किसान भोकमरीके चिन्तामे

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ८ कार्तिक । कैलारी गाउँपालिका–२, बसौटीके किसान खुसीराम चौधरी इ बरस वर्षायाममे नियमित पानी परेबर धानबाली सप्रलपाछे उत्पादन बह्रना आशामे खुशी रहिट । अधिया लेहल पौने दुई विघा जग्गामे लगाइल धान दसैँआघे कटलै । बाँधके ढारल धान दसैँ मनाइलपाछे थे्रसिड्ड कैना तयारीमे रहिट । मने, गैल अँट्वारके हुइल अविरल वर्षासे काटके खेट्वामे ढारल धान डुवानमे परल बा ।
धान बेचके नोत तेल लगायत खर्च जोहो कैना उहाँ पुरे धान नष्ट हुइलपाछे नौ जनहनके परिवार कैसिक पल्ना कहना चिन्तामे बाटै । ‘धान बेचके गुजारा चले । इ बेर सक्कु वर्वाद हुइल ।’ चौधरी दुखेसो पोख्ले, ‘साँझ–सकार छाक टर्र्ना समस्या हुइना हुइल ।’ परिवार पल्नासंगे औरे चिन्ता फेन बा, धानबाली लगाइबर लेहल ऋण तिर्ना । धानके बीया ओ मल किनक लाग उहाँ गाउँक प्रगति कृषक समूहसे २० हजार रुपैयाँ ऋण लेहल रहिट ।
चार दिनसे पानीमे डुबल धान जामे लागल बा । धानमे जर निकरके जेउरा जस्टे हुइल बा । ढारक लाग उच ठाउँ नैहोके डुबल धान फेन उठाइ नैसेकल चौधरी धान भित्र्याइना आश मारसेकल बाटै । खेट्वा खल्लाहार ठाउँमे हुइल ओरसे सक्कु खेट्वामे पानी सुखल नैहो ।
बसौटीके फुलपाती चौधरी दुई विघामे लगाइल धानबाली भिœयाइ नैसेकल हुइट । अविरल वर्षासे डुवान हुइल खेट्वामे पानी आभिन सुखाइल नैहो । काटके सुखाइक लाग ढारल धान डुवानमे परेबर खेट्वामे जामे लागल बा । पानी सुखल कि नै कहिके उहाँ बारम्बार खेट्वामे पुग्ठैै । जामे लागल धान हेर्ठै, पानी नै सुखके संकलन करे नैपाइलपाछे ढुमिल अनुहार बनाके घर अइठै ।
‘ठोर ठोर पानी सुखल ठाउँके धान संकलन कैनु । खेट्वामे आभिन ढिउर ठाउँमे पानी बा ।’ चौधरी सुनैलै, ‘चार/पाँच दिनसम डुवान होके धान जामके काम नै लग्ना हुइल बा ।’ अधिकांश धान जामल उहाँ बटैलै । बसौटी गाउँमे किल ६० विघामे काटल धान डुबल स्थानीय कृषक बटैले बाटै ।
काटके खेट्वा ढारल धान नष्ट हुइलपाछे धनगढी उपमहानगरपालिका–१५, कनरीके गंगाराम चौधरी फेन परिवार कैसिक पल्ना कना चिन्ता हुइल बा । उहाँ दसैंके बीच्चे धान काटके सुखाइ राखल रहिट । मंगरके उठेबर ओहकान खेट्वा धान नैरहे, लडिया बहटहे । खेट्वामे पेलल् खुटिया लडिया उहाँ उठ्टसम धान पुहासेकल रहे । बचल कुछ धान बचाइक लाग उहाँ पानीमे कुडलै ।
‘ठोरचे बचैनु, बाँकी सक्कु लडिया पुहाडेहल । मोर उठ्टसम टे धानके सैको लाउ जस्टे पानीमे उत्राइल रहे,’ उहाँ कहलैै । दुई बिघामे धानमध्ये कुछ धान उहाँ खेट्वामे सैको बनाके ढारल रहे । धान पुहाइलपाछे ६ जनहनके परिवार भुखभुखे बैठे पर्ना अवस्था रहल दुखेसो उहाँ सुनैलै । ‘घरमे अन्न नैहो, भित्र्याइना तयारीमे रहल धान लडिया पुहाडेहल,’ उहाँके चिन्ता रहे, ‘आब छाक कैसिक टर्ना हो ?’ उहाँ आपन पीडा सुनैटी रहल रुइ किल नैसेकलै, आँखीमे भर आँस रहे ।
कनरीके जागुराम चौधरीके फेन एक बिघामे लगाइल धान लडियासे पुहैले बा । ओहकान अवस्था फेन गंगारामसे फरक नैहो । असमयमे हुइल अविरल वर्षा ओ खेट्वामे उर्लल् खुटिया लडियासे उहाँके नै सोचल हुइल । ‘खेट्वामे सुखाइ राखल रहे, दसैँपाछे भित्र्याइम कना सोँच रहे । दसैँ नै रहट कलेसे भित्र्या सेक्टु,’ उहाँ कहलै, ‘धानजत्रा खुटिया लडिया पुहालैगिल, आब खाली पेट किल बा ।’
भिœयाइना ठीक पारल धानबाली वर्षासे नष्ट करलपाछे अधिकांश किसान अस्टे पीडामे बाटै । भोकमरीके चिन्तासे आशु बहैटी रहल किसान सरकारके राहतके पर्खाइमे बाटै । एकाओर परिवार पल्ना चिन्ता बा कलेसे औरे ओर गहुँ बाली कैसिक लगैना कना चिन्ता रहल उहाँके कहाइ बा ।
अधिकांश किसान धान बेचके हिउँदे बालीके लाग गहुँके बीया ओ मलखाद किन्ना खर्चके जोहो करठै । मने धानबाली नष्ट हुइलपाछे आर्थिक समस्यासे गहुँ बोइना फेन समस्या हुइना हुइल ओरसे उहाँके दुखेसो रहल बा । औरे ओर किसान हर्क बोहरा गहुँबाली बोइ नैसेकल अवस्था रहल बटैलै ।
‘धान बेचके बिया ओ मल किन्ना करल रहुँ । भोकमरीके त्रास टे परली बा, गहुँ कैसिक बोइना कना चिन्ता फेन बा,’ उहाँ कहलै, ‘सरकारसे किसानहे राहत डेहे ।’ राहतसँगे गहुँके बीया ओ मल डेना फेन किसान सरकारसँग माग करले बाटै ।
