सभामुख अर्जुन थापाके पद धरापमे

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ भदौ । नेकपा एमालेसे सुदूरपश्चिम प्रदेश सभामे सभामुख अर्जुनबहादुर थापा पार्टी बिभाजनपाछे तटस्थ रहना कहटी कौनो पार्टीमे नैखुल्लै । इहीसे आघे माधव नेपाल पक्षमे रहल थापा नेपाल नेतृत्वके नयाँ दल नेकपा एकीकृत समाजवादीके पक्षमे सनाखत नैकरलै ।
सभामुख थापासे पार्टी परित्याग कैके पाँच बरसके लाग तटस्थ भूमिकामे रहल कौनो पार्टीके पक्षमे नैरहल बटैलै । ‘मै कौनो पार्टीके पक्षमे लागे पर्र्ना अवस्था नैहो । सरकार बन्न ओ बनाइक लाग मोर एक भोटसे अर्थ रख्ना अवस्था फेन नैहो,’ उहाँ कहलै, ‘काहे कि २६–२६ जाने सांसद बिभाजित होके सरकार बन्ना नैडेखजाइठ् । जौनसुके दलके नेतृत्वमे सरकार बन्लेसे फेन गठबन्धनके सरकार बन्ना डेखजाइठ् । ओहेमारे फेन मोर एक भोटके अर्थ नैहो ।’
नेकपा एकीकृत समाजवादीके पक्षमे नैखुलल् अवस्थामे उहाँ स्वतः एमालेके पक्षमे रहल समाजवादीके नेताहुक्रनके बुझाई रहल बा । समाजवादीके एक नेताके अनुसार सभामुखके पद बच्ना ओ नैबच्ना ओहकान भूमिकामे निर्भर रही । उहाँ पक्षधरता डेखैलेसे सभामुख पद धरापमे पर्ना बा ।
प्रदेश सभा ५२ जाने सदस्य मध्ये समाजवादीसंग १४, माओवादी केन्द्रसंग १३, काँग्रेससंग १२, जसपे एक सदस्य रहल बाटै । चार दलसंग ४० जाने सदस्य रहल बाटै । सभामुखसे हटैना दुई तिहाई सांसदके समर्थन चाहठ् । नेकपा एमाले बाहेकके दलसे इ बेला दुई तिहाई मत बा ।
एमालेसंग १० जाने सदस्य रहल बाटै । ओ उहीहे लोसपाके साथ रहना डेखजाइठ् । इ अवस्थामे थापाके भूमिकासे ओहकान सभामुख पद रहना वा नैरहना तय कैना समाजवादीके नेता बटैलै ।
