थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २२ कार्तिक २६४९, शुक्कर ]
[ वि.सं २१ कार्तिक २०८२, शुक्रबार ]
[ 07 Nov 2025, Friday ]

मल नैपाके गोहुँ बोइनी ढिला

पहुरा | ५ मंसिर २०७८, आईतवार
मल नैपाके गोहुँ बोइनी ढिला

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ५ कार्तिक ।
एक महिना आघे खेटुवा मन्से धान ओसारसेकल किसान जगतराम चौधरी मल नइपाके गोहुँ बोई नइपैले हुइट ।

गोदवारी नगरपालिका–९, सेहरीके किसान जगतराम एक अठुवार आघे खेतुवा जोतके सपारल, मने रसायानिक मलके आशमे बोइनी ढिला हुईल कहटी चिन्तित बटै । ‘आने साल कार्तिक २० गतेसम सक्कु बुइनी ओरुवा डारी’, उहाँ कहलै, ‘यी सालभर बैमासमी पानीसे ढिला खेतुवा जोटाई सुरु हुइल अब्बे मलके आशमे अभिनसम गोहुँ बुई नइपैले हुई, बुइनी ढिला हुइलेसे एक ओर खेतुवक ओड जाई सेक्ना, दुसर ओर खेती पछेल्ना डर रहल बा ।’

धनगढी उपमहानगरपालिका–८, धनगढी गाउँक किसान धोखे राना रसायानिक मलके लाग ढेर जैसिन सहकारीमे दौडधुप करलै, मल पैना आशमे लाइनफे लागल मने कुछ विकल्प नइपाइलपाछे खिस्याइल जिउ इण्डियाके मल नानके गोहुँ बुइटी रहल बटैलै । ‘नेपाली मलखादके आशमे एक अठुवार ढिला हुगिनु उहाँ कहलै, ‘भर्खर बुइनी सुरुवाट करटु अभिन अक्केफे गोहुँ नइबुइले हुँ, कहाँसे मल नन्ना हो ।’

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ के किसान वीरकुमार चौधरी मलके आशमे अभिनसम सक्कु खेटुवा बोया नइसेकल बटैठै । ‘आलु ओ लाही बोईबेर जेहोर टेहोरसे जोहो करके बुइली’, उहाँ कहलै ‘आवश्यकता अन्सार मल नइपाके गोहँु बुइनी बाँकी बा ।’

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर २ बसौटीके किसान लक्ष्मीनारायण चौधरीफे समयमे आवश्यकता अन्सार मल नइपाके खेती पछगुरल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘नेपाली मल पाइक लाग सहकारीके शेयर सदस्य हुई पर्ना, लाइन लग्लेसेफे आवश्यकता अन्सार मलफे नइमिल्ना अवस्था बा ।’ इण्डियासे मल नन्लेसे कोरोना भाइरसके डर, दुसर ओर नेपाल प्रहरीके रोक लगाइल ओरसे कैसिक गोहुँ हुइना चिन्तित रहल चौधरी बटैठै ।

सरकारसे अनुदानमे किसानहे उपलब्ध करैना मल वितरण कैना जिम्मा पाइल कृषि सामग्री कम्पनी ओ साल्ट ट्रेडिङ कर्पोरेशनसे भर भैरवाहसे ढुवानी नइहुइल कारण समस्या हुइल दाबी करटी बटै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके ९ जिल्लामे मागके ७० प्रतिशत आपुर्ति कैना जिम्मा पाइल कृषि सामग्री कम्पनी धनगढीके निमित्त प्रमुख रुपबहादुर कुँवर भैरवाहके प्रादेशिक कार्यालयसे ढुवानी नइकरडेके समस्या हुइल सुनैलै । ‘हम्रे सावनसे बारबार भैरवाहके प्रादेशिक कार्यालयहे ताकेता करटी आइल बटी,’ कुँवर कहलै, ‘मने टमान कारण डेखाके अभिनसम माग अनुसारके मल ढुवानी करल नइहो । आब हम्रे किसानहे भैरवाह पठैना सोचमे बटी ।’ उहाँक अनुसार सुदूरपश्चिममे पाँच हजार मेट्रिक टन डीएपी ओ चार हजार मेट्रिक टन युरिया मलके आपुर्ति कृषि सामग्री कम्पनीसे कैना हो मने अभिनसम ८४ टन डीएपी मल केल वितरण करे सेकल बा ।

बाँकी रहल ३० प्रतिशत मलके आपुर्ति कैना जिम्मा पाइल साल्ट ट्रेडिङ कर्पोरेशन धनगढीसेफे भैरवाहसे मल नइपठाइल कारण समस्या हुूइल दाबी करले बा । साल्ट ट्रेडिङ कर्पोरेशन धनगढीके प्रमुख केशव पाण्डे कहठै, ‘भैरवाहसे मल आइल नइहो । ठोरठोर अइटी रहल युरिया किसानहे वितरण करटी रहल बटी मने अन्तराष्ट्रिय बजारमे अभाव हुइल ओरसे डीएपी तत्काल अइना सम्भावना नइहो ।’

सरकारसे अनुदानमे डेना मल पाई नइसेकलपाछे किसान भारतसे अवैध रुपमे भिटराइल गुणस्तरहीन मलके प्रयोग कैना बाध्य हुइटी बटै ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू