थारु लोक संस्कृति सख्या नाच गीतके छायांकन सुरु

पहुरा समाचारदाता
सुर्खेत, २६ कुवाँर । वीरेन्द्रनगरमे एक समारोहके बिच थारु लोक संस्कृति झल्कना थारु सख्या नाच गीतके छायांकन सुरु हुइल बा ।
थारुहुकनके मौलिक पहिचान बोकल सख्या नाच गीत लोप हुइटी गैल ओरसे यकर संरक्षण संवद्र्धन करेक लाग थारु कल्याण कारिणी सभा ओ लखागिन थारु उत्थान मञ्च सुर्खेतके सहकार्यमे निर्माण करे लागल हो ।
सख्या नाच गीतके संकलन, संयोजन, सम्पादन तथा निर्देशन सुर्खेतके थारु संस्कृतिविद मान बहादुर चौधरी पन्ना करलै । सख्या नाच गीतके निर्देशक मान बहादुर चौधरी (पन्ना) थारुहुक्रे संस्कृतिके धनी रहटी रहटीफे और पहाडी समाजके प्रभाव, विश्वव्यापीकरणके कारण अपने संस्कृति खोजे पर्ना अवस्था आइलप्रति सङ्केत करटी यी कार्य सुर्खेतके थारु जातिके लाग ऐतिहासिक उपलब्धि हुइल बटैले बटै ।
यी सख्या नाँच निर्माणके लाग आर्थिक सहयोग समाजसेवी सनिसरा महतमसे करलै । पश्चिमा थारु समुदायमे डशियाके समयमे अट्वारी पर्वपाछे करिब दुई महिनासम नाँचन यी नाच आजकाल्ह लोप हुई लागल ओरसे अपने लगानी करल बटैलै । गीत संस्कृति समाजके दर्पण हुइल ओरसे यैसिन रचनात्मक कार्यमे युवापुस्तासे ध्यानडेहे पर्नामे जोड डेलै ।

उद्घाटन कार्यक्रमके वडका पहुना थारु कल्याण कारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य मान बहादुर चौधरी थारु जातिके पहिचानसंग जोरल नाँच गीतके भिडियो हुई लागबेर अपने बहुट खुशी हुइल बटैलै । थारु जातिके लोक संस्कृति लोप हुइटी जैटी रहल अवस्थामे यी सख्या नाँच गीत थारु संस्कृतिमे कोसेढुङ्गा सावित हुइना बाट बटैलै । यी लाग थारु समुदाय अपनमे जागरुक हुई पर्ना बटैलै । दुसर थाकसके केन्द्रीय सदस्य कृष्ण बहादुर थारु हरेक जातिके कला संस्कृति नेपालके संस्कृति हुइल ओरसे यकर संरक्षण कैना राज्यके दायित्व हुइलेसेफे राज्य थारुहुकनके कला संस्कृति मुल्य मान्यताप्रति उदासिन हुइल बटैलै ।
कर्णाली प्रदेशके गहनाके रुपमे रहल सुर्खेती थारु जातिके संस्कृतिप्रति स्थानीय सरकार, प्रदेश सरकार गम्भीर नइहुइना दुखद रहल टिप्पणी करलै ।

कार्यक्रममे थारु कल्याणकारिणी सभाके सल्लाहके संस्कृति मानव जातिके उपज हुइल ओरसे आजके परिवर्तनशील समयमे यकर मौलिकपनके संरक्षण, नाच गीत, चालचलन ओ परम्पराके डकुमेन्ट्री बनैनाफे आवश्यक रहल औल्यइलै ।
थारु कल्याणकारिणी सभाके जिल्ला सभापति बेचुलाल चौधरीके सभापतित्वमे उद्घाटन समारोह समापन हुइल रहे । यी गीतमे यी संसारके सृष्टिसे राधा कृष्णके लीला तथा एवम् कंशके वधसमके आख्यान रहल बा । यी गीतमे राधा कंशके पत्नीके रुपमे चित्रित बाटै कलेसे कृष्णके राधासंगके प्रेमलीलामे आधारित रहल बा । करिब दुई महिनासम नाँचना यी गीत गाउँघरमे लोप हुइना अवस्थामे रहल बा ।
