सुदूरपश्चिममे मानवाधिकारके अवस्था चिन्ताजनक

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ कुवाँर । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे मानवअधिकारके अवस्था चिन्ताजनक रहल पाइल बा ।
राष्ट्रिय मानवअधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयसे सार्वजनिक करल वार्षिक पुस्तिकामे प्रदेशके मानवअधिकारके अवस्थामे सुधार हुई नइसेकल जनाइल हो । ‘प्रदेशमे अविकास, विभेद, गरिवी, अभाव जैसिन विषयसे नागरिकहुकनके सम्मानपूर्वक बा“चे पैना अधिकारमे हस्तक्षेप हुइटी गैल बा’ उ पुस्तिकामे कहल बा ।
‘पछिल्का समयमे हत्या, जवरजस्ती करणी, आत्महत्या, लागूऔषध, महिला हिंसा लगायतके अपराधिक घटना बढटी जैटी रहल विल्गाइठ ।’ आयोगके अनुसार कोभिड महामारीके कारण समग्र मानवअधिकार उपयोगमे गम्भीर चुनौती रहल आयोगके प्रमुख मोहनराज जोशी बटैलै ।
उहाँ कहलै –‘प्रदेशके नागरिकहुकनके बाँचे पैना अधिकार, शिक्षा, रोजगारीके अधिकारमे समस्या डेखल बा ।’ महामारीके कारण आर्थिक वर्ष २०७७/७८ मे तीन घर भोकमरी, प्रदेशमे तीन हजार ढेर अपराधके घटना, छ सय ८० व्यक्तिहुक्रे आत्महत्या ओ नौ सय ढेर महिला हिंसाके घटना घटल उहाँ बटैलै ।
आयोगमे मानवअधिकार संरक्षणसम्बन्धी ९० ठो उजुरी कारबाही प्रक्रियामे रहलमे आर्थिक वर्ष २०७७/७ मे आठ ठो मूल दर्ता कितावमे दर्ता करल ओ ३४ ठो सुधार दर्ता करके कारबाही आघे बढाइल जनाइल बा ।
आयोगसे महिला हिंसा, न्याय प्रशासन वातावरण, बालअधिकार, स्वास्थ्य अधिकार लगायतके ७० ठो उजुरीमे परामर्श ओ सुझाव डेहल उल्लेख बा ।
आयोगसे भारी महासन्धी अन्र्तगतके टमान थिमके बेकलग केशसमेत करके ४३ ठो अनुसन्धान सम्पन्न करले बा कलेसे नागरिक तथा राजनीतिक अधिकार, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, यातनाविरुद्ध, महिलाहिंसा, बालअधिकार लगायतके ७५ ठो उजुरीके निर्णयके लाग केन्द्रिय कार्यालय पठाइल रहे । आयोगसे १२ ठो वार्षिक स्वीकृत कार्यक्रम अन्र्तगत ओ १४ चो आक्स्मिक अनुगमन करल रहे ।
बिफेक रोज धनगढीमे आयोजित कार्यक्रमहे सम्बोधन करटी सामाजिक विकास मन्त्री लालबहादुर खडकासे प्रदेशमे मानवअधिकारके विशिष्ठ समस्या यथावत रहल बटैलै ।
‘छुवाछुत, छाउपडीप्रथा, कमैया प्रथा, हलियाप्रथा लगायतके समस्या प्रदेशमे अभिन कायमे बटै’ मन्त्री खडका कहलै –‘समस्याहे न्यूनिकरण कैना सक्कु वर्ग, समुदाय, लिङ्ग, राजनीतिक दल, अधिकारकर्मी लागे परठ ।’
मन्त्री खडका प्रदेशहे अभिनफे छाउपडीके प्रथा कहना करल बटैलै । कैलाली प्रमुख जिल्ला अधिकारी खगेन्द्रप्रसाद रिजाल संक्रमणकालिन घटनाके पीडितहुक्रे अभिन न्याय पाई नइसेकल बटैलै । उहाँ कहलै –‘सरकारसे द्वन्द्वकालमे प्रभावित परिवारहुकनके यकिन विवरण अभिनसम टुङ्गो लगाई नइसेकल हो ।
जेकर कारण हत्या, वेपत्ता, बलात्कार लगायतके घटनासे प्रभावित परिवार अभिनफे पीडामे बटै ।’ प्रमुख जिल्ला अधिकारी रिजाल जिल्लामे मानवअधिकारके संरक्षण, प्रवद्र्धनके लाग प्रशासन प्रतिवद्ध रहल बटैलै ।
आयोगके प्रमुख मोहनराज जोशीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे राजनीतिककर्मी, अधिकारकर्मी, सञ्चारकर्मी लगायतके सहभागिता रहल रहे ।
