्टिम्की मनागिल बा ।

सोम्मारके रोज महिलाहुक्रे मौलिक पोशाकमे सजल डिया, अगरबत्ती, जल, सेन्दुर, केरा, खिरा, लरंगी, अम्रुट, चाउर लगायतके सामाग्रीके प्रयोग कन्हैयाके जीवनीसंग जोडल पाण्डव, बासुदेव, राधा, गोपिनी, कंश, सुर्य, जोन्हया, सपुवा, मच्छी, गेंगटा, गोहुवा, कुकरा, बन्दरा, गैया, मजोर, डाँफे, मजोर, पानी, लाउँ, बोट विरुवा, मकै, धान, घुनेसर फुलके पुजा करल हुुइट ।

थारू समुदायके कृष्णभक्तिके रुपमे मनैना अष्टिम्कीके मौलिकता हेरैटी गैल बेला सामुहिक रुपमे मनैना प्राचीन परम्पराके पुर्नजागरण हुइल थारु कल्याणकारिणी सभाके पूर्व केन्द्रीय सह मन्त्री इन्दिरा चौधरी बटैली ।

आधुनिकताके छाँही बढटी गैल थारू युवा पिंढी पौराणिक कला सिखे नैसेकल कारण थारू समुदायमे कृष्णके जीवनीचित्र बनैना परम्परा लोप हुइना अवस्थामे पुगल उहाँ कहली ।

कतिपय ठाउँमे चित्र बनाई नाइजाके बजारमे मिल्ना फोटुमे पूजा कैना कैना चलन बह्रटी गैल मे आब ढेर ठाउँमे चित्र बनाके सामुहिक बनैना सुरु करल ओरसे परम्परा लोप हुइना संस्कृति बच्ना पूर्व केन्द्रीय सहमन्त्री चौधरी विश्वास व्यक्त करली ।

थारु समुदायमे भाइचाराके भावना हेरैटी गैल ओरसे थारु बासोबास रहल गाउँक सामुदायिक भवनमे चित्र बनाके सामुहिक अष्टिम्की टिक्ना कार्यक्रमके आयोजना करल सभा कैलालीके उपसभापति माधव चौधरी बटैलै ।

ओस्टेक धनगढी उपमहानगपालिका–५ मे जाईके देउथानमे सामुहिक अष्टिम्की करल टिक्ना कार्यक्रमके आयोजना करल भल्मन्सा कुलविर चौधरी बटैलै ।

सामुहिक रुपमे अष्टिम्की मनाई बेर सामाजिक सम्बन्धमे विकास हुइनाके साथे सामाजिक मेलमिलाप आउर प्रगाढ हुइना थारु महिला सभाके जिल्ला अध्यक्ष दुर्गा कुश्मी बटैली ।

अष्टिम्कीके ब्रत रहुइयाहुकनके साँझके काँढल फलफूल ओ सकारेक काँढल भात, टिना अपन चेलीहुकनके अग्रासनके रुपमे डेती यी सालके अष्टिम्कीहे विदा कैगिल बा ।

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