थारु राष्ट्रिय दैनिक
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बर्किमार, रामबिहग्रा ओ गुर्बाबक् जन्मौटिमे विद्यावारिधि

पहुरा | १८ भाद्र २०७८, शुक्रबार
बर्किमार, रामबिहग्रा ओ गुर्बाबक् जन्मौटिमे विद्यावारिधि

पहुरा समाचारदाता
काठमाण्डौ, १८ भदौ ।
दाङके एमपी (मेखप्रसाद) खरेल थारु लोककाब्य बर्किमार, रामबिहग्रा ओ गुर्बाबक् जन्मौटिमे विद्यावारिधि (पिएचडि) कर्ले बटाँ ।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभागसे गैल अटवारके उहाँक् अन्टिम भाइभा हुइलिन् । थारु लोककाब्य बर्किमार, रामबिहग्रा ओ गुर्बाबक् जन्मौटिके बिस्टृट ब्याख्या उहाँक थेसिसमे बटिन् ।

कुछ काम नैकैके खालि पिएचडिके पह्राइमे लागलमे फेन साढे चार बरसमे किल अध्ययन पुरा हुइल खरेल बटैलाँ । कोरोना महामारीके कारन थेसिस बुझैनामे ढिलाइ हुके फेन समय लागल उहाँक कहाइ रहे । उहाँ अध्ययनके लग युजिसि (युनिभर्सिटि ग्रान्ट कमिसन)से छात्रवृत्ति पैले रहिंट ।

उहाँक कहाइ अन्सार डंगौरा थारु लोकसाहित्य बहुट ढनि रहल ओर्से अभिन बहुट बिसयमे पिचएडि करे सेक्जैना अवस्ठा बा । यम्ने थारु समुडायके युवालोग लग्ना चाहि ।

खरेलके नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानसे गुर्बाबक् जन्मौटिके नेपाली, थारु ओ अंग्रेजी संस्करन प्रकासोन्मुख बटिन । उहाँ अपन थेसिस प्रकाशन कर्ना फेन जनैलाँ ।

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