जनगणना फाराममे थरके पाछे थारू लेखैना थारू अगुवानके सुझाव

काठमाडौं, ५ कुँवार । राष्ट्रिय जनगणना २०७८ मे थारु समुदायसे आपन थरके पाछे अनिवार्य रुपमे थारू लेखैना थारू अगुवाहुक्रे सुझाब डेले बाटै ।
सोम्मारके काठमाण्डौंमे थारूभाषाहे सरकारी कामकाजके भाषा, राष्ट्रिय जनगणना ओ समावेशीता विवषयक छलफल कार्यक्रममे आयोगके पदाधिकारीहुक्रे २०६८ सालके जनगणनामे थारू समुदायके सही तथ्यांक नैआइल कहटी २०७८ सालके जनगणनामे वास्तविक तथ्यांकके लाग ओइसीन सुझाब डेहल हुइट । गणकहुक्रे घरदैलोमे फाराम लेके आइलमे सक्कु जाने थरके पाछे अनिवार्य ‘ थारू’ लेख्न अगुवाहुक्रनके सुझाब रहल बा ।
आयोगके अध्यक्ष विष्णुप्रसाद चौधरी थारू भिट्रे टमान उपथर रहल ओ उ अनुसार फाराम भरेबर थारू ओ गैर थारू छुट्याइना समस्या हुइना करल बटैलै । थारू समुदायसे चौधरी लेखाइबर मरवाडी ओ अन्य समुदाय फेन चौधरी लेखैना करल उहाँ बटैलै । कुश्मी, बडायक, महतो, राजवंशी लगायतके थर लेखाइबर थारूनके यकिन तथ्यांक अइना समस्या हुइना करल उहाँके कहाइ रहे । इ बेरके जनगणनामे सक्कु जाने थरके पाछे अनिवार्य थारू लेखैलेसे थारूनके एकिन लगत अइना उहाँ विश्वास व्यक्त करलै ।
उक्त कार्यक्रमे थारू समुदायके अगुवाहुक्रे थारू बहुल प्रदेशमे थारूभाषाहे सरकारी कामकाजी भाषाके रुपमे प्रयोग कैना फेन माग करले बाटै । भाषा आयोगके विज्ञ सल्लाहकार प्रा.डा. दानराज रेग्मी भाषा नै पहिचानके आधार रहल ओरसे भाषा सिफारिसप्रति सक्कु समुदायके चासो बह्रल बटैलै । भाषा आयोगसे प्रदेशस्तरमे भदौ २१ गते ११ ठो भाषाहे प्रदेशमे सरकारी कामकाजी भाषा बनैना मेरके सरकारहे सिफारिस करेबर सक्कु जनहनके चासो डेखल उहाँ बटैलै ।
थारूभाषा चौथो बरवार भाषा रहल ओ वक्तासंख्या फेन अधिक रहल ओरसे भाषा आयोगसे लुम्बिनी ओ सुदूरपश्चिम प्रदेशमे थारू भाषाहे सरकारी कामकाजी भाषाके रुपमे सिफारिस करल उहाँ बटैलै । प्रदेश २ ओ प्रदेश १ मे फेन थारू भाषा वक्ता ३ प्रतिशत ढिउर रहल ओरसे वहाँ फेन थारूभाषाहे कामकाजी भाषा बनाइ पर्ना माग बह्रे लागल उहाँ बटैलै । मने आयोगसे २०६८ के जनसंख्या ओ वक्ताके आधारमे भाषा सिफारिस करल उहाँ प्रष्ट परलै ।
थारू आयोगके सदस्य सुबोधसिंह थारू भाषा नै मुख्य पहिचान रहल ओरसे यकर संरक्षणमे सबके ध्यान जैना आवश्यक रहल बटैलै । थारू आयोगसे भाषा मानकीकरणमे फेन सहयोग कैटी आइल ओ आगामी दिनमे थारूभाषा मानकीकरणके काम फेन सम्पन्न हुइना उहाँ जानकारी डेलै । राज्यके निकायमे आभिन आरक्षणके रुपमे थारू कोटा छुट्याइना सरकारसे आनाकानी करटी रहल ओरसे संविधानके व्यवस्थाअनुसार आरक्षण सुनिश्चित कैना आवश्यक रहल उहाँ बटैलै ।
२०५८ सालके जनगणनाअनुसार थारू भाषाके वक्ता संख्या १३ लाख ३१ हजार ५४६ रहल रहे । २०६८ मे आके वक्ता जनसंख्या १५ लाख २९ हजार ८७५ पुगल ओ २०७८ सालके जनगणनाके काम शुरु हुइल कुछ समयपाछे सही तथ्यांङ्क अइना भाषाविज्ञ डा. रेग्मी बटैलै ।
कार्यक्रममे आयोगके सदस्य उमाशंकर चौधरी राज्यके निकायमे थारू समावेशी प्रतिनिधित्वबारे कार्यपत्र प्रस्तुत कैटी राज्यके निकायमे थारूनके प्रतिनिधित्व न्यून रहल बटैलै । राज्यके निकायमे थारूहुक्रनके सहभागिता सुनिश्चित् कैना पूर्ण समावेशी सिद्धान्त लागु करे पर्ना ओ थारू समुदाय स्वयम् सचेत हुइ पर्ना बटैलै ।
तथ्यांक विभागके अधिकृत निराजन शर्मा जनगणना लेना प्रक्रिया ओ तयारी बारे जानकारी कराइल रहिट । जनगणना २०७८ लेनाक्रम शुरु हुइल ओरसे थारू समुदाय आपन एकिन लगत डेके गणकहुक्रनहे सहयोग करे पर्ना उहाँ बटैलै ।
आयोगके अध्यक्ष विष्णुप्रसाद चौधरीके सभापतित्वमे हुइल कार्यक्रममे थारू अगुवाहुक्रे भुलाई चौधरी, कुछतनारायण चौधरी, एकराज चौधरी लगायत आपन धारणा राखल रहिट ।
