थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 27 Apr 2025, Sunday ]

घर, स्कुलिम चित्रकला

पहुरा | १० आश्विन २०७८, आईतवार
घर, स्कुलिम चित्रकला

अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालय धनगढीसे कञ्चनपुर जिल्लामे सञ्चालित स्थानीय समुदायहे सचेत परटि जिम्मेवार निकायहे जवाफदेही बनैना विद्यालय स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता करले बा ।

कञ्चनपुर कृष्णपुर नगरपालिकाके कृष्ण माध्यमिक विद्यालयमे गठित बालअधिकार चेतना समुहसे प्रतियोगितामे कक्षा छ से आठसम अध्ययनरत २५ जाने स्कुलियन सहभागि रहिट ।

चित्रकला प्रतियोगिता अन्तर्गत स्कुलियनहे अपन स्कुलिक चित्र बनाइ लगा जा गइल रहे । वास्टवमे लर्कापर्कन सिर्जनसिल बनाइक लग चित्रकलामे रुचि जगैना जरुरि बा । घरहि फेन खेलेबेर लर्का ढुरिम मेरमेरिक आकार बनाके खेल्ठाँ ओ रमैठाँ । अपन घर, घर जैना डगर, घरक् वरपर बिल्गैना रुखबरिख, मुर्गि चिङ्ना लगायट डिरिस्य ओइनके आँखिम नच्ठिन । ओइने उहे चित्र बनैठाँ ।

थारु समुदायमे चित्र बनैना ओटरा माहोल नैहो । पस्चिउँहा थारु समुडायमे अस्टिम्किम् किल लर्का चित्र बनाइ पैठाँ । डुठेहरु लर्कापर्का बर्का अस्टिम्कि बनैटि रलक हेर्के छुटकि अस्टिम्कि बनैठाँ । इ बाहेक चित्र बनैना अभ्यास नैहो । मैथिली चित्रकला अट्रा आगे जा सेकल, मने थारु चित्रकला उपर उठे नै सेक्ठो । थारु समुडायके चित्रकार आइ नै सेक्ठुइट ।

कमैया पृस्ठभुमिसे अइलक कैलालीक् मित्थु थारु अजकल थारु चित्रमे फड्को मर्ले बाटैं । उहाँ चित्र बनाके बहुट पुरस्कार जिट सेक्ले बाटै । दाङ चखौरा लगायट थारु संग्रहालयमे उहाँक् मुर्तिकला डेखे सेक्जाइठ । उहाँहे आजकल कामके चापाचाप बा । चित्रसे मजा कमाहि कर्टि बाटैं ।

सबजे मित्थुहस मजा चित्रकार भल्हि नै बने सेक्ठाँ । मने लर्कापर्कन छोटहिसे सिर्जनसिल काम सिखाइ सेक्लेसे आपन अपन समुडायके वकालट ओइने बहुट पाछेसम करे सेक्ठैं ।

लर्कन सिर्जनसिल बनैना चित्र मजा माढ्यम हो । अभिभावकलोग ओइन लग स्कुलिम पह्रना पोस्टा किल नाहिं, चित्र बनैना सरसमान फेन लान्डि । अपने बनाइल चित्रसे कोन्टि सजैना ओइन मौका डि । भविस्यके पिकासो, लैनसिंह बाङ्देल ओइनहे हुइट ।

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