थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १८ असार २६४९, बुध ]
[ वि.सं १८ असार २०८२, बुधबार ]
[ 02 Jul 2025, Wednesday ]
‘ कोरोनासे ठला परल होमस्टे ’

सञ्चालक कहठै– ‘पहिले पाहुना स्याहार्न हम्मेहम्मे रहे, अब्बे महिनौ अशरा लागे परठ’

पहुरा | २२ आश्विन २०७८, शुक्रबार

प्रेम चौधरी

कैलाली, २१ कुवाँर । कैलालीके लम्कीचुहा नगरपालिका–३ स्थित बसेरा थारु होमस्टे बल्चौरके घर नम्बर ५ के सञ्चालक किशोर थारुहे दुई वर्षआघेसम पाहुना स्याहार्न हम्मेहम्मे हुइ । पाहुनाहुकनके स्वागत सत्कार उहाँक दिनचर्या रहे । मने, पछिल्का समय उहाँक दैनिकीमे परिवर्तन आइल बा । उहाँ अब्बे पाहुनाके स्वागत सत्कार करे नइपरठ ।

                मुक्तकमैया परिवारके किशोरके जिविकोपार्जनके प्रमुख माध्यम नै होमस्टे सञ्चालन रहे । पाहुनाके सेवा सत्कार करलबापत पैना सेवा शुल्कसे गुजारा चलल रहे । मने, कोरोना महामारीसे आजकाल्ह होमस्टे सुनसान बा । किशोर एक पात्र केल नइहुइट । किशोरके जस्टे अवस्था प्रायः यहाँके सक्कु होमस्टे सञ्चालकके बा । कोरोना प्रभावके कारण करिब दुई वर्षयहोर मजासे होमस्टे सञ्चालन हुई नइसेक्के  सञ्चालकहुकनके गुजाराके माध्यम सुखल बा ।

                किशोर कहठै– ‘पहिले दैनिक जैसिन पाहुनाके आवागमन हुइटी रहे । कबु कबु पाहुना स्याहार्न हम्मेहम्मे रहे । अपने उत्पादन करल वस्तुके खपत हुए । स्थानीय कला संस्कृतिबारे औरहे जानकारी डेहे सेकी । स्थानीय साधन स्रोतके अधिकतम प्रयोग हुए । नियमित आम्दानीफे हुए । मने, कोरोना महामारीसे हमार रोजीरोटी प्रभावित हुइल ।’

                किशोर अपन गोसिनीयसे होमस्टे व्यवसायमे लागल बटै । किशोर कहठै– होमस्टे सञ्चालन हुइलपाछे दुई महिना मजै आम्दानी हुइल । मासिक ४० से ५० हजार रुप्याके कारोबार हुजाए । उहाँ थप्लै– ‘बामे सरटी रहल होमस्टे सुरुवाती अवस्थामे दुई/दुई पटकके कोराना लहरसे प्रभावित हुइलपाछे अब्बे पाहुनाके असरा लग्ना महिनौ लागल अवस्था बा ।’

                ऋण लेके सञ्चालनमे नानल होमस्टे दुई महिना नइपुग्टी कोरोनासे थला परलपाछे बहुट मारमे परल बसेरा होमस्टे सञ्चालक सदस्य दीपु चौधरी बटैठै ।

                ‘बहुट दुःख करके संरचना बनाके २०७६ माघ २७ गतेसे होमस्टे सञ्चालनमे नन्ली,’ सञ्चालक चौधरी कहलै– ‘शुरुमे दैनिक ५० से ७० जानेक हाराहारीमे आन्तरिक पर्यटक अइना करल रहिट । मने, सञ्चालनमे आइल दुई महिना नइपुग्टी कोरोनासे प्रभावित हुई पुगलपाछे अब्बे होमस्टेमे पाहुना असरा लग्ना महिना दिन लागल अवस्था बा ।’

                बसेराके घर नम्बर २ के सञ्चालक दीपक कहलै– ‘०७६ चैत ११ गतेसे पहिल बार लकडाउन सुरु हुके होमस्टे बन्द हुइल । सरकारसे लकडाउन खुकुलो बनाइलपाछे अवस्था सहज हुइटी जाके हम्रेफे स्वास्थ्य मापदण्ड अपनाके फेरसेः होमस्टे सञ्चालनमे नन्ले रही ।’

लम्कीचुहा नगरपालिका–३ स्थित बसेरा थारु होमस्टे ।

                उहाँ थप्लै– ‘दिनमे ५ से ७ जनहनसम आन्तरिक पर्यटक अइटी रहिट । मने दुसरा  चरणके कोरोनासे होमस्टे पूर्णरूपमे सुनसान हुइल बा ।’

                ‘बसेरा थारु होमस्टे’ लोकल मुरगी, कर्णालीके मच्छरी, महुवाके डारु, अन्दी चाउरके भात, ढिक्री लगायत थारु परिकार विशेष रुपमे पस्कना करल बा ।  

                कैलालीके लम्कीचुहा नगरपालिका वडा नम्बर ३, बल्चौर मुक्तकमैया शिविरमे ३०५ घरधुरी बटै । उ मन्से सात घरमे होमस्टे सञ्चालन हुइल बा । उ होमस्टे कर्णाली चिसापानी पर्यटन क्षेत्रसंगे राजमार्गसंग जोरल बा ।

                सुदूरपश्चिम प्रदेशके उद्योग, पर्यटन, वन तथा वातावरण मन्त्रालयके अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे १३ ठो होमस्टे दर्ता हुके सञ्चालनमे बटै । पछिल्का करिब दुई वर्षयहोर कोरोना महमारीसे आगन्तुकहुकनके आवागमन रोकलपाछे कैलाली, कञ्चनपुर लगायत पहाडी पाँच जिल्लामे सञ्चालित होमस्टे सुनसान जस्टे हुइल बाटै । अब्बे अवस्था सहज बन्टी गैलपाछे होमस्टे पुनः सञ्चालनमे नानके पाहुनाके स्वागत कैना आतुर हुइल होमस्टे सञ्चालकहुक्रे बटैलै ।

                कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–१६ मे रहल थारु सामुदायिक होमस्टे गाउँ भादाके घर नम्बर २ के सञ्चालक पुनाराम चौधरी पाहुनाके स्वागत सत्कार कैना  हप्तौ दिन कुरे पर्ना अवस्था रहल बटैठे ।

                ‘कोरोना महामारीआघे हरेक दिन पाहुनाहुकनके स्वागत सत्कारमे बिटे,’ पुनाराम कहलै– ‘होमस्टेसे मासिक १५ से २० हजार रुप्यासमके आम्दानी हुइना करल रहे । होमस्टेके आम्दानीसे घरके आर्थिक अवश्यकता पुरा करे सेक्ना स्थिति रहे । खेतबारीके मलजल किन्न, बालबच्चाहुकनके पढाई लिखाईमे टेवा पुगल रहे ।’

                कोरोना महामारीके कारण होमस्टेमे पाहुनाके अगमन पाटिरहुइलपाछे पहिले जस्टे आम्दानी नइहुइल सञ्चालक पुनाराम बटैलै । ‘होमस्टेके अवलोकन करे आइल पर्यटक तथा पाहुनाहुकनहे थारू संस्कार, संस्कृति अनुसारके टमान परिकारके स्वाद चखाके स्वागत करल रही, मने अब्बे ओसिन अवसर बहुट मिलटा,’ उहाँ कहलै ।

                थारू होमस्टे गाउँ भादा पर्यटन विकास तथा व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष तथा वडा नम्बर १६ के वडाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण चौधरी कोरोनासे प्रभावित होमस्टेहे स्वास्थ्य सुरक्षाके मापदण्ड पालना करके फेर सञ्चालनमे आसेकल बटैलै । उहाँ कहलै, अब्बे २० घरमे होमस्टे सञ्चालनमे बटै, सुरुवाटमे १३ घरमे होमस्टे रहे, उहीहे बढाके  २० पुगाइल बा । 

                ‘थारू होमस्टे गाउँ भादा थारू जातिके कला संस्कृति, भेषभुषाके धरोहर मानजाइठ,’ वडाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण कहलै– ‘उहे रैथाने कला संस्कृति, भेषभुषा, खानपानके जगमे टेक्के २०६७ सालमे स्थापना हुइल रहे ।’

                धनगढी बजारसे १७ किलोमिटरके दूरीमे रहल भादा थारू जातिके विशुद्ध बसोबास रहल वस्ती हो । जिल्लामे पहिल होमस्टे हुइल कारण आन्तरिक तथा बाह्य पर्यटकहुकनके आर्कषण बढटी गैल रहे । अध्यक्ष चौधरी कोरोनासे थला परल पर्यटन व्यवसायके फेर प्रचारप्रसार करडेना सरकारके दायित्व रहल बटैलै । 

                थारू होमस्टेमे मौलिक परिकार ढिक्री, खरिया, फुलौरी, अण्डीक भात, खुर्मा, पनझझरा, कचरिक् बरिया, घोंघी, गंगटा, सुटही, मुसुवक सेकुवा, सिधरा मच्छी, महुँवाके डारु, चारके डारु ओ अण्डी जाँरके झोललगायत थारू खानपानसे  पर्यटकहुकनहे स्वागत करटी आइल बा ।

                ‘पाहुनाहे मनोरन्जनके लाग झुम्रा, सखिया, लाठी नाँच देखैना व्यवस्था करले बटी कलेसे होमस्टे लग्गे धार्मिक पर्यटकीय क्षेत्र बेहडाबाबा, जोगिनीय ताल, रमणीय क्षेत्र कोइलही ताल घुमे चहुइया आन्तरिक तथा बह्रिया पर्यटकके लाग बयलगाडा (लहरू) के व्यवस्था फे करले बटी,’ वडाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण कहलै ।

                थारु होमस्टे गाउँ भादाके व्यवस्थापक सन्तकुमार चौधरी कोरोनापाछे आन्तरिक पर्यटकहुकनके केल आगमन हुइल बटैठै ।

                कोरानाके कारण लम्कीचुहा–३ स्थित बसेरा होमस्टे ओ धनगढी उपमहानगरपालिका–१६ मे रहल भादा होमस्टे केल धरासायी बनल नइहो, घोडाघोडी ताल क्षेत्रके पर्यटन विकासके लाग कैलालीके घोडाघोडी नगरपालिका–४ मे रहल माघी होमस्टे थारु गाउँके अवस्थाफे ओस्टे बनल बा ।

                ‘साँझपख आन्तरिक तथा बाह्रय पर्यटकके अगमनसे गाउँघरमे चहलपहल विल्गाए, पर्यटकहे मनोरञ्जन डेना रोजना स्थानीय नाँचगान हुइना करे,’ होमस्टेके पूर्वाध्यक्ष शोभाराम चौधरी कहलै– ‘मने अब्बे सक्कु सुनसान जस्टे हुइल बा ।’

                ‘कैलालीके घोडाघोडी ताल ओ आसपासके ठाउँमे घुमे अइना पर्यटक माघी होमस्टे पुगिट,’ उहाँ कहलै– ‘पाहुनाहुक्रे गाउँ परिवेशमे घुलमिल हुइट, थारु नाँचगान हेरिट ओ स्थानीय कला, संस्कृति, थारु परिकारमे रमाइट ।’

                लकडाउनके कारण होमस्टे प्रभावित हुके दुई वर्षयहोर पर्यटकके अगमन कम हुइलसंगे गाउँघरमे नाँचगानफे हुई छोरल बा उहाँ कहलै ।

                माघी होमस्टे थारु गाउँ घर नम्बर ४ के सञ्चालक समेत रहल शोभाराम अब हप्ता दिनपाछे व्यक्तिके सम्पर्कमे मात्र दुई÷तीन जाने पर्यटक आइल बटैठै । 

                माघी होमस्टे थारु गाउँ घर नम्बर ५ के सञ्चालक प्रेमबहादुर चौधरी पर्यटकहुकनहे  स्वागत करे नइपाइल करिब ६ महिना हुइना लागल बटैठै । ‘पहिले होमस्टे सञ्चालनसे मासिक १५ से २० हजार रुप्या आम्दानी हुजाए, अब्बे आम्दानीके स्रोत बन्द हुई पुगल,’ उहाँ कहलै– ‘दिनभर अपने खेतबारी हेरिट । साँझ घरमे आइल  पाहुना हेरे भ्याइट । पाहुना स्वागत सत्कारसे आइल पैसासे घरके छोटमोट गुजारा चले ।’

                माघी होमस्टे २०७१ साल साउन १० गतेसे सञ्चालनमे आइल होमस्टे सञ्चालक समितिके अध्यक्ष भगतचन्द्र चौधरी बटैलै । होमस्टेमे परम्परागत सजावटके १५ घर बटै । जौन घर कृषि विकास मन्त्रालयसे २५ लाखके लागतमे निर्माण करडेहल हो ।  एक ठो घरेम चारजाने पाहुना धारे सेक्ना क्षमता बा ।

                ‘घोडाघोडी ताल क्षेत्र घुमके लौटल पर्यटकहुकनके लाग सस्ता ओ गुणस्तरीय बसोबासके सेवा डेनाके साथे पर्यटन व्यवसायके माध्यमसे समुदायहे आर्थिक रूपमे सबल बनैना उद्देश्यसे होमस्टे सञ्चालनमे नानल रही,’ अध्यक्ष भगतचन्द्र कहलै ।

                कोरोनाके कारण सुनसान होमस्टे चहलपहल बढैना धान भित्रया सेकलपाछे फेर प्रचारप्रसारमे आघे बढ्न उहाँ बटैलै । माघी होमस्टे महेन्द्र राजमार्गसे चार किलोमिटर उत्तरमे परठ ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशमे होमस्टेके संख्या १३

                सुदूरपश्चिम प्रदेशमे होमस्टे दर्ता हुइल संख्या १३ पुगल बा । १० ठो सुदूरपश्चिम प्रदेशके उद्योग, पर्यटन, वन तथा वातावरण मन्त्रालयमे दर्ता हुइल बा । कलेसे तीन ठो संघीय मन्त्रालयमे दर्ता हुइल बा । दर्ता हुइल १३ होमस्टेमध्ये सात ठो सामुदायिक ओ छ ठो निजी होमस्टे रहल सुदूरपश्चिम प्रदेशके उद्योग, पर्यटन, वन तथा वातावरण मन्त्रालयके अधिकृत मानबहादुर साउँद बटैठै ।

                कैलालीमे भादा गाउँ सामुदायिक होमस्टे, माघी थारु गाउँ सामुदायिक होमस्टे, बसन्ता कोरीडोर थारु होमस्टे, बसेरा थारु होमस्टे सञ्चालनमे रहल बटै ।

                ओस्टेक, कञ्चनपुरमे रानाथारु सामुदायिक होमस्टे विजयसाल, बैतडीमे सुशीला होमस्टे, विस्ना होमस्टे, बझाङमे मुनाल कृषि तथा पर्यटन होमस्टे, डडेल्धुरामे डोटेली होमस्टे, डोटीमे खप्तड होमस्टे ओ अछाममे कैलाशवेशी एग्रो होमस्टे रहल प्रदेशके पर्यटन मन्त्रालय जनैले बा ।

                कैलाली जिल्लास्थित गौरीगंगा नगरपालिका–१०, नुक्लीपुरमे नुक्लीपुर सामुदायिक होमस्टे सञ्चालनके लाग अनुमति पैलेसे केल कोरोनाके कारणसे उद्घाटन हुई नइपाइल सञ्चालक दिनेश थारु बटैठै ।

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